Biography of Nimbarkacharya | निम्बार्काचार्य जी का जीवन परिचय, रचनाएं व कार्य

By | December 26, 2023
Biography of Nimbarkacharya
Biography of Nimbarkacharya

प्रस्तावना

कृष्ण भक्ति शाखा के वैष्णव संप्रदाय के प्रवर्तक निम्बार्काचार्य जी हैं. वे निम्बाक सम्प्र्दाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं. उन्होंने द्वैताद्वैत के सिद्धांत का प्रतिपादन किया था. अथार्थ जीव और ब्रह्म दोनों की सत्ता अलग-अलग है. ऐसा कहा जाता है, कि व्यास जी निंबार्काचार्य के समकालीन थे. उन्होंने सिद्धांतों की स्थापना के साथ-साथ 5 ग्रंथों का प्रणयन भी किया था. हम यहाँ निम्बार्काचार्य जी का जीवन परिचय (Biography of Nimbarkacharya). और उनसे जुड़ी वो रोचक और अद्भुत जानकारी यहाँ शेयर करने वाले है. जिसके बारे में आप अबसे पहले अनजान थे. तो दोस्तों चलते है और जानते है निम्बार्काचार्य जी रोचक जानकारी.

निम्बार्काचार्य जी का जीवन परिचय (Biography of Nimbarkacharya)

निम्बार्काचार्य जी का जन्म 1162 ईस्वी के आसपास माना जा सकता है. वे मैसूर के बेल्लारी जिले के निम्बापुर नामक नगर में जन्मे थे. उनके बचपन का नाम नियमानन्द तथा आरुणि था. पिता का नाम तरुण मुनि तथा माता का नाम जयंती देवी था. अपने ब्रह्मपुत्र भाष्य में उन्होंने अपने गुरु का नाम नारद बताया है. कहा जाता है कि एक बार मथुरा (उत्तर प्रदेश) के कोई जैन साधु उन से चर्चा करने आए हुए थे. इस आध्यात्मिक चर्चा में दोनों इतने अधिक लीन हो गए, कि उन्हें समय का ध्यान ही नहीं रहा. जैन साधु के भोजन की बेला टल गई.

जिससे उन्हें बहुत पश्चाताप हुआ, मन में कितनी वेदना हुई कि शांत भाव से ईश्वर का ध्यान करते बैठ गए. चमत्कार ऐसा हुआ कि आश्रम के नीम के वृक्ष के ऊपर सूर्य देवता अपना प्रकाश डाल रहे थे. उन्होंने जैन साधु को जैसे ही भोजन करवाया सूर्य देवता अंतर्ध्यान हो गए. नीम के वृक्ष के ऊपर अर्थात सूर्य का दर्शन कराने के कारण उनका नाम निम्बार्काचार्य पड़ गया. उनकी कर्मभूमि ब्रजमंडल रही वृंदावन, गोवर्धन, नीमगांव आदि स्थानों में घूम कर उन्होंने अपने सिद्धांतों का प्रचार किया. उनके प्रमुख चार शिष्य थे, उन्हें भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र का अवतार भी माना जाता है.

Summary

नामनियमानन्द
उपनामनिम्बार्काचार्य, आरुणि
जन्म स्थाननिम्बापुर, मैसूर
जन्म तारीख 1162 ईस्वी
वंश
माता का नामजयंती दे
पिता का नामतरुण मुनि
पत्नी का नाम
उत्तराधिकारी
भाई/बहन
प्रसिद्धिसंत, दार्शनिक
रचनावेदान्तसौरभ’, ‘वेदान्तकामधेनुदशश्लोक’, गीताभाष्‍य’, ‘कृष्‍णस्‍तवराज’, ‘गुरुपरम्‍परा’, ‘वेदान्‍ततत्‍वबोध’, ‘वेदान्‍तसिद्धान्‍तप्रदीप’, ‘स्‍वधर्माध्‍वबोध’, ‘ऐतिह्यतत्‍वसिद्धान्‍त’, ‘राधाष्‍टक’ आदि है
पेशासंत, दार्शनिक
पुत्र और पुत्री का नाम
गुरु/शिक्षकनारद
देशभारत
राज्य क्षेत्रउत्तर प्रदेश
धर्महिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय
भाषाहिंदी, संस्कृत, ब्रज
मृत्यु
मृत्यु स्थानमथुरा
जीवन काल
पोस्ट श्रेणीBiography of Nimbarkacharya (निम्बार्काचार्य की जीवनी)
Biography of Nimbarkacharya

निम्बार्काचार्य जी की रचनाएं व कार्य

निम्बार्काचार्य जी ने अपने सिद्धांतों की स्थापना के लिए 5 ग्रंथो का प्रणयन किया जो इस प्रकार है. वेदान्तसौरभ’, ‘वेदान्तकामधेनुदशश्लोक’, गीताभाष्‍य’, ‘कृष्‍णस्‍तवराज’, ‘गुरुपरम्‍परा’, ‘वेदान्‍ततत्‍वबोध’, ‘वेदान्‍तसिद्धान्‍तप्रदीप’, ‘स्‍वधर्माध्‍वबोध’, ‘ऐतिह्यतत्‍वसिद्धान्‍त’, ‘राधाष्‍टक’ आदि है. इनमें वेदान्तसौरभ’, ‘वेदान्तकामधेनुदशश्लोक’ ये दो ग्रन्‍थ ही वर्तमान में उपलब्‍ध हैं. ‘निम्‍बार्क सम्‍प्रदाय द्वैताद्वैतवादी है. निम्बार्काचार्य जी अनुसार जीवन पारब्रह्म का अंश है.

ईश्वर सबका नियंता है. वह जीवन अणु का दुष्टा है. ईश्वर को जीव भक्ति द्वारा प्राप्त कर सकता है. कृष्ण भक्ति में राधा और कृष्ण दोनों की ही प्रार्थना की जानी चाहिए. वामभाग में राधा के साथ कृष्ण जी उपाध्याय हैं. अतः श्री और लक्ष्मी दोनों ही रूपों में राधा कृष्ण के साथ प्रकट होती है. दांपत्य भक्ति ही श्रेष्ठ भक्ति है. उन्होंने भी मानवतावादी धर्म का प्रचार किया था.

उपसंहार

श्री निंबार्काचार्य के अनेक मंदिर उत्तर भारत में विद्यमान हैं. राजस्थान के सलेमाबाद में इस संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी है. वृन्दावन में बड़ी पुंज आराधना स्थल है. आज भी उनके अनुयाई उत्तर भारत में मिलते हैं. भक्ति में द्वैताद्वैत के सिद्धांत के कारण उनका महत्व है.

भारत के महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जुन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Biography of Nimbarkacharya

भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Biography of Nimbarkacharya

Youtube Videos Links

आदिगुरु शंकराचार्य की जीवनीhttps://youtu.be/ChQNNnW5BpI
महादानी राजा बलि की जीवनीhttps://youtu.be/Xar_Ij4n2Bs
राजा हरिश्चंद्र की जीवनीhttps://youtu.be/VUfkrLWVnRY
संत झूलेलाल की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4s
महर्षि वाल्मीकि की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206s
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38s
गुरु गोबिंद सिंह की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11s
भक्त पीपा जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJw
गुरुभक्त एकलव्य की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232s
कृष्णसखा सुदामा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217s
मीराबाई की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3s
गौतम बुद्ध की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4s
गुरु नानक जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21s
श्री कृष्ण की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1s
भगवान श्री राम की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52s
मलूकदास जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8g
श्री जलाराम बापा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6s
Biography of Nimbarkacharya

FAQs

Q- निम्बार्काचार्य जी के प्रमुख पाँच शिष्य कौन कौन थे?

Ans- निम्बार्काचार्य जी के प्रमुख पाँच शिष्य स्वामी हरिव्यासा देवकार्य,स्वामी स्वभूराम देवचार्य, स्वामी हरिप्रिया सरना देवकाचार्य, स्वामी ललिता सरना देवकाचार्य, स्वामि राधा सर्वेश्वरा सरना देवकाचार्य माने जाते है.

भारत की संस्कृति

2 thoughts on “Biography of Nimbarkacharya | निम्बार्काचार्य जी का जीवन परिचय, रचनाएं व कार्य

  1. Nand Kishore

    Excellent article. I’m dealing with some of these issues as well..

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *