Biography of Guru Arjun Dev | गुरु अर्जन देव जी

By | December 18, 2023
Biography of Guru Arjan Dev Ji
Biography of Guru Arjan Dev Ji

भारतीय धर्मों में सिख धर्म का अपना विशेष योगदान रहा है इस धर्म में ऐसे कई संप्रदाय और धार्मिक गुरु हुए हैं. जिनमें किसी संप्रदाय में गृहस्थ जीवन वर्जित था. तो किसी संप्रदाय में गृहस्थ जीवन का कोई बाधक नहीं था. गृहस्थ जीवन का पालन करते हुए जिन लोगों ने अपने आदर्शों और विचारों से आध्यात्मिक उन्नति की उनमें गुरु अर्जुन देव का नाम सर्वोपरि है. गुरु अर्जुन देव शिखो को के पांचवें गुरु थे. हम यहाँ गुरु अर्जुन देव जी की जीवनी (Biography of Guru Arjun Dev Ji)और उनसे जुड़ी रोचक जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले है. इस लिए दोस्तों गुरु अर्जुन देव जी की अद्भुत जानकारी के लिए बने रहे हमारे साथ अंत तक.

गुरु अर्जन देव जी कौन थे?

गुरु अर्जन देव शिखो को के पांचवें गुरु थे. गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 1620 वैशाख कृष्ण सप्तमी (15-अप्रैल-1563) को गोविंदवाल अमृतसर पंजाब में हुआ था. उनके पिता गुरु राम दास जी थे जो सीखो के चौथे गुरु थे, तथा माता बीबी भानी धार्मिक संस्कार संपन्न थे. गुरु अर्जन देव अपने माता-पिता के परम भक्त थे, और धार्मिक विचारों वाले व्यक्ति थे. उनके दो विवाह हुए, पहला विवाह मोडगांव के चंद्र दास खत्री की कन्या रामदेवजी से हुआ. रामदेवजी से कोई संतान नहीं थी. दूसरा विवाह गंगादेवी जी से हुआ था. दूसरी पत्नी गंगा देवी से जो पुत्र पैदा हुआ उसका नाम हरगोविंद था. जो सिखों के छठे गुरु भी हुए थे.

ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਸ਼ਿਖੋ ਦੇ ਪੰਜਵੇਂ ਗੁਰੂ ਸਨ. ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਦਾ ਜਨਮ 1620 ਵੈਸਾਖ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਸਪਤਮੀ (15-ਅਪ੍ਰੈਲ-1563) ਨੂੰ ਗੋਵਿੰਦਵਾਲ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਹੋਇਆ ਸੀ. ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਪਿਤਾ ਗੁਰੂ ਰਾਮਦਾਸ ਜੀ ਸਨ, ਜੋ ਵਿਦਿਆ ਦੇ ਚੌਥੇ ਗੁਰੂ ਸਨ, ਅਤੇ ਮਾਤਾ ਬੀਬੀ ਭਾਨੀ ਇੱਕ ਧਾਰਮਿਕ ਆਗੂ ਸਨ. ਗੁਰੂ ਅਰਜਨ ਦੇਵ ਜੀ ਆਪਣੇ ਮਾਤਾ-ਪਿਤਾ ਦੇ ਬਹੁਤ ਸ਼ਰਧਾਲੂ ਸਨ, ਅਤੇ ਧਾਰਮਿਕ ਵਿਚਾਰਾਂ ਵਾਲੇ ਵਿਅਕਤੀ ਸਨ. ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੋ ਵਿਆਹ ਸਨ, ਪਹਿਲਾ ਮੋਡਗਾਓਂ ਦੇ ਚੰਦਰ ਦਾਸ ਖੱਤਰੀ ਦੀ ਪੁੱਤਰੀ ਰਾਮਦੇਵ ਜੀ ਨਾਲ ਸੀ. ਰਾਮਦੇਵ ਜੀ ਤੋਂ ਕੋਈ ਬੱਚਾ ਨਹੀਂ ਸੀ. ਦੂਜਾ ਵਿਆਹ ਗੰਗਾਦੇਵੀ ਜੀ ਨਾਲ ਹੋਇਆ. ਦੂਜੀ ਪਤਨੀ ਗੰਗਾ ਦੇਵੀ ਦੇ ਘਰ ਜੋ ਪੁੱਤਰ ਪੈਦਾ ਹੋਇਆ, ਉਸ ਦਾ ਨਾਂ ਹਰਗੋਵਿੰਦ ਸੀ. ਜੋ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਛੇਵੇਂ ਗੁਰੂ ਵੀ ਸਨ.

Summary

नामगुरु अर्जुन देव
उपनामअर्जुन देव, शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज, ब्रह्मज्ञानी
जन्म स्थानगोविंदवाल अमृतसर पंजाब
जन्म तारीख15-अप्रैल-1563
वंशसोढ़ी खत्री
माता का नामबीबी भानी
पिता का नामगुरु राम दास जी
पत्नी का नामरामदेव जी, गंगादेवी जी
प्रसिद्धितरण तारण का निर्माण, दरबार साहब निर्माण (गोल्डन टेम्पल अमृतसर), करतारपुर शहर बसाया, गुरु ग्रंथ साहब का संकलन तथा संपादन किया
पेशाधार्मिक गुरु, कवि
बेटा और बेटी का नामहरगोविंद
गुरु/शिक्षकगुरु रामदास जी
देशभारत
राज्य छेत्रपंजाब
धर्मसिख
राष्ट्रीयताभारतीय
मृत्यु30 मई, सन् 1606 ईस्वी
पोस्ट श्रेणीBiography of Guru Arjan Dev Ji (गुरु अर्जुन देव की जीवनी)
Biography of Guru Arjan Dev Ji

गुरु अर्जुन देव जी का सिख धर्म के लिए क्या योगदान दिया?

गुरु अर्जुन देव ने अमृतसर में मंदिर बनवाया, जिसे हरमंदर साहब या दरबार साहब भी करते हैं. इस मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की पूजा की जाती है. उन्होंने तरण तारण का निर्माण कर वहां एक तालाब बनवाया. व्यास और सतलज नदियों के बीच शहर बसाया उसे आज करतारपुर के नाम से जानते हैं. उनके कई धार्मिक तथा व्यक्तिगत शत्रु थे. जिन्होंने उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचे मुगल बादशाह अकबर का मंत्री बीरबल अर्थ मंत्री चन्दूशाह उनका भाई प्रिथिया जिन्होंने उनके पुत्र हरगोविंद को जहर देकर मारने का षड्यंत्र किया था.

अपने संघर्ष में जीवन में उन्होंने शांति गंभीरता समाज एकता,छमा शक्ति का परिचय दिया. धर्म से विचिलित हुए बिना उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की. गुरु ग्रंथ साहब का संकलन तथा संपादन किया. चारों गुरुओ की यथार्थ वाणी की संग्रह किया. कबीरदास, रैदास, फरीद, जय देव आदि की रचनावो को भी श्लोको और गुरु वाणी में लिखवाया. 43 वर्ष की आयु में गुरु अर्जुन देव को धर्म की वेदी पर बलिदान होना पड़ा था. चन्दूशाह का भाई प्रिथिया बादशाह अकबर से झूठी शिकायत कर उनके कान भरे की, गुरु ग्रंथ साहब में मुस्लिम पैगंबर के बारे में निंदा लिखी हुई है. बादशाह ने उनसे गुरुग्रंथ साहब को नष्ट करने तथा दो लाख जुर्माना देने को कहा. उन्होंने अस्वीकार करते हुए, कहाँ न तो हिंदुओं के बारे में कुछ लिखा और न ही मुसलमानों के बारे में.

गुरु अर्जुन देव जी कैसे शहीद हुए?

मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव को जेल खाने में डालते ही मानसिक यातनाएं देनी शुरू कर दी. उन पर गरम गरम रेत डाली गई, जलती हुई लाल कढ़ाई में बिठाया गया. माया और धर्म का पर्दा उनके भीतर से हट चूका था. तो सतगुरु का प्रकाश रोम रोम में लोकगीत हो रहा था. 5 दिन लगातार कारागार में बिताने के बाद. उन्होंने रावी नदी में स्नान करने की इच्छा जताई. स्नान करने के लिए निकले तो लोगो ने देखा. उनका शरीर पूरी तरह से फफोलो से भरा हुआ था. पर उनके चेहरे पर सद्गुरु की ज्योति थी, वे वाहेगुरु वाहेगुरु जाप करते हुए आगे बढ़ रहे थे.

1663 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 मई, सन् 1606 के दिन उन्होंने अपने शरीर की केंचुली छोड़ दी. दुस्ट दृष्ट चंदूशाह की दयावान धार्मिक पुत्रवधू इस समाचार को पाकर मूर्छित हो गई और उसने भी अपनी देह त्याग दिया था. सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव गुरु ने गुरु ग्रंथ साहब की रचना और पंजाब में स्वर्ण मंदिर के निर्माण के रूप में बड़ी श्रद्धा और आदर के साथ याद किया जाता रहेगा. धन्य है वह महापुरुष जिन्होंने अपने आदर्शों के लिए मरना स्वीकार किया पर सिद्धांतों से समझौता करना स्वीकार नहीं किया था.

गुरु अर्जुन देव जी का गुरुद्वारा कहाँ है?

दोस्तों जब मुगल शासक जहांगीर के आदेश के मुताबिक, गुरु अर्जन देव जी को पांच दिनों तक तरह-तरह की यातनाएं दी गईं थी. लेकिन उन्होंने शांत मन से सबकुछ सहा, अंत में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि संवत् 1663 (30 मई, सन् 1606) को उन्हें लाहौर में भीषण गर्मी के दौरान गर्म तवे पर बिठाया. उनके ऊपर गर्म रेत और तेल डाला गया.

लगातार यातनाओ के कारण गुरु अर्जन देव जी मूर्छित हो गए. तो उनके शरीर को रावी की धारा में बहा दिया गया. उनके स्मरण में रावी नदी के किनारे गुरुद्वारा डेरा साहिब का निर्माण कराया गया, जो वर्तमान में लाहौर पाकिस्तान में है. दोस्तों गुरु अर्जन देव जी का पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित रहा है. वे दया और करुणा के सागर थे. वे समाज के हर समुदाय और वर्ग को समान भाव से देखते थे. उनके सामाजिक जागृति और कार्य के लिए भारत उनका हमेसा ऋणी रहेगा.

महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

1857 ईस्वी की क्रांति के महान वीरों की जीवनी और रोचक तथ्य

1857 ईस्वी क्रांति के महान वीरों की गाथा1857 की क्रांति में महान रानियों का योगदान
अजीजन बेगम की जीवनीअकबर खान की जीवनी
अज़ीमुल्लाह खान की जीवनीपृथ्वीराज चौहान III की जीवनी
आनंद सिंह जी की जीवनीअवन्ति बाई लोधी की जीवनी
अमरचंद बांठिया जी की जीवनीस्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी
बंसुरिया बाबा की जीवनीतात्या टोपे की जीवनी
मंगल पांडे की जीवनीमहारानी तपस्विनी की जीवनी
बेगम हजरत महल की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
भास्कर राव बाबासाहेब नरगुंडकर कौन थेकुमारी मैना की जीवनी
महारानी जिंदा कौर की जीवनीवीर सुरेंद्र साय की जीवनी
झलकारी बाई की जीवनीवृंदावन तिवारी की जीवनी
तिलका मांझी की जीवनीसूजा कंवर राजपुरोहित की जीवनी
पीर अली की जीवनीबाबू कुंवर सिंह की जीवनी
ईश्वर कुमारी की जीवनीठाकुर कुशल सिंह की जीवनी
उदमी राम की जीवनीचौहान रानी की जीवनी
जगत सेठ रामजीदास गुड़ वाला की जीवनीजगजोत सिंह की जीवनी
ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
Biography of Guru Arjan Dev Ji

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Biography of Guru Arjan Dev Ji

भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Biography of Guru Arjan Dev Ji

Youtube Videos Links

https://youtu.be/ChQNNnW5BpIआदिगुरु शंकराचार्य की जीवनी
https://youtu.be/Xar_Ij4n2Bsमहादानी राजा बलि की जीवनी
https://youtu.be/VUfkrLWVnRYराजा हरिश्चंद्र की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4sसंत झूलेलाल की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206sमहर्षि वाल्मीकि की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38sसंत ज्ञानेश्वर जी की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11sगुरु गोबिंद सिंह की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJwभक्त पीपा जी की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232sगुरुभक्त एकलव्य की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217sकृष्णसखा सुदामा की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3sमीराबाई की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4sगौतम बुद्ध की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21sगुरु नानक जी की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1sश्री कृष्ण की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52sभगवान श्री राम की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8gमलूकदास जी की जीवनी
https://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6sश्री जलाराम बापा की जीवनी
Biography of Guru Arjan Dev Ji

FAQs

Q- गुरु अर्जुन देव जी की मृत्यु कब और कैसे हुई?

Ans- सीखो के पांचवे गुरु अर्जुन देव जी की मृत्यु वर्तमान पाकिस्तान के लाहौर में 30 मई, सन् 1606 को हुई थी.

भारत की संस्कृति

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *