Biography of Bhakta Upamanyu || भक्त उपमन्यु का जीवन परिचय

By | December 26, 2023
Biography of Bhakta Upamanyu
Biography of Bhakta Upamanyu

हमारी भारतीय संस्कृति में शिष्यों की ऐसी परंपरा रही है, जिन्होंने अपनी अनुपम गुरुभक्ति तथा ईश्वरीय भक्ति से अपना नाम इतिहास में अमर किया। उनमें उपमन्यु की गुरुभक्ति और शिवभक्ति अत्यंत प्रसिद्ध है. हम यहाँ भक्त उपमन्यु की जीवनी (Biography of Bhakta Upamanyu). और भक्त उपमन्यु की गुरु परीक्षा और उनके सवालों की वो रोचक और अद्भुत जानकारी शेयर करने वाले है. जिसके बारे में आप अबसे पहले अनजान थे. तो दोस्तों चलते है, और जानते है भक्त उपमन्यु की आश्चर्यचकित जानकारी.

उपमन्यु कौन थे? उपमन्यु का जीवन परिचय (Biography of Bhakta Upamanyu)

दोस्तों गुरु भक्त आरुणि की भाति भक्त उपमन्यु महर्षि आयोद धौम्य के शिष्यों में से एक थे. इनके गुरु महर्षि धौम्य ने उपमन्यु को आश्रम की गाये चराने का काम दे रखा थे. भक्त उपमन्यु दिनभर वन में गाएं चराते थे, और सायँकाल आश्रम में लौट आया करते थे.

Summary

नामउपमन्यु
उपनामभक्त उपमन्यु
जन्म स्थानउत्तर प्रदेश
जन्म तारीख4000 वर्ष पूर्व
वंशपुरोहित
माता का नाम
पिता का नाममुनि व्याघ्रपाद
पत्नी का नाम
उत्तराधिकारी
भाई/बहन
प्रसिद्धिदूध के लिए शिव भक्ति
रचना
पेशागाय चराना
पुत्र और पुत्री का नाम
गुरु/शिक्षकमहर्षि आयोद धौम्य
देशभारत
राज्य क्षेत्रउत्तर प्रदेश
धर्महिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय
भाषाब्रज, हिंदी
मृत्यु
मृत्यु स्थान
जीवन काल
पोस्ट श्रेणीभक्त उपमन्यु की जीवनी (Biography of Bhakta Upamanyu)
Biography of Bhakta Upamanyu

भक्त उपमन्यु की गुरुभक्ति

प्राचीन काल में आश्रमकालीन शिक्षा पद्धति की प्रचलित परंपरा में शिष्यों अपने गुरुओं के यहां रहकर न केवल विद्या अर्जन करते थे. वरन उनकी सेवा भी करते थे. गुरु के लिए भिक्षाटन, गायों को चारा, गायों को चराना, खेतों की रखवाली आदि का काम भी करते थे. उपमन्यु अपने गुरु महर्षि आयोद धौम्य का अत्यंत आज्ञाकारी शिष्य था. उनकी हष्ट पुष्ट देह को देखकर गुरु ने उसकी परीक्षा लेनी चाहिए. कि देखा जाए उनके इस विषय में कितनी गुरु भक्ति है, कितना संयम, कितना धैर्य है. एक दिन गुरु ने इसी उद्देश्य से उपमन्यु से कहा. तुम्हारी इस हष्ट पुष्ट देह का क्या रहस्य है. उपमन्यु ने विनम्रता पूर्वक उत्तर दिया, गुरुदेव में भिक्षाटन से जो कुछ भी प्राप्त करता हूं. उसे ही भोजन के रूप में ग्रहण करता हूं.

गुरु ने कहा कल से तुम भिक्षाटन से प्राप्त अन्न नहीं खाओगे. गुरु की बात पर बिना किसी प्रकार का संशय किए ही उपमन्यु ने स्वीकृति दे दी. अब उपमन्यु ने गुरु की आज्ञा मानकर विघटन से प्राप्त अन्न को खाना बंद कर दिया था. उसकी संगठित देह को देखकर गुरु ने पुनः कुछ दिनों बाद सवाल किया. तुम्हारे अन्न त्याग के बाद तुम्हारी देह जरा भी निर्बल नहीं हुई, तुम क्या करते हो. उपमन्यु ने उत्तर दिया गुरुदेव में दोबारा भिक्षाटन करता हूं. गुरु ने इसके लिए मना करते हुए कहा, ऐसा करके तो तुम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हो. तुम्हें पुनः भिक्षाटन नहीं करना चाहिए. उपमन्यु ने कहा जो आज्ञा गुरुदेव. अब उसने दोबारा भिक्षाटन त्याग दिया था.

उपमन्यु की परीक्षा

कुछ दिनों बाद भी गुरु ने उपमन्यु को जस का तस देखा तो वही सवाल किया. तुम क्या खाकर इतने बलवान दिखते हो? उपमन्यु ने उत्तर दिया गुरुदेव में तो गायों का दूध पीता हूं. गुरु ने उपमन्यु फिर कहा इससे तो बछड़ों को दूध कम मिलता होगा. तुम दूध पीना बंद कर दो, उपमन्यु ने उत्तर में कहा जैसी आज्ञा गुरुदेव. उपमन्यु ने अब गायों का दूध पीना भी बंद कर दिया था. एक दिन गुरु ने उपमन्यु से वही सवाल किया, तुम गायों का दूध नहीं पीते हो तब भी इतने हष्ट पुष्ट कैसे हो.

उपमन्यु ने उत्तर दिया गुरुदेव अब तो मैं बछड़ो के फैन पर निर्भर हूं. गुरु ने कहा अब तुम फेन पीना भी बंद कर दो, इससे बछड़ों का पेट अधूरा रहता है. उपमन्यु ने गुरु के आदेश अनुसार सब छोड़ दिया था. अब वह पूर्णता उपवास करने लगा था. निरंतर उपवास से उसकी काया अत्यंत दुर्बल हो गई थी. एक दिन अत्यधिक भूख के कारण उपमन्यु आक के पत्तों को खा गया. जिसके कारण उसकी आंखों की दृष्टि चली गई थी. अंधा होकर वह एक कुएं में जा गिरा, रात को जब उपमन्यु नहीं आया तब गुरु महर्षि आयोद धौम्य उसे पुकारते हुए निकल पड़े. कुएं में गिरे हुए उपमन्यु ने गुरु को आवाज देकर कहा कि वह कुएं में गिर पड़ा है.

भक्त उपमन्यु की परीक्षा में कैसे पास हुए?

अब वह अंधा हो चुका है, गुरु ने सहनशक्ति और धैर्य की परीक्षा में उसे सफल होते देखकर गर्व एवं प्रसंता का अनुभव किया. उन्होंने उपमन्यु से कहा तुम मेरी परीक्षा में सफल हो गए हो, देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमार से प्रार्थना करो कि वह तुम्हारी आंखों की ज्योति लौटा दे. उपमन्यु ने अश्विनी कुमारों की स्तुति की उनके आशीर्वाद से उपमन्यु ने नेत्र ज्योति पुनः प्राप्त की. इस तरह लगन, धैर्य, संयम और सच्ची गुरुभक्ति के कारण उपमन्यु संसार में प्रसिद्ध हुआ.

भक्त उपमन्यु की शिवभक्ति

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस संसार में कई भक्तोंगणों ने उनकी पूजा आराधना की है. भगवान शिव इस सृष्टि के एकमात्र ऐसे देवता हैं जिन्हें आशुतोष कहा जाता है. आशुतोष अर्थात थोड़ी सी पूजा आराधना में तुरंत ही प्रसन्न होने वाले भगवान। यदि प्रार्थना अलप साधनों में, तथा बिना किसी विधि विधान के शुद्ध मन से की गई हो. तो भी भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं. और मनोवांछित फल भी देते हैं. उपमन्यु जितना महान गुरुभक्त था, उतना ही महान शिवभक्त भी था. एक दिन उपमन्यु ने अपनी माता से दूध मांगा दूध तो उपमन्यु के यहां नहीं था. ऐसे में उसकी माता ने चावल का घोल बनाकर उसे यह कहकर दे दिया. कि यदि तुम्हें दूध पीना है, तो भगवान शिव की प्रार्थना करो.

वे प्रसन्न होकर दूध भात देंगे, ऐसा सुनकर उपमन्यु ने उनकी भक्ति हेतु माता के कहने पर वन जाकर ओम नमः शिवाय महामंत्र का जाप करना शुरू कर दिया. उसे वन में रहने वाले पिशाचों ने तरह-तरह से सताया. इस पर उपमन्यु जरा भी विचलित नहीं हुआ. उसके इस मंत्र जाप का प्रभाव यह हुआ कि पिशाचों का चित निर्मल हो गया. उपमन्यु के कठोर तप को देखकर भगवान से उसकी परीक्षा लेने हेतु इंद्र का रूप धारण कर उसके पास गये. उपमन्यु ने अपनी आंतरिक शक्ति से इंद्र बने शिव को पहचान लिया था. और उनसे कहा देवराज आपने मेरे सामने आकर बड़ी ही कृपा की है. मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं. इंद्र रूपी शंकर जी ने उपमन्यु पर प्रसन्न होकर कहा वत्स मैं तुम पर अति प्रसन्न हो मांगो तुम क्या चाहते हो, मैं तुम्हें इच्छित फल दूंगा.

भक्त उपमन्यु के सामने शिव और पार्वती कब प्रकट हुए है?

उपमन्यु ने कहा मैं भगवान शंकर का दास बनकर उनकी सेवा करना चाहता हूं. जब तक वे मुझे दर्शन नहीं दे देते है, तब तक मैं तप करना नहीं छोडूंगा. इतना सुनना था कि इंद्र बने शंकर जी ने स्वय की नींदा प्रारंभ कर दी. भगवान शंकर की निंदा सुनकर उपमन्यु दुखी और क्रोधित हुआ. उसने इंद्र का वध करने हेतु अभिमंत्रित भस्म उन पर फेंकी और शिव नंदा के प्रायश्चित अपने शरीर पर भस्म लगाने लगा. तब उसने देखा कि उसके समक्ष साक्षात भगवान शिव और पार्वती अपने वाहन नंदी बैल सहित खड़े हैं. ऐसा अद्भुत दृश्य देखकर उपमन्यु भावुक हो गया था. भगवान शिव ने उसकी अविचल भक्ति को देखकर उसके सारे दुख दूर कर दिए. उपमन्यु को दूध भात, खीर देकर शिव मंत्र की दीक्षा दी. ऐसी थी उपमन्यु की शिव भक्ति.

उपसंहार

इस तरह भक्त उपमन्यु अपने गुरु द्वारा ली गयी परीक्षा तथा भगवान शिव द्वारा ली गयी परीक्षा में सफल रहा. साक्षात् शिव-पार्वती जी का दर्शन कर उनका जीवन धन्य हो गया.

भारत के महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जुन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Biography of Bhakta Upamanyu

भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Biography of Bhakta Upamanyu

1857 ईस्वी क्रांति और उसके महान वीरों की जीवनी और रोचक जानकारी

1857 ईस्वी क्रांति के महान वीरों की गाथा1857 की क्रांति में महान रानियों का योगदान
अजीजन बेगम की जीवनीअकबर खान की जीवनी
अज़ीमुल्लाह खान की जीवनीपृथ्वीराज चौहान III की जीवनी
आनंद सिंह जी की जीवनीअवन्ति बाई लोधी की जीवनी
अमरचंद बांठिया जी की जीवनीस्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी
बंसुरिया बाबा की जीवनीतात्या टोपे की जीवनी
मंगल पांडे की जीवनीमहारानी तपस्विनी की जीवनी
बेगम हजरत महल की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
भास्कर राव बाबासाहेब नरगुंडकर कौन थेकुमारी मैना की जीवनी
महारानी जिंदा कौर की जीवनीवीर सुरेंद्र साय की जीवनी
झलकारी बाई की जीवनीवृंदावन तिवारी की जीवनी
तिलका मांझी की जीवनीसूजा कंवर राजपुरोहित की जीवनी
पीर अली की जीवनीबाबू कुंवर सिंह की जीवनी
ईश्वर कुमारी की जीवनीठाकुर कुशल सिंह की जीवनी
उदमी राम की जीवनीचौहान रानी की जीवनी
जगत सेठ रामजीदास गुड़ वाला की जीवनीजगजोत सिंह की जीवनी
ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
Biography of Bhakta Upamanyu

Youtube Videos Links

आदिगुरु शंकराचार्य की जीवनीhttps://youtu.be/ChQNNnW5BpI
महादानी राजा बलि की जीवनीhttps://youtu.be/Xar_Ij4n2Bs
राजा हरिश्चंद्र की जीवनीhttps://youtu.be/VUfkrLWVnRY
संत झूलेलाल की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4s
महर्षि वाल्मीकि की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206s
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38s
गुरु गोबिंद सिंह की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11s
भक्त पीपा जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJw
गुरुभक्त एकलव्य की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232s
कृष्णसखा सुदामा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217s
मीराबाई की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3s
गौतम बुद्ध की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4s
गुरु नानक जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21s
श्री कृष्ण की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1s
भगवान श्री राम की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52s
मलूकदास जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8g
श्री जलाराम बापा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6s
Biography of Bhakta Upamanyu

FAQs

Q- भक्त उपमन्यु के गुरु का क्या नाम था?

Ans- भक्त उपमन्यु के गुरु का नाम महर्षि आयोद धौम्य था.

भारत की संस्कृति

One thought on “Biography of Bhakta Upamanyu || भक्त उपमन्यु का जीवन परिचय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *