दोस्तों हम यहाँ सिखों के पहले गुरु बाबा नानक या गुरु नानक देव जी की जीवनी और उनके चमत्कार का संक्षिप्त वर्णन कर रहे है. मित्रों गुरु नानक जी सिक्ख धर्म के प्रवर्तक तथा गुरु माने जाते हैं. गुरुनानक देव सिक्ख धर्म तथा हिंदू धर्म में भी समान रूप से श्रद्धा के साथ पूजे जाते हैं. मित्रो गुरुनानक देव द्वारा दिए गए उपदेशों को सुनने पर न केवल मानव जीवन को मोक्ष प्राप्त होता है बल्कि सच्चे मानवतावादी धर्म का सही रूप भी समझा जा सकता है. दोस्तों जाती पाती से दूर अहंकार मुक्त इस पंत की स्थापना हुई थी. आप यहाँ गुरु नानक जी की जीवनी (Biography & chamatkar Of Guru Nanak) और उनकी समस्त रोचक जानकारी के लिए इस पेज को अंत तक जरूर पढ़े.
दोस्तों गुरुनानक देव जी (Biography & chamatkar Of Guru Nanak) ने अपने जीवन में ईश्वरीय ज्ञान का प्रचार प्रसार किया और धर्म का सही ज्ञान लोगों को कराया. मित्रो हिंदू मुस्लिम समान रूप से उनके भक्त बन गए थे. गुरुनानक देव जी ने समानतावादी समाज की स्थापना की तथा प्रेम और शांति का जो संदेश लोगों को दिया. वह आज भी प्रासंगिक है. स्त्रियों को भी धारण उत्सव और हरी कीर्तन में भाग लेने का सम्मान अधिकार दिया. बाबा नानक द्वारा लिखे गए गुरु ग्रंथ साहब का आज भी प्रत्येक गुरुद्वारे में पाठ किया जाता है. उनकी दूसरी पुस्तक जपुजी तथा तीसरी पुस्तक सोहिला नाम धर्म संदेशों से भरी है. उन्होंने सर्वधर्म समभाव सद्भाव हेतु लंगर सामूहिक भोज प्रथा का प्रारंभ किया था गुरु अंगद देव उनके उत्तराधिकारी बने.
गुरु नानक कौन थे?
दोस्तों गुरुनानक देव जी सिखों के प्रथम गुरु थें. आपके जन्म दिवस को गुरुनानक जयंती के रूप में मनाया जाता है. गुरुनानक देव जी का जन्म 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को पंजाब (पाकिस्तान) क्षेत्र में रावी नदी (ravi river) के किनारे स्थित तलवंडी गांव में हुआ था. गुरु नानक जी का जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था. आपकी शादी 16 की उम्र में पंजाब के गुरदासपुर जिले के लाखौकी की कन्या के साथ हुआ था जिनका नाम सुलक्खनी था.
गुरुनानक देव जी के जीवन परिचय
दोस्तों गुरुनानक देव जी का जन्म सन 1469 ईस्वी को कार्तिक पूर्णिमा को लाहौर जिले के तलवंडी नामक ग्राम में हुआ था( वर्तमान में पाकिस्तान का एक जिला). दोस्तों वर्तमान में ननकाना साहब के नाम से प्रसिद्ध जीवन जीने की प्रेरणा इस महान संत गुरु गुरुनानक देव से ही मिलती है. इस धार्मिक तीर्थ स्थल पर लाखों श्रद्धालु पाकिस्तान जाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं. मित्रो गुरुनानक देव के पिता कालूचंद थे और उनकी माता तृप्ता देवी थी. दोस्तों गुरुनानक देव के पिता कालूचन्द गुरुनानक देव को पढ़ाना चाहते थे. लेकिन दोस्तों गुरुनानक देव जी का मन अध्यात्म की ओर रमा रहता था.
मित्रो एक बार किसी पंडित ने गुरुनानक देव जी को ॐ का अर्थ पूछा था. तो दोस्तों गुरुनानक देव ने जब ॐ शब्द की विशद व्याख्या की तो पंडित जी आवक रह गए. दोस्तों जब गुरुनानक देव के पिता पैसे देकर गुरुनानक देव को बाजार भेजते थे. तो गुरुनानक देव सामान लाने की बजाय पिता (कालूचन्द) के दिए हुए पैसे को पीर फकीरों में बांट आते थे. तो दोस्तों यह सांसारिक विरक्ति देखकर उनके पिता कालूचन्द ने गुरुनानक देव का विवाह सुलक्षणा से करा दिया था. सुलक्षणा से गुरुनानक देव को दो पुत्र श्रीचंद और लक्ष्मीचंद हुए. लेकिन दोस्तों सांसारिक जीवन गुरुनानक देव जी को रास नहीं आया और गुरुनानक देव जी अपना जीवन धर्म साधना करते हुए सन 1538 ईस्वी में 69 वर्ष की आयु में अपनी देह त्याग दी थी.
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनी
Summary (सारांश)
नाम | गुरु नानक देव जी |
उपनाम | बाबा नानक, तो नेपाल में नानक ऋषि, और भूटान और सिक्किम में नानक रिपोचिया. Or श्रीलंका में नानकचार्या रूस में नानक कमदार, चीन में बाबा फूसा, ईराक में नानक पीर, मिस्त्र में नानक वली तो सऊदी अरब में प्रथम पातशाही वली हिंद के नाम से जाना जाता है. |
जन्म स्थान | लाहौर जिले के तलवंडी नामक ग्राम |
जन्म तारीख | 15-अप्रैल- सन 1469 ईस्वी को कार्तिक पूर्णिमा |
वंश | पंडित |
माता का नाम | तृप्ता देवी |
पिता का नाम | कालूचन्द |
पत्नी का नाम | सुलक्षणा |
पेशा | संत |
बेटा और बेटी का नाम | श्रीचंद और लक्ष्मीचंद |
गुरु/शिक्षक | गुरु नानक जी स्वयं भगवान के अवतार थे |
देश | अविभाजित भारत |
राज्य छेत्र | लाहौर वर्तमान पाकिस्तान |
धर्म | पहले हिन्दू बाद में सिख |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश भारतीय |
मृत्यु | सन 1538 ईस्वी |
पोस्ट श्रेणी | Biography & chamatkar Of Guru Nanak (गुरु नानक की जीवनी और चमत्कार) |
गुरु नानक देव जी के चमत्कार (Miracles of Guru Nanak Dev Ji)
गुरुनानक देव जी ने लोगों को धर्म का सही मार्ग दिखाने के लिए अनेक चमत्कार दिखाएं. एक बार की घटना है दोस्तों गुरुनानक देव जी धार्मिक तीर्थ यात्रा पर हरिद्वार गये थे. हरिद्वार में पण्डो को गंगा जी में खड़े होकर जल तर्पण करते हुए देखा तो गुरुनानक जी ने उनसे पूछा. तो दोस्तों गुरुनानक जी के पूछने पर पण्डो ने बताया कि वह गंगा में पितरों को जल अर्पण कर पितरों का श्राद्ध कर रहे हैं. गंगा में अर्पण किया गया जल पितरों तक पहुंचेगा ऐसा पांडवों ने गुरुनानक देव को बताया था. तो दोस्तों यह बात सुनकर गुरुनानक देव जी भी जोर जोर से गंगा का जल उछालने लगे तो. वहां के लोगों ने उनसे इस तरह जल उछालने का कारण पूछा तो गुरुनानक देव जी ने बताया की वह अपने पूर्व दिशा में स्थित खेतों को पश्चिम दिशा से जल देकर सिंचाई कर रहे हैं.
यह सुनकर वहां के लोग हंसने लगे तो दोस्तों गुरुनानक देव जी ने कहा. अगर तर्पण का जल पितरों तक पहुंच जाता है तो मेरा यह जल दो-तीन सौ कोस के फासले पर स्थित खेतों में कैसे नहीं पहुंचेगा. मित्रो यह बात सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग निरुत्तर हो गए.
बाबा नानक के चमत्कार
दोस्तों ऐसी ही एक दूसरी घटना यह है. की एक बार गुरुनानक देव मक्का की यात्रा पर थे. तो गुरुनानक देव काबा की तरफ पैर करके सो गए. तो एक मुल्ला ने गुरुनानक देव को काबा की तरफ पैर करके सोते हुए देखा तो. मुल्ले ने गुरुनानक देव को डांटा और कहा की पैगंबर की तरफ पैर करने से उनका अपमान हो रहा है. तो दोस्तों गुरुनानक देव ने मुल्ले से कहा की मेरे पैर उस दिशा की तरफ मोड़ दो जिस तरफ पैगंबर नहीं है. तो दोस्तों मुल्ला ने जिस तरफ गुरुनानक देव जी के पैर मोड़े तो उस तरफ भी मुल्ले को काबा दिखने लगा. तो मित्रो अंत में हारकर मुल्ला गुरुनानक देव जी के चरणों पर गिर पड़ा. तो दोस्तों गुरुनानक देव जी ने मुल्ले को बताया कि ईश्वर तो सर्वव्यापी है.
मित्रों ऐसी तीसरी घटना का प्रसंग यह है. कि गुरुनानक देव जी किसी दूसरे गांव में गरीब की झोपड़ी में जा पहुंचे थे. उस गांव के जमीदार ने गुरुनानक देव जी को अपने घर पर भोत का आरोप लगाया था. तो गुरुनानक देव जी ने एक रोटी गरीब के घर की मंगवाई और दूसरी रोटी जमीदार के घर कि मंगवाई. फिर दोस्तों गुरुनानक देव जी ने दोनों रोटियों को निचोड़ा तो पाया गया कि गरीब के घर की रोटी से पसीना और दूध निकल रहा था. जबकि जमीदार के घर की रोटी से खून टपक रहा था. तो दोस्तों यह देखकर जमीदार को अपनी भूल का अहसास हुआ.
गुरुनानक देव जी से बाबर की माफ़ी
दोस्तों बाबर के सैनिक गरीबों पर बहुत जुल्म ढाते थे. मित्रो गरीबों का माल लूट कर सैनिक खुद ही खा जाया करते थे. इस बात की सत्यता से बाबर को अवगत कराने के लिए गुरुनानक देव जी ने एक गरीब फटे हाल किसान का रूप धारण किया. तो बाबर के सैनिको ने गुरुनानक देव जी को गरीब समझ कर पकड़ कर ले गए. लेकिन दोस्तों बादशाह (बाबर) के सामने खड़े रहकर भी गुरुनानक देव जी का मुँह तो एक प्रकाशमंडल से दमक रहा था.
तो दोस्तों बादशाह (बाबर) भीतर ही भीतर कांप उठा और राजगद्दी से उतर कर गुरुनानक देव जी के चरणों पर गिर पड़ा न जाने बाबर को कोई श्राप मिल जाए. तो बाबर ने गुरुनानक देव जी के लिए शराब मंगवाई. तो दोस्तों गुरुनानक देव जी ने बाबर को इस नशे से दूर रहकर गरीबों की सेवा, खिदमत मैं अपना जीवन सार्थक करने को कहा. तो मित्रो बाबर ने तत्काल कैदियों को जेल से रिहा कर दिया और उसी दिन से दान पुण्य का संकल्प लिया था. तो दोस्तों इस तरह गुरुनानक देवजी ने बाबर को एक चोर और चोरी की आदत से मुक्ति दिलाई थी. और गुरुनानक देव जी ने किसी को उजड़ने का तो किसी को आबाद रहने का आशीर्वाद दिया. इसका अर्थ है उजड़ कर सज्जनता फैलाएंगे और आबाद रहने वाले अशांति के साथ आबाद रहेंगे.
बाबा नानक के अन्य चमत्कार
दोस्तों हसन नाम का एक मुस्लिम संत ने अपने पास से बहने वाले झरने का पानी लेने से गुरुनानक देव जी के शिष्य को मना कर दिया था. तो शिष्य ने जाकर सारी घटना अपने गुरु गुरुनानक देव जी को बताई. तो मित्रो गुरुनानक देव जी ने कहा तुम चिंता मत करो इसी पहाड़ से झरना बहेगा. दोस्तों इतना कहते ही मुस्लिम संत(हसन) के पास से बहने वाला झरना सूख गया और वह झरना गुरुनानक देव जी के पैरों के पास से बहने लगा. तो मित्रो यह देखकर क्रोधित होकर मुस्लिम संत(हसन) ने बड़ा सा पत्थर उठाकर गुरुनानक देव जी को दे मारा. किंतु दोस्तों गुरुनानक देव ने अपनी हथेली से उस पत्थर को रोक दिया दोस्तों आज भी वह स्थान पंजा साहिब के नाम से जाना जाता है.
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FAQs
Ans-गुरु नानक देव जी का जन्म ननकाना साहिब वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था.
Article Written By- Biography & chamatkar Of Guru Nanak के इस आर्टिकल को संदीप सिंह शेखावत गांव नांद जिला झुंझुनू राजस्थान ने लिखा है. पाठको से निवेदन है, इस आर्टिकल से सम्बंदित कोई भी शंका हो तो हमे कमेंट बॉक्स में लिखे. हम जल्दी से जल्दी आपके सवालो के जवाब देने की कोसिस करेंगे. साथ ही दोस्तों आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा तो अपने मित्रों के साथ भी जरूर शेयर करे.