History and Tourist Places of Bihar | बिहार का इतिहास

By | September 16, 2023
History and Tourist Places of Bihar
History and Tourist Places of Bihar

अपनी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध बिहार राज्य हमेशा सुर्खियों में रहता है. यहां के रीति रिवाज बहुत ही विचित्र हैं. विशेषकर ग्रामीण इलाकों में लगभग 95000 हजार वर्ग किमी के क्षेत्रफल में विस्तृत इस राज्य की कुल जनसंख्या 14 करोड़ के आसपास हैं. इस राज्य की शिक्षा दर 63% के लगभग है. देश के इसी पूर्व राज्य के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में झारखंड और पश्चिम में उत्तर प्रदेश है. जिसकी राजधानी पटना है 15 नवंबर सन 2000 को मूल राज्य बिहार से काटकर बनाए गए नए प्रदेश झारखंड के बाद इस राज्य के क्षेत्रफल और खनिज सम्पदा में बहुत ही ज्यादा कमी आई है. हम यहाँ बिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल (History and Tourist Places of Bihar) की वो रोचक जानकारी शेयर करने वाले है.

जिसके बारे में आप अब से पहले अनजान थे. तो दोस्तों चलते है और जानते है बिहार की आश्चर्यजनक जानकारी.

बिहार का इतिहास (History of Bihar)

बिहार का इतिहास काफी प्राचीन है. यह साम्राज्यवादी और भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का मुख्य केंद्र था. बिहार नाम की उत्पत्ति संस्कृत शब्द विहार बौद्ध मठ से हुई है. इससे यह प्रतीत होता है, कि प्राचीन काल में यहां बहुत सारे बौद्ध धर्म के अनुयायी यहाँ निवास करते थे. संभवत 1500 पूर्व में शुरू हुए वैदिक काल के बिहार के मैदान में अनेक राज्य थे. गंगा के उत्तर में विदेह राज्य था. जिसके राजा जनक थे जो भगवान श्री राम की पत्नी सीता के पिता थे. उसी काल में पटना से लगभग 70 किमी दक्षिण पूर्व में प्राचीन राज्य मगध की राजधानी राजगीर थी. पूर्व में अंग राज्य था, जिसकी राजधानी चंपा वर्तमान भागलपुर के समीप थी. बाद में दक्षिणी विदेह से एक नए राज्य का उदय हुआ जिसकी राजधानी वैशाली बनी.

पटना बिहार की राजधानी कब से है?

लगभग 700 ईसवी पूर्व में वैशाली वह विदेह राज्यों को विलीन कर दिया गया. इसे इतिहास में पहला गणराज्य माना जाता है. ईसा पूर्व की छठ वी सदी के दौरान मगध में ही महात्मा बुद्ध ने अपने धर्म का विकास किया था. और वैशाली में जन्मे महावीर ने जैन धर्म की स्थापना की थी. लगभग 475 ईसवी पूर्व में मगध की राजधानी पाटलिपुत्र थी. जो वर्तमान समय में पटना के नाम से प्रसिद्ध हुई और ये वर्तमान में बिहार राज्य की राजधानी भी है. यह अशोक लगभग 268 ईसवी पूर्व से 238 ईसवी पूर्व तक भारत के शासक और गुप्त शासक जिसने चौथी पांचवी शताब्दी में भारत पर शासन किया के अधीन पांचवी शताब्दी के मध्य व उत्तर उत्तरार्ध में हूणों आक्रमण तक मगध की राजधानी बनी रही.

छठी शताब्दी के मैं सोन नदी के मार्ग बदलने से यह शहर पूरी तरह बर्बाद हो गया था. चीनी तीर्थयात्री ह्वेन त्सांग के अनुसार 637 ईसवी में शहर में कुछ ही लोग निवास करते थे. इस शहर ने अपने गौरव को कुछ हद तक पुनः प्राप्त किया. लेकिन शंकास्पद बात कि यह कभी पाल साम्राज्य (775 से 1200) की राजधानी रही. आगामी मुस्लिम काल 1200 से 1765 के दौरान बिहार का कोई खास स्वतंत्र इतिहास नहीं रहा. 1765 में ब्रिटिश शासन के अधीन आने वाले छोटा नागपुर के साथ बंगाल राज्य में शामिल किए जाने तक यह बिहार राज्य इकाई बना रहा.

बिहार की आजादी के लिए आंदोलन?

वर्तमान में झारखंड में शामिल छोटा नागपुर का अधिकांश भाग वनाच्छादित वह स्थानीय आदिवासी सरदारों द्वारा शासित था. 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में 19वीं शताब्दी के शुरुआत के बीच मैदानी इलाकों में धीरे-धीरे ब्रटिश सत्ता ने अपना अधिकार कर लिया. और छोटा नागपुर में समय-समय पर इसके विरुद्ध विद्रोह भी होता रहा. सन 1820 से 1827 तक का हो आंदोलन और मुंडा विद्रोह सबसे महत्वपूर्ण थे. कालांतर में यह राज्य ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध सन 1857 से 1859 के विद्रोह बगावत का एक प्रमुख केंद्र बना. सन 1912 में बिहार, उड़ीसा राज्य के गठन तक यह बंगाल पर प्रसिडेंसी का एक अंग था. सन 1936 में इन दोनों को विभाजित कर अलग राज्य का दर्जा दिया गया. देश को ब्रिटिश प्रशासन से मुक्त कराने में भी बिहार का योगदान उल्लेखनीय रहा है.

अहिंसक विरोध विरोध के समर्थक राष्ट्रवादी नेता महात्मा गांधी ने उत्तर बिहार के चंपारण क्षेत्र में नील के खेतों के मालिकों के ऊपर हो रहे शोषण के खिलाफ पहली बार सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी. स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और स्वतंत्र भारत के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म पटना के पश्चिमोत्तर में सारण जिले में हुआ था. सन 1947 में भारत के आजादी के समय ही बिहार की बूथ इकाई बना और सन 1948 में छोटे राज्यों सरायकेला, खरसावां को इस में मिला दिया गया, 1956 में जब भाषाई आधार पर भारतीय राज्यों का पुनर्गठन किया जा रहा था, तब लगभग 8133 वर्ग किमी क्षेत्र बिहार से बंगाल को स्थानांतरित कर दिया गया. बिहार में आजादी के बाद पहली बार सन 1990 में केंद्र में सत्तारूढ़ दल से अलग पार्टी की सरकार निर्वाचित हुई थी.

बिहार की जिला सूचि और प्रमुख नगर

दोस्तों बिहार में कुल मिलाकर 39 ज़िले है, जनसँख्या को मानक माने तो पटना सबसे बड़ा ज़िला है. और शेखपुरा सबसे छोटा ज़िला है, क्षेत्रफल के मानको में पश्चिम चंपारण सबसे बड़ा जिला है और शिवहर सबसे छोटा ज़िला है.

  1. जमुई
  2. किशनगंज
  3. पूर्णिया
  4. अरवल
  5. कटिहार
  6. गया
  7. मधेपुरा
  8. नवादा
  9. कोसी
  10. दरभंगा
  11. पश्चिमी चंपारण
  12. पूर्वी चंपारण
  13. शिवहर
  14. सीतामढ़ी
  15. मधुबनी
  16. सुपौल
  17. अररिया
  18. मुजफ्फरपुर
  19. गोपालगंज
  20. खगड़िया
  21. भागलपुर
  22. बांका
  23. मुंगेर
  24. सिवान
  25. सारण
  26. वैशाली
  27. समस्तीपुर
  28. बेगूसराय
  29. लखीसराय
  30. शेखपुरा
  31. बक्सर
  32. भभुआ
  33. कैमूर जिला
  34. रोहतास
  35. जहानाबाद
  36. औरंगाबाद
  37. नालंदा
  38. पटना
  39. भोजपुर

भू-आकृति

बिहार गंगा नदी के द्वारा दो भागों में बटा हुआ है. एक तरफ उत्तरी बिहार मैदान है. तो दूसरी तरफ दक्षिणी बिहार मेंदान है. सुदूर पश्चिम उत्तर में हिमालय की तराई को छोड़कर गंगा का उत्तरी मैदान समुद्र तल से 75 मीटर से भी कम की ऊंचाई पर जलोढ़ समतल क्षेत्र का निर्माण करता है. और यहां बाढ़ आने की संभावना हमेशा बनी रहती है. घाघरा, गंडक बागमती, कोसी, महानंदा और अन्य नदियां नेपाल में हिमालय से नीचे उतरती हैं. और अलग-अलग दल मार्गो से होती हुई गंगा नदी में जाकर समाहित हो जाती है. झीले और गर्त लुप्त हो चुकी इन धाराओं के प्रमाण हैं.

विनाशकारी बाढ़ आने के लिए लंबे समय तक बिहार का शोक माने जाने वाली कोसी नदी अब कृत्रिम पोता रोहणो में सीमित हो गई है. उत्तरी मैदान की नई कछारी मिट्टी पाई जाती है. जिसमें बूढ़ी गंडक नदी के पच्छिम में खड़ीयायुक्त व हल्की कण वाली और पूर्व में खड़िया मुक्त व भारी कणो वाली मिट्टी मिलती है. हिमालय के भूकंपीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण यह क्षेत्र एक अन्य प्राकृतिक आपदा से प्रभावित है. संघ 1930 और 1988 में आए भयानक भूकंप से यहां जान-माल क काफी नुकसान हुआ था.

बिहार राज्य के दक्षिण पश्चिम में सोन घाटी के पार कैमूर पठार स्थित है. इसमें क्षेतीज बलुकासम की परत चुना पत्थर की परतों से ढकी हुई है. उत्तर के मुकाबले दक्षिण गंगा मैदान में ज्यादा विभिन्नता पाई जाती है. और अनेक पहाड़ियों का उत्थान कछारी फतेह से होता है. सोन नदी को छोड़कर सभी नदियां छोटी हैं. जिनके जल को सिंचाई हेतु नहरों की ओर मोड़ दिया गया है. यहां की मुर्दा काली चिकनी और पीली दोमट मिट्टी से संगठित अपेक्षाकृत पुरानी जलोढ़ है. दक्षिण की तरफ बढ़ते हुए इसकी उर्वरकता कम होती जाती है.

बिहार में घूमने लायक जगह और बिहार के प्रमुख तीर्थ और पर्यटक स्थल कौन कोनसे है?

दोस्तों बिहार के पर्यटन क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों की अधिक महत्व होता है. फिलहाल कुछ प्रमुख पर्यटक स्थलों का संक्षिप्त संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है.

  • सीतामढ़ी- इसे हिंदू तीर्थ स्थल और रामनवमी मेला के लिए जाना जाता है.
  • राजगीर- इसे प्राचीन बौद्ध संस्कृति केंद्र जैन तीर्थ स्थल मंदिर दुर्ग खनिज स्त्रोत इत्यादि के लिए जाना जाता है.
  • मधुबनी- इसे मैथिली संस्कृति केंद्र मधुबनी चित्रकला के लिए जाना जाता है.
  • नालंदा- इसे बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष संग्रहालय, बोध अनुसंधान संस्थान आदि के लिए जाना जाता है.
  • वैशाली- इसे लिच्छवीयो की प्राचीन राजधानी, महावीर स्वामी की जन्म भूमि अशोक स्तंभ, संग्रहालय बौद्ध एवं जैन तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • बक्सर- इसे हिंदू तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • किशनगंज- इसे तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • मुंगेर- इसे ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है
  • बोधगया- इसे मुख्य बौद्ध तीर्थ स्थल बोधी पेड़ स्तूप संग्रहालय के लिए जाना जाता है.
  • कटिहार- इसे रेलवे जंक्शन के लिए जाना जाता है.
  • पटना- इसे संग्रहालय गोलघर मस्जिद प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के टूटे हुए अवशेष और सिख तीर्थ स्थल पुस्तकालय, आश्रम, पुरातत्व केंद्र द्वारा संग्रह केंद्र आदि के लिए जाना जाता है.
  • भागलपुर- इसे शोध संस्थान के लिए जाना जाता है.
  • कुंडलपुर- इसे जैन मंदिर भगवान महावीर स्वामी की जन्म भूमि के लिए जाना जाता है.
  • बरौनी- इसे औद्योगिक केंद्र के लिए जाना जाता है.
  • गया- इसे मुख्य बौद्ध और हिंदू तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • मुजफ्फरपुर- इसे लीची के बाद व्यवसायिक केंद्र के लिए जाना जाता है.
  • दरभंगा- इसे मैथिली संस्कृति केंद्र और लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के लिए जाना जाता है.
  • मनेर- इसे मुस्लिम तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • बिहार शरीफ- इसे मकबरा मुस्लिम तीर्थ स्थल के लिए जाना जाता है.
  • सासाराम- इसे प्राचीनतम मकबरा झीलों के लिए जाना जाता है.

जलवायु

बिहार राज्य में तीन प्रकार की ऋतु में पाई जाती है. मार्च से मध्य जून तक ग्रीष्म ऋतु, मध्य जून से अक्टूबर तक दक्षिणी पश्चिमी मानसून वाली वर्षा ऋतु, और नवंबर से फरवरी तक शीत ऋतु होती है. सुदूर उत्तर को छोड़कर पूरे बिहार में मई के महीने में अधिक गर्मी पड़ती है. इस दौरान तापमान 35-42 डिग्री को भी पार कर जाता है. राज्य में सामान्य वार्षिक वर्षा पश्चिम- मध्य में 1016 मिली मीटर और सुदूर उत्तर में 15 24 मिली मीटर के बीच होती है. लगभग संपूर्ण वर्षा जून और अक्टूबर के बीच होती है. और सालाना वर्षा का लगभग 50% जुलाई व अगस्त महीने में होता है. शीत ऋतु वर्ष का सबसे सुहावना मौसम होता है. परंतु इस ऋतु के मध्य में ठंडी काफी पड़ती है.

बिहार राज्य की वनस्पति और प्राणी जीवन

मित्रों बिहार राज्य का लगभग 5वा भाग वनों से घिरा हुआ है. जिनमें पर्णपाती वनों का आधिपत्य अधिक है. अधिकांश वन हिमालय की तराई में पाए जाते हैं. और उनमें से अधिकांश को कृषि योग्य भूमि बनाने के क्रम में पहले ही काटा जा चुका है. हिमालय की तराई में बेशकीमती साल के पेड़ पाए जाते हैं. और बांस, सरकंडा वह घास पूरे राज्य में फैले हैं. राज्य के मैदानी इलाकों में आमतौर पर बरगद पीपल पेड़ खजूर के पेड़ काफी पाए जाते हैं. यहां के अगमेमन में बंगाल टाईगर तेंदुआ और भालू जैसे खतरनाक जानवरों को देखा जा सकता है. छोटे स्तनपाई पक्षी, साप, मछलियां सामान्यतः पूरे राज्य में मिलती हैं

जनजीवन एवं संस्कृति और भाषाएं

जनसंख्या घनत्व के आधार पर, बिहार का भारत के सभी राज्यों में प्रथम स्थान आता है. जनसंख्या के आधार पर तीसरा स्थान है. पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जबकि दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है. इंडिया के हर 9 आदमी में से एक आदमी बिहार राज्य से हैं. यहां का जनसंख्या घनत्व 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है. राज्य में लैंगिक अनुपात 1000 पुरुषों पर 916 महिलाएं हैं. बिहार की कुल जनसंख्या का लगभग 3 चौथाई भाग कृषि योग्य मैदान में केंद्रित है. कोसी नदी से उत्पादित विद्युत ने इसकी घाटी में अधिकांश को व्यवस्थित किया है. दक्षिण बिहार के मैदान की सुविकसित सिचाई की व्यवस्था विशाल जनसंख्या का भरण पोषण करती है.

बिहार के ग्रामीण इलाकों में अधिकांश लोग रहते हैं बिहार के गांवो में लगभग 89% जनता निवास करती है. यहाँ सिर्फ 11% जनसंख्या ही शहरों में रहती है. पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मुंगेर और बिहार शरीफ राज्य के प्रमुख शहर हैं. इस राज्य की कुल आबादी में सबसे ज्यादा संख्या में हिंदू हैं. दूसरे स्थान पर संख्या में मुस्लिम समुदाय है. ज्यादातर मुसलमान उत्तर बिहार खासकर पूर्वोत्तर में पूर्णिया में निवास करते हैं. हिंदू आबादी में स्वर्ण जातियां, ब्राह्मण, राजपूत, भूमिहार, कायस्थ तथाकथित पिछड़ी जातियों में यादव कुर्मी में बनिया एवं बहुसंख्यक सुविधाहीन जातियों और अनुसूचित जातियां शामिल हैं. आदिवासी जनसंख्या में ज्यादातर हिंदू और कुछ ईसाई हैं.

भाषाएं

बिहार के विभिन्न इलाकों में कई भाषाएं बोली जाती हैं. यहां की काफी जनता हिंदी, उर्दू जैसी भारतीय भाषाएं और भोजपुरी मैथिली वह मगही भाषा बोलती है. राज्य के पश्चिम जिलों में भोजपुर, रोहतास, सारण और पूर्व व पश्चिम चंपारण में भोजपुरी व दरभंगा एवं सहरसा में मैथिली और पटना गया और मुंगेर में मगही बोली जाती है.

दोस्तों बिहार के सांस्कृतिक और भाषाई क्षेत्रों में काफी धनिष्ठा है. जो यहां की एक प्रमुख विशेषता है. मैथिली प्राचीन मिथिला की भाषा है, जिसमें ब्राह्मणवादी जीवन व्यवस्था की प्रधानता है. मैथिली बिहार की एकमात्र बोली है जिसकी अपनी लिपि और समृद्ध साहित्य इतिहास है. मैथिली के प्राचीनतम और सर्वाधिक प्रसिद्ध रचनाओं में विद्यापति अपने रंगरिक वह भक्ति गीतों के लिए विख्यात है. बिहार में भोजपुरी भाषा में लिपि वृद्ध कोई साहित्य है, या नहीं इसकी कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं है. परंतु इसका मुख्य लोक साहित्य प्रचुर है. मगही का लोक साहित्य काफी समृद्ध है. आधुनिक हिंदी व उर्दू साहित्य में बिहार के मैदानी क्षेत्रों के रचनाकारों द्वारा दिया गया योगदान सराहनीय है.

बिहार में कौन कौन से त्यौहार मनाये जाते है?

इस राज्य के लोग धर्म के प्रति विशेष आस्था रखते हैं. साथ ही यहां की संस्कृति भी विशेष है. प्राचीन काल में नालंदा में विश्वविख्यात बौद्ध विश्वविद्यालय था. राजगीर और इसके समीप के प्राचीन व आधुनिक मंदिरों व धर्म स्थलों की अनेक धर्मों के श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा की जाती रही है. पावापुरी में ही जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर को महान निर्माण की प्राप्ति हुई थी. गया एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है, और इसके निकट ही बौद्ध धर्म का पवित्र स्थल बोधगया स्थित है. जहां महात्मा बुद्ध को बोधिसत्व की प्राप्ति हुई थी, इसका अपना ही महत्व है.

पटना के उत्तर में सोनपुर के समीप हरिहर क्षेत्र में प्रत्येक नवंबर में भारत के प्राचीनतम व विशाल पशु मेलों में से एक का आयोजन होता है. बिहार के अनेक हिंदू त्योहारों में होली और छठ को काफी महत्व दिया जाता है. इसमें छठ पर्व के प्रति राज्य के लोगों की काफी आस्था है.

बिहार में जो कि आदिवासियों की संख्या भी काफी है. इसलिए इनका भी काफी महत्व है. अधिकांश आदिवासी गांव में एक नृत्य मंच, ग्राम पुरोहित द्वारा इष्ट देव की पूजा के लिए एक पवित्र उपवन। वह अविवाहितओं के लिए एक साथ सोने का स्थान होता है. जनजातीय अर्थव्यवस्था में साप्ताहिक हाट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. आदिवासी त्योहारों में वसंतोत्सव और शीत उत्सव उल्लास के अवसर होते हैं. इस ईसायत, औद्योगिकरण नए संचार संपर्क को आदिवासी कल्याण कार्यक्रमों व सामुदायिक विकास योजना के कारण मूल आदिवासी संस्कृति में काफी तीव्र गति से परिवर्तन हो रहा है.

अर्थव्यवस्था

बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान काफी है. बीसवीं सदी के अंतिम चरण में खनन व विनिर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धि के बावजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में हैं. और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है. झारखंड को अलग हो जाने से इसकी समस्याएं काफी बढ़ गई है. और इसे खनिज संपदा के विशाल भंडार से वंचित होना पड़ा। निम्नतम प्रति व्यक्ति आय व अत राज्य का अदब क्षेत्र कृषि के लिए प्रयुक्त है. फिर भी जनसंख्या के दबाव में कृषि के और अधिक विकास को सीमित किया है. वहां अब बहुत कम क्षेत्र का विकास किया जाना है.

आद्र शुष्क फसल से युक्त फसल प्रणाली में जलवायु क्षेत्र के परिवर्तनसिल प्रकृति दिखाई पड़ती है. चावल पूरे राज्य में प्रमुख फसल है. लेकिन मक्का, गेहूं, जौ, चना, तिलहन, दालें अन्य महत्वपूर्ण फसले हैं. राज्य के पश्चिमोत्तर में एक सुपरभाषी क्षेत्र में गन्ना उगाया जाता है. गर्म वह निम्न भूमि में उगने वाले जुट की फसल सिर्फ सुदूर पूर्वोत्तर मैदानी जिलों में पाई जाती है.

बिहार में राज्य में 1 वर्ष के दौरान तीन फसलों का उत्पादन किया जाता है. भदई में मक्का प्रधान है, मई से जून के बीच बोई जाती है. और भादो अगस्त सितंबर में काटी जाती है. चावल की प्रधानता वाली अगली फसल जून के मध्य में बोई जाती है और अगहन दिसंबर के महीने में काटी जाती है. मुख्यतः गेहूं वाली रवि फसले वसंत ऋतु में मैदानों में पकती है. यहां के लोगों का चावल काफी पसंद है. राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रकार के फलों के बगीचे देखे जा सकते हैं.

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साथ ही सब्जी के उत्पादन को भी यहां के लोगों ने प्राथमिकता दी है. इसके 2 जिले मुजफ्फरपुर और दरभंगा विशेष रूप से आम केले और लीची के लिए प्रसिद्ध हैं. आसपास के बड़े नगरों में सब्जियों का काफी महत्व है. पटना जिले में बिहार शरीफ के समीप का आलू उत्पादन क्षेत्र भारत में आलू बीज बेहतरीन किस्म के बीज उत्पादन करता है. गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में मिर्च और तंबाकू नगदी फसलें हैं. जिनका व्यापक तौर पर उत्पादन किया जाता है.

बिहार के खनिज और उद्योग नगर

खनिज संपदा में प्रमुख झारखंड को अलग हो जाने के कारण बिहार में खनिज संपदा नाममात्र की बची है. हालांकि राज्य में अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां खनिज पाए जाते हैं. उदाहरण के तौर पर मुंगेर में बॉक्साइट पाया जाता है. जबकि डोलोमाइट कांच, बालू, सीमेंट गारा अन्य खनिज पदार्थों वाला सासाराम जिला राज्य के प्रचुर खनिज संपदा वाले जिलों में से एक है. गया, नवादा और मुंगेर में अभ्रक के भंडार मिलते हैं. जबकि मुजफ्फरपुर गया, वह मुंगेर में नमक का उत्पादन होता है. औद्योगिक मामले में भी यह राज्य पीछे है. अभी इसका विकास कुछ विशेष नहीं है विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है. अधिकतर उद्योग कामगार व निर्माण में कार्यरत हैं. शेष धातु आधारित व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में कार्यरत है.

डालमियानगर जो मुख्य रूप से कागज सीमेंट रसायन व बरौनी पेट्रोल रसायन और पटना हल्के विमान निर्माण के प्रमुख औद्योगिक शहर है. कृषि आधारित उद्योगों में चीनी तंबाकू उत्पादन व पटसन की मिले शामिल है. इस राज्य में कुटीर उद्योग का काफी प्रचलन है. इनमें रेशम उद्योग लाख व इसे सीसे के काम, हथकरधा उत्पादन, पीतल के बर्तन हस्तकला मिट्टी के बर्तन का निर्माण शामिल है. मधुबनी चित्रकला तो अब विदेशी मुद्रा का एक स्रोत बन गई है जो कि कपड़ों पर उकेरी जाती है.

बिहार की परिवहन

कुल मिलाकर यदि देखा जाए तो बिहार में यातायात की अच्छी सुविधा तो है. परंतु ग्रामीण इलाकों में कही कही आज भी काफी बुरी हालत है. फिलहाल सरकार इस तरह विकास हेतु बहुत प्रयास कर रही है. बिहार में जल मार्ग को पहले की अपेक्षा अब कम महत्व दिया जाता है. यद्यपि बिहार के एक तिहाई से कुछ अधिक गांव की पक्की सड़कों से जुड़ी हुई है. तथापि प्रसिद्ध ग्रांड ट्रक रोड सहित अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग इस राज्य से गुजरते हैं.

पटना के आस पास की सड़क सेवा अच्छी है. जहां द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़ी हुई गतिविधियों के कारण अनेक विकास हुए. बिहार से गुजरने वाली कलकत्ता दिल्ली रेल मार्ग की शुरुआत 1864 में हुई थी. संघन जनसंख्या के कारण रेलगाड़ियां परिवहन के विशाल भार को ढोती है. पुल निर्माण में कठिनाइयों के कारण यह रेलगाड़ियां नदियों के साथ-साथ बनी पटरियों पर दौड़ती हैं. और महत्वपूर्ण नगरों के बीच यात्रा अक्सर लंबी थकाने वाली होती है. राज्य की राजधानी पटना से देश के प्रमुख शहरों में वायु मार्ग द्वारा जाया जा सकता है.

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भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

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पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलHistory and Tourist Places of Bihar
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
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भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
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Youtube Videos Links

आदिगुरु शंकराचार्य की जीवनीhttps://youtu.be/ChQNNnW5BpI
महादानी राजा बलि की जीवनीhttps://youtu.be/Xar_Ij4n2Bs
राजा हरिश्चंद्र की जीवनीhttps://youtu.be/VUfkrLWVnRY
संत झूलेलाल की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4s
महर्षि वाल्मीकि की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206s
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38s
गुरु गोबिंद सिंह की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11s
भक्त पीपा जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJw
गुरुभक्त एकलव्य की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232s
कृष्णसखा सुदामा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217s
मीराबाई की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3s
गौतम बुद्ध की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4s
गुरु नानक जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21s
श्री कृष्ण की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1s
भगवान श्री राम की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52s
मलूकदास जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8g
श्री जलाराम बापा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6s
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FAQs

बिहार किस लिए प्रसिद्ध है?

Ans- बिहार के बौद्ध और हिन्दू धर्म के तीर्थ स्थलों, पुरानी इमारतों, नांलदा यूनिवर्सिटी और अपने बाग़ बगीचों के लिए प्रसिद्ध है.

भारत की संस्कृति

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