गुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल | History of Gujarat

By | September 19, 2023
History and Tourist Places of Gujarat
History and Tourist Places of Gujarat

अति प्राचीनतम ऐतिहासिक दृष्टिकोण से गुजरात का महत्व देश के राज्यों में अग्रणी है. गुजरात का शाब्दिक अर्थ गुर्जरों से रक्षित भूमि है. इसका निर्माण गुर्जर शब्द से हुआ है. देश के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित है, राज्य पश्चिम और दक्षिण पश्चिम में अरब सागर पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान उत्तर में राजस्थान पूर्व में मध्यप्रदेश और दक्षिण पूर्व में महाराष्ट्र से घिरा हुआ है. इसका समुद्र तटीय विस्तार 1596 किलोमीटर लम्बा है. और राज्य का कोई भी हिस्सा समुद्र तट से 161 किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं है. राज्य का क्षेत्रफल 196024 वर्ग किलोमीटर है. गुजरात राज्य की कुल जनसंख्या 7 करोड़ के आस पास है. और जनसंख्या का घनत्व 310 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है. गुजरात की राजधानी गांधीनगर है. हम यहाँ गुजरात का इतिहास और पर्यटक (History and Tourist Places of Gujarat), घुंमने लायक जगह, वो रोचक जानकारी शेयर करेंगे जिसके बारे में आप अब से पहले अनजान थे.

तो दोस्तों चलते है और जानते गुजरात की अद्भुत और आचर्यजनक जानकारी. तथा गांधीनगर राज्य के सबसे बड़े शहर और सूती वस्त्र के विशालतम केंद्रों में से एक है. और भूतपूर्व राजधानी रहे अहमदाबाद के ऊपरी सिरे पर स्थित है. यहीं पर महात्मा गांधी ने अपने अभियानों के मुख्यालय के रूप में साबरमती आश्रम का निर्माण किया जो गांधीधाम से प्रसिद्ध है.

गुजरात का इतिहास (History of Gujarat)

आठवीं नवीं शताब्दी के आसपास प्राचीन काल में हूणों का गुजरात पर साम्राज्य था. ये गुर्जर हूण जाति के थे. राज्य को इसका वर्तमान स्वरूप सन 1960 में मिला था. जब भूतपूर्व मुंबई राज्य भाषाई आधार पर महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजित हुआ. साबरमती नदी घाटियों में पाषाण काल की मानवता बस्तियों के प्रमाण मिलते हैं. ऐतिहासिक काल तीसरी से दूसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है. इस सभ्यता के केंद्र लोथल, रंगपुर, आमरी, लखबावल और रोदजी में मिले है.

पूर्वी गुजरात की सही जानकारी मौर्य शासन काल से मिलती है. जो काठियावाड़ की गिरनार पहाड़ियों की चट्टानों पर उत्क्रीर्ण सम्राट अशोक के अभिलेखों से प्रमाणित क्षेत्रों में है. मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद गुजरात शंक (सीथियन) या पश्चिमी छत्रपों के शासन के अंतर्गत आ गया. इनमें महानतम महान छत्रपों रूदरदमन ने मालवा, सौराष्ट्र, कच्छ और राजस्थान में एकछत्र साम्राज्य कायम किया.

चौथी और पांचवी शताब्दी के समय में गुजरात वलभी राज्य के मैत्रक वंश के सत्ता में आने से पूर्व गुप्त साम्राज्य का एक अंग था. जिन्होंने तीन शताब्दियों से भी अधिक समय तक मालवा और गुजरात पर राज्य किया. राज्य की राजधानी वल्लभीपुर थी, वल्लभीपुर बौद्ध, वैदिक और जैन शिक्षा का एक बड़ा केंद्र था. मैत्रक वंश के बाद गुर्जर-प्रतिहार सत्ता में आए जिन्होंने आठवीं और नौवीं शताब्दी के दौरान शासन किया.

इनके कुछ समय बाद ही सोलंकी वंश का शासन हो गया. इसी वंश के शासन काल में इस राज्य की सीमाओं का काफी विस्तार हुआ और आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्तरोत्तर विकास हुआ. सिद्ध राजा जयसिम्हा और कुमारपाल सबसे प्रसिद्ध सोलंकी राजा थे. ख्यात लेखक हेमचंद इसी काल में हुए इसके बाद के सत्तासीन बघेल वंश के करण देव लगभग 1299 में दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी से हार गए और गुजरात मुस्लिम शासन के अंतर्गत आ गया.

गुजरात के पहले स्वतंत्र सुल्तान अहमद शाह थे जिन्होंने अहमदाबाद की स्थापना की 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में गुजरात पर मुगलों का शासन हो गया. जो मध्य 18 वीं शताब्दी तक रहा मुगलों के पतन के पश्चात गुजरात पर मराठों का साम्राज्य स्थापित हुआ. 19वीं शताब्दी के दौरान सन 18 सो 18 में गुजरात ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन के अधीन हो गया. सन 1857-58 के भारतीय गदर के बाद यह राज्य ब्रिटिश राज के अंतर्गत 25900 किलोमीटर क्षेत्रफल वाले गुजरात राज्य और अनेक स्थानीय राज्य में बांट दिया गया.

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देश के स्वतंत्रता के पश्चात कच्छ और सौराष्ट्र राज्यों को समाहित कर राज्य का विस्तार किया गया. 1 मई सन 1960 को मुंबई राज्य को वर्तमान गुजरात और महाराष्ट्र राज्य में खंडित कर दिया गया. गुजरात का चित्र भारत-पाकिस्तान का विवादित क्षेत्र था. सन 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध विवाद का परिणाम था. यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच लंबे समय से एक विवाहित स्थल था. 1 जुलाई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम लागू हुआ, और विवाद को एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के समक्ष मध्यस्थता के लिए प्रस्तुत किया गया.

इस न्यायाधिकरण के फैसले में सन 1968 में प्रकाशित हिस्सा भारत को और शेष 1 बटा 10 हिस्से का अधिकार पाकिस्तान को दे दिया. गुजरात सन 1985 में एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गए जो अनुसूचित जाति के लिए प्रस्तावित आरक्षण हिंदू मुस्लिम दंगा का रूप ले लिया था.

गुजरात में कितने जिले है? उनके क्या नाम है!

दोस्तों वर्तमान समय में गुजरात राज्य में ३३ ज़िले है. गुजरात का कच्छ सब से बड़ा जिला है, और सब से छोटा डांग ज़िला है.अहमदाबाद ज़िले में सब से ज्यादा जनसंख्या और सब से कम जनसंख्या डांग ज़िले में है. सुरत ज़िला सब से ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला ज़िला है. गुजरात की राजधानी गांधीनगर है, जो महत्तम गाँधी की याद में इसका नाम रखा गया था. इस शहर को हरित शहर (ग्रीन सिटी) के नाम से जाना जाता है.

  1. देवभूमि द्वारका जिला
  2. सूरत जिला
  3. सुरेंद्रनगर जिला
  4. गांधीनगर जिला
  5. बोटाड जिला
  6. गिर सोमनाथ जिला
  7. तापी जिला
  8. छोटा उदयपुर जिला
  9. जामनगर जिला
  10. वड़ोदरा जिला
  11. साबरकांठा जिला
  12. अहमदाबाद जिला
  13. जूनागढ़ जिला
  14. अमरेली जिला
  15. भावनगर जिला
  16. दाहोद जिला
  17. वलसाड जिला
  18. कच्छ जिला
  19. आणंद जिला
  20. नर्मदा जिला
  21. राजकोट जिला
  22. अरावली जिला
  23. डांग जिला
  24. खेड़ा जिला
  25. बनासकांठा जिला
  26. महीसागर जिला
  27. भरुच जिला
  28. मेहसाणा जिला
  29. मोरबी जिला
  30. पोरबंदर जिला
  31. नवसारी जिला
  32. पंचमहल जिला
  33. पाटन जिला

गुजरात के प्रमुख पर्यटन स्थल और घूमने लायक जगह

पर्यटन के दृष्टिकोण से गुजरात का अत्यधिक महत्व है. यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न प्रकार है.

History and Tourist Places of Gujarat
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  • सोमनाथ- यह सोमनाथ मंदिर, हिंदू तीर्थ स्थल और समुद्र के लिए जाना जाता है.
  • द्वारका- यह हिंदू तीर्थ स्थल, समुद्र तट, रोशनी घर इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है.
  • गांधीनगर- यह गुजरात राज्य की राजधानी है, सुनियोजित शहर बसा हुआ है, अक्षरधाम मंदिर आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • पोरबंदर- गांधीजी की जन्मभूमि, मंदिर, संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है.
  • शामलाजी- यह श्री शामलाजी विष्णु मंदिर, हिंदू तीर्थ स्थल, कबीर बढ़ विशालकाय बरगद का पेड़ नदी द्वीप आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • राजकोट- यह गांधी जी का घर, महल, संग्रहालय आदि के लिए विख्यात है.
  • पालीताणा- यह मुख्य रूप से जैन तीर्थ स्थल, उत्कृष्ट मंदिर, अंगार पीर की समाधि आदि के लिए विख्यात है.
  • नाल्सरोवर- यहाँ झील पर पक्षी अभ्यारण के लिए प्रसिद्ध है.
  • जामनगर- यह महल, मंदिर, मोती मछली उद्योग आयुर्वेदिक कॉलेज, संग्रहालय, झील, समुद्री मछलियां पकड़ना पर्यटन स्थल आदि लिए प्रसिद्ध है.
  • सूरत- होजरी टैक्सटाइल मार्केट, हीरा उद्योग, दुर्ग, आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • पाटण- यह पटोला हथकरधा प्राचीन राजधानी, जैन मंदिर, लकड़ी पर खुदाई का काम इत्यादि के लिए विख्यात है.
  • उमरगाम- यह समुद्र तट के लिए विख्यात है.
  • सापुतारा (सपुत्र)- यह जगह पहाड़ी मनोरंजन स्थल के लिए विख्यात है.
  • वडोदरा- यह महल, संग्रहालय, कला दीर्घा, उधान, ललित कला विश्वविद्यालय आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • पावागढ़- यह हिंदू तीर्थ स्थल, पहाड़ी स्थल, दुर्ग, मंदिर, महल, प्राचीन राजधानी के लिए विख्यात है.
  • वेरावल- यह समुद्र तट के लिए प्रसिद्ध है.
  • वांकानेर- यह महल के लिए प्रसिद्ध है.
  • चोरवाद- यह समुद्र तट, अवकाश मनोरंजन स्थल आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • अहमदाबाद- यह वस्त्र उद्योग, गांधीजी का साबरमती आश्रम, मंदिर, किले, संग्रहालय, झील, चिड़ियाघर, मकबरा, मस्जिद आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • आणंद गुजरात- यह दूध उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.
  • गिरनार- यह अशोक स्तंभ, जैन एवं मुस्लिम तीर्थ स्थल के लिए प्रसिद्ध है.
  • दादर- यह जैन मंदिर, प्राचीन घाट, प्राचीन मंदिर, गाय आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • भावनगर- यह संग्रहालय, बंदरगाह, झील, उद्यान आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • डाकोर- यह मंदिर शरद शरद पूर्णिमा मेला आदि के लिए प्रसिद्ध है
  • दादा हरी बावड़ी- यहाँ अभ्यारण, कच्छ का मरुस्थल, जंगली गधों के लिए प्रसिद्ध है.
  • मेहसाणा- यह डेयरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है.
  • गिर राष्ट्रीय उद्यान- यह राष्ट्रीय उद्यान एशियाई शेरों का मुख्य स्थल हेतु प्रसिद्ध है.
  • मोढेरा- यह सूर्य मंदिर, भारतीय कला एवं निर्माण आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • लोथल- हड़प्पा युगीन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.
  • कटेश्वर- यह तीर्थ स्थल, समुद्र तट, नारायण सरोवर झील इत्यादि के लिए विख्यात है.
  • जूनागढ़- यह हिंदू जैन एवं मुस्लिम तीर्थ स्थल ध्रुव उद्यान, बौद्ध गुफाएं इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है.
  • कांडला- यह मुख्य बंदरगाह, सुनियोजित सेटेलाइट शहर, गांधीधाम आदि के लिए प्रसिद्ध है.
  • अंबाजी- यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है.
  • भुज- यह हस्तकला संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है.

भू-आकृति जल प्रवाह वह जलवायु

भौगोलिक दृष्टिकोण से यह राज्य असमानताओ का राज्य है. इसके पश्चिमी तट और मुंबई के उत्तर में नम उर्वर चावल उत्पादक मैदानों से लेकर पश्चिमोत्तर में कछ तक लगभग वर्षा विहीन लवणीय रेगिस्तान का विस्तार है. दक्षिण में कच्छ की खाड़ी तथा उत्तर में पूर्व में पाकिस्तान व मुख्य भारतीय भूमि से कच्छ के रण द्वारा विभाजित है. इसका वर्णन लगभग 20720 किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत एक विशाल लवणीय दल दल के रूप में बेहतर तरीके से किया जा सकता है. वर्षा के मौसम में कच्छ रण बाढ़ से अधिक प्रभावित होता है. अल्प वर्षा में भी हां बाढ़ आ जाती है. और कच्छ एक द्वीप में परिवर्तित हो जाता है. शुष्क मौसम में यह आंधियों से भरा रेतीला मैदान है. कच्छ के दक्षिण में काठियावाड़ का एक बड़ा प्रायदीप है. जो कच्छ की खाड़ी और खंभात की खाड़ी के बीच में है.

यह भी एक बंजर क्षेत्र है, जिसके समुद्र तट से ऊपर उठते हुए केंद्र में विरल और झाड़ीदार वनो वाला नीचे घने पर्वतीय क्षेत्र है. गुजरात राज्य के प्रमुख नगर अपेक्षाकृत उर्वर क्षेत्र में स्थित है. जो पहले छोटे-छोटे राज्यों की राजधानी थी. यहां की मिट्टी ज्यादातर निम्न कोटि की है. जो कई प्रकार की प्राचीन गद्दार चट्टानों से निर्मित हुई है. लेकिन उत्कृष्ट भवन निर्माण में काम आने वाला और पोरबंदर का पत्थर राज्य के मूल्यवान उत्पादों में आता है.

यहां नदियों की कमी है, कूभागों में मानसूनी नाले हैं. प्रायदीप के दक्षिणी किनारे पर पुर्तगाली क्षेत्र द्वीप हैं. पूर्वोत्तर गुजरात मुख्यता है, छोटे मैदानों और छोटी-छोटी पहाड़ियों वाला क्षेत्र द्वीप हैं. राज्य का उच्चतम बिंदु गिरनार की पहाड़ी में है. यहां वर्षा कम होती है, और जनवरी में तापमान की मांग बिंदु तक पहुंच जाता है. जबकि गर्मी के मौसम में तापमान 48 डिग्री दर्ज किया जाता है. यहां मुख्य उत्पादक फसल ज्वार, बाजरा और थोड़ी मात्रा में कपास है. मध्य गुजरात के दक्षिणी भाग में अत्यधिक वर्षा होती है. परंतु तापमान में काफी कम अंतर आता है.

क्षेत्र की मिट्टी ज्यादा उपजाऊ है. जो अंशतः ढक्कन क्षेत्र के बेसाल्ट चट्टान से निर्मित हुई है. इस क्षेत्र का केंद्र बड़ौदा शहर है. जो पहले एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य की राजधानी था. और जिसका दक्षिणी हिस्सा अब वडोदरा जिला है. यहां की महत्वपूर्ण नदी नर्मदा है जो खंभात की खाड़ी में गिरती है. नर्मदा और ताप्ती नदी जाम किए जाने के कारण खंभात की खाड़ी की गहराई कम हो गई है. फलतः प्राचीन बंदरगाह विलुप्त हो गए है.

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गुजरात राज्य के भरूच और सूरत जिले की मिट्टी काफी उपजाऊ है. और यहां उच्च कोटि के कपास का उत्पादन किया जाता है. तापी नदी पूर्व दिशा से गहरी खाई उसे होकर सूरत से गुजरती है. दक्षिणी गुजरात का पूर्वी हिसा पहाड़ी है. वास्तव में पश्चिमी घाट के उत्तरी विस्तार के कारण वसायुक्त ग्रीसम मानसूनी हवाओं से अत्यधिक बारिश होती है. इससे आगे दक्षिण में पूर्व वनाच्छादित है. इसी क्षेत्र में छोटा डेंग जिला है, तटीय मैदानों के जलवायु में लगभग समानता रहती है.

और गुजरात में हर साल 2000 मिलीमीटर के लगभग वर्षा होती है. गुजरात के कुल क्षेत्रफल भूमि का 10% भूभाग पर वन है. जो मान मानवीय गतिविधियों के साथ-साथ कम वर्षा को प्रतिबिंबित करती है. अपेक्षाकृत शुष्क क्षेत्रों में झाड़ी दार जंगल पाए जाते हैं. जहां बबूल, अकालिया, करील, भारतीय बेर, दातुनि झाडिया पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातिया है.

गुजरात के काठियावाड़ जिले में गिर राष्ट्रीय उद्यान है. जो भारतीय बाघों को सुरक्षा प्रदान करता है. यह एशिया की एकलौती प्रजाति है. कच्छ के रण के पास एक अभियान में शेष बचे हुए भारतीय जंगली गधे मिलते हैं. अहमदाबाद के समीप ही नल सरोवर पक्षी अभयारण्य स्थित है. जो साइबेरिया के मैदानों व अन्य स्थान ओं से शीत ऋतु के लगभग 140 प्रकार के प्रवासी पक्षियों को अपनी और आकर्षित करता है. इनमें सारस, ब्रह्माणी, बतख, सोनचिरिया, पेलिकन, पनकौवा, आईबिस, लकलक, बगुला और वक शामिल है. भारत में कच्छ का रण हँसावर का एकमात्र प्रजनन स्थल है. गुजरात में समुद्री और मीठे पानी की मछलियां जिनमें हिल्सा, सॉल्वन, झींगा मछली आदि प्रमुख हैं.

गुजरात का जनजीवन और संस्कृति

मित्रों गुजरात विभिन्न समुदाय के लोगों का मिश्रण स्थल है. जिनमे सामान्यतः उत्तरी मूल्य द्रविड़ और दक्षिणी मूल द्रविड़ के रूप में वर्गीकृत वर्गीकरण किया जा सकता है. पहले वर्ग में नगर ब्राह्मण, भाटिया,भदेला, राबरी और मीणा जातियां परसी मूल रूप से भारत से पर्वती उत्तरी आगमन का प्रतिनिधित्व करते हैं. जबकि दक्षिणी मूल के लोगों में भंगी, कोहली, डबला, नायकदा, व मछी-खरवा जनजातियाँ है. शेष जनसंख्या में आदिवासी भील मिश्रित विशेषताएं दर्शाते हैं. अनुसूचित जनजाति और आदिवासी जनजाति के सदस्य प्रदेश की जनसंख्या का लगभग पांचवा हिस्सा है. यहां डेंग जिला पूर्णता है, आदिवासी युक्त जिला है. अहमदाबाद जिले में अनुसूचित जनजाति का अनुपात सर्वाधिक है.

गुजरात के अहमदाबाद, खेड़ा, वडोदरा, सूरत और वलसाड के मैदानी क्षेत्रों में इस राज्य का जनसंख्या घनत्व एक है. यह क्षेत्र कृषि के दृष्टिकोण से उर्वरक है. और अधिक औद्योगिकीकरण है. जनसंख्या का एक अन्य केंद्र मांगरोल से महुआ तक राजकोट जामनगर के आसपास के हिस्सों सहित सौराष्ट्र के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में देखा जा सकता है. जनसंख्या का वितरण उत्तर और पूर्वी पर्वतीय क्षेत्रों की और कर् से कम होता जाता है.

जनसंख्या का औसत घनत्व 310 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. गुजरात हिंदी भाषी राज्य है. साथ ही साथ मराठी भाषा का प्रचलन है. दोनों भाषाओं में गुजराती का प्रयोग अधिक होता है. जो संस्कृत के अलावा प्राचीन भारतीय मूल भाषा प्राकृत और 10वीं से चौदवी शताब्दी के बीच उत्तरी और पश्चिमी भारत में बोली जाने वाली भाषा से व्युत्पन्न एक भारतीय आर्य भाषा है. समुद्र मार्ग से गुजरात के विदेशों से संपर्क ने फारसी, अरबी, तुर्की, पुर्तगाली और अंग्रेजी शब्दों से इसका परिचय करवाया। गुजराती में महात्मा गांधी की विलक्षण रचनाएं अपनी सादगी और विविधता के लिए प्रसिद्ध है. इन रचनाओं ने आधुनिक गुजराती गद्द पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है. गुजरात राज्य में हिंदू धर्म को मानने वालों की बहुलता है. इसके अलावा कुछ संख्या इस्लाम, जैन और पारसी धर्म मानने वाले की भी है.

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राज्य की नीति हमेशा से ही इसकी जनता की धार्मिक-सहिष्णुता के कारण वशिष्ठ रही है. हालांकि 20 शताब्दी के उत्तरार्ध में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के कारण दंगे भी हुए हैं. सौराष्ट्र कृषि क्षेत्र में बसाव प्रणाली को देखा जा सकता है. जबकि उत्तर और पूर्व में क्षेत्रों में भिखरी हुई छोटी छोटी बस्तियाँ है. जो शुष्क पर्वतीय या वनाच्छादित क्षेत्र हैं. आदिवासी जनसंख्या इन्हीं सीमांत उत्पादक क्षेत्रों में केंद्रित है. इस राज्य की ज्यादातर लोक संस्कृति और लोक गीत हिंदू को धार्मिक साहित्य पुराण में वर्णित भगवान कृष्ण से जुड़ी लोकोक्तियों से प्रतिबिंबित होती है.

कृष्ण के सम्मान में किया जाने वाला राजनीति रासलीला प्रसिद्ध लोक नृत्य गरबा के रूप में अभी भी प्रचलित है. यह नृत्य देवी दुर्गा के नवरात्रि पर्व में क्या जाता है. इसमें नर्तक नृत्य किया गाते हुए या 12 अरे के साथ तालियां बजाते हुए या ढंडिया टकराते हुए एक दायरे में घूमते हुए अवैध तरीके से नृत्य करते हैं.

गुजरात की वास्तुकला शैली अपनी पूर्णता और अलंकार के लिए काफी प्रसिद्ध है. यह सोमनाथ, द्वारका, मोधेरा, थान, घुमली, गिरनार और पालीताना जैसे मंदिरों और स्मारकों में स्थित है. मुस्लिम शासन के दौरान एक ही तरीके कि भारतीय इस्लामी शैली विकसित हुई. गुजरात अपनी कला व शिल्प की वस्तुओं के लिए भी प्रसिद्ध है.व्यापार और कला शिल्प संघ को महाजन के रूप में प्रसिद्ध है. इस राज्य का सबसे ज्यादा प्रभावशाली और सांस्कृतिक संस्थान है. जाति विशेष में अंतर गठित और स्वायत्त इन संघों ने अतीत में कई वादों को सुलझाया है. और लोकहित के माध्यम की भूमिका निभाते हुए कला व संस्कृति को सम्मान दिया है.

अर्थव्यवस्था

यहां के कृषि के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों में जलवायु संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों मृदा और जल की लवणता और चटाने क्षेत्र जैसे भौतिक संकट बाधा उत्पन्न करते रहे हैं. राज्य ज्यादातर सिंचाई पर निर्भर है, भूजल की उपयोगिता को बढ़ाने की आवश्यकता है. क्योंकि भूमिगत जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. यह आवश्यक है कि नर्मदा नहर प्रणाली का परिचालन सिंचाई के लिए हो. यहां के मुख्य खाद्य फसलों में ज्वार बाजरा चावल और गेहूं है. गुजरात में नकदी फसलों का उत्पादन महत्वपूर्ण है. इनमें कपास, मूंगफली, तंबाकू, तिलहन, मसाले, फल और शकर प्रमुख हैं.

वैसे तो गुजरात में अधिकांश लोग कृषि के कार्य करते हैं. परंतु सुगठित और अपेक्षाकृत अमृतवाणी जी समुदाय भी हैं. जो व्यापार और वाणिज्य में विकास कर रहे हैं. गुजराती व्यापारी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फैले हैं. भारत की औद्योगिक अर्थव्यवस्था में गुजरात का स्थान अग्रणी है. यह राज्य चूना-पत्थर, मैगजीन, जिप्सम, कैलासाईट, बॉक्साइट जैसी खनिज संपदा से समृद्ध हैं. यहां पर लिग्नाइट क्वार्टर युक्त रेत और फेल्सपार के भंडार हैं. इस राज्य में पेट्रोलियम का उत्पादन भी व्यापक रूप से होता है. रोडा ऐश और नमक के मामले में कुल राष्ट्रीय उत्पाद का सर्वाधिक हिस्सा यही से आता है.

सीमेंट, वनस्पति तेल, रसायन और सूती वस्त्र उद्योग महत्वपूर्ण है. ओषधि उद्योग वडोदरा अहमदाबाद और अतुल में केंद्रीय हैं. जो भारत के कुल उत्पादन के एक बड़े हिस्से का निर्माण करते हैं. कोयाली के निकट स्थित तेल परिशोधन ने आस-पास के पेट्रोल डायल उद्योग के तीव्र विकास में भूमिका निभाई है. सहकारी वाणिज्यिक डेयरी उद्योग भी महत्वपूर्ण है. दुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति किस राज्य में हुई थी. और यह भारत के बच्चों के लिए खाद्य के कुल उत्पादन का 4 बटा 5 का उत्पादन करता है. लघु उद्योगों का नियमित विकास महत्वपूर्ण है.

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मजदूरों की समस्या पर गांधीवादी मार्ग सत्य पर दृढ़ निर्भरता अहिंसा अहिंसा मध्यस्थता द्वारा समझौता न्यूनतम मांगे और आखिरी उपहार के रूप में हड़ताल के प्रयोग ने गुजरात में औद्योगिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डाला है. उर्जा पूर्ति के दृष्टिकोण से यहां के धुवारन ताप विद्युत केंद्र स्थापित है. महाराष्ट्र की तारापुर नाभिकीय उर्जा इकाई भी गुजरात को विद्युत आपूर्ति करती है. नर्मदा नदी पर लंबे समय से निर्माणाधीन सरदार सरोवर बांध के सबसे बड़े दल विद्युत उत्पादक बनने की आशा है. और इससे विस्तृत सिंचाई सुविधा भी मिलेगी सड़क व रेल संपर्क का जाल है. और तटीय मार्ग गुजरात के विभिन्न बन्दरगावों को जोड़ते हैं. कांडला गुजरात मैं प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह है. राज्य के अंतर और वाद्य शहरों तक आवागमन के लिए वायुसेना की अच्छी सुविधा है.

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ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
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भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
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History and Tourist Places of Gujaratगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
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भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
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Youtube Videos Links

आदिगुरु शंकराचार्य की जीवनीhttps://youtu.be/ChQNNnW5BpI
महादानी राजा बलि की जीवनीhttps://youtu.be/Xar_Ij4n2Bs
राजा हरिश्चंद्र की जीवनीhttps://youtu.be/VUfkrLWVnRY
संत झूलेलाल की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4s
महर्षि वाल्मीकि की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206s
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38s
गुरु गोबिंद सिंह की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11s
भक्त पीपा जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJw
गुरुभक्त एकलव्य की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232s
कृष्णसखा सुदामा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217s
मीराबाई की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3s
गौतम बुद्ध की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4s
गुरु नानक जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21s
श्री कृष्ण की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1s
भगवान श्री राम की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52s
मलूकदास जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8g
श्री जलाराम बापा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6s
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FAQs

Q- गुजरात की राजधानी कहाँ है?

Ans- गुजरात की राजधानी गांधीनगर है.

भारत की संस्कृति

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