Devnarayan ji | देवनारायण जी की फड़,चमत्कार,भजन

By | September 3, 2023
Devnarayan Ji
Devnarayan Ji

देवनारायण जी कौन थे?

दोस्तों हम यहां गुर्जरों के आराध्य और लोक देवता देवनारायण जी की वो रोचक जानकारी शेयर कर रहे है. जिसके बारे में आज से पहले शायद ही आपको पता होगी. लोक देवता देवनारायण जी (Devnarayan Ji) का जन्म एक गुर्जर परिवार में मालासेरी डूंगरी भीलवाड़ा राजस्थान में 911 ई. (माघ महीने की शुक्ला सप्तमी) इनका जन्म हुआ था. उनके पिता जी का नाम श्री महाराजा सवाई भोज तथा उनकी माता जी का नाम माता साडू था. देवनारायण जी पराक्रमी योद्धा थे जिन्होंने अत्याचारी शासकों के विरूद्ध कई संघर्ष एवं युद्ध किये. वे शासक भी रहे उन्होंने अनेक सिद्धियाँ प्राप्त की. चमत्कारों के आधार पर धीरे-धीरे वे देव स्वरूप बनते गये एवं अपने इष्टदेव के रूप में पूजे जाने लगे. देवनारायण को विष्णु के अवतार के रूप में क्षत्रिय समाज द्वारा राजस्थान व दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपने लोकदेवता के रूप में पूजा की जाती है.

देवजी एक वीर गुर्जर यौद्धा थे, देवनारयण जी ने बैसला समाज की स्थापना की थी. देवजी के अनुयाई देवजी को विष्णु जी का अवतार मानते है व देवजी का फड़ का गान करते है. देवजी को लीला घोड़े का असवार और 11 वि कला का असवार और साडू माता का लाल और उधा जी के नाम से पुकारते है.

राजस्थान के जिलों का इतिहास और पर्यटक स्थल और रोचक जानकारी

झुंझुनू जिले का इतिहास और झुंझुनू क्यों प्रसिद्ध हैझुंझुनू के प्रसिद्ध घूमने लायक जगह
चूरू जिले का इतिहास और चूरू क्यों प्रसिद्ध हैचूरू के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
नागौर जिले का इतिहास और नागौर क्यों प्रसिद्ध हैबीकानेर जिले का इतिहास और बीकानेर क्यों प्रसिद्ध है
सीकर जिले का इतिहास और सीकर क्यों प्रसिद्ध हैटोंक जिले का इतिहास और टोंक क्यों प्रसिद्ध है
जोधपुर जिले का इतिहास और जोधपुर क्यों प्रसिद्ध हैकोटा जिले का इतिहास और कोटा क्यों प्रसिद्ध है
अजमेर जिले का इतिहास और अजमेर क्यों प्रसिद्ध हैबूंदी जिले का इतिहास और बूंदी क्यों प्रसिद्ध है
भीलवाड़ा जिले का इतिहास और भीलवाड़ा क्यों प्रसिद्ध हैबारा जिले का इतिहास और बारा क्यों प्रसिद्ध है
झालावाड जिले का इतिहास और झालावाड क्यों प्रसिद्ध हैश्रीगंगानगर जिले का इतिहास और श्रीगंगानगर क्यों प्रसिद्ध है
हनुमानगढ़ जिले का इतिहास और हनुमानगढ़ क्यों प्रसिद्ध हैपाली जिले का इतिहास और पाली क्यों प्रसिद्ध है
सिरोही जिले का इतिहास और सिरोही क्यों प्रसिद्ध हैशेखावाटी का इतिहास
Devnarayan Ji
https://www.youtube.com/watch?v=zcSFM-FEjqU&t=1s

देवनारायण जी का जीवन परिचय (Summary)

नामदेवजी, देवनारायण जी (Devnarayan Ji)
उपनामलीला घोडा का असवार और 11 वी कला का असवार, शादू माता का लाल, उधा जी
जन्म स्थानवर्ष 911 मालासेरी भीलवाडा राजस्थान
पिता जी का नाममहाराजा सवाई भोज गुर्जर
माता जी का नामसाडू माता
पत्नियाँपीपल दे, दैत्य कन्या और नागकन्या
भाई का नामलोक देवता देवनारायण के कोई भाई नहीं था
बहन का नाम
राज्य क्षेत्रअजमेर
देवनारायण जी के पुत्र पुत्री के नामएक बेटा बिला और एक बेटी बिली
वंसबगड़ावत गुर्जर
मंदिरजोधपुरिया, आसींद, देवमाली
पोस्ट श्रेणीDevnarayan Ji
Devnarayan Ji

देवनारायण जी का अवतार (Devnarayan ji’s Avatar)

लोक देवता देवनारायण जी का जन्म एक लोकप्रिय अर्धगोचर मंडलजी के गुर्जर परिवार में हुआ था. जिन्होंने राजस्थान के मेवाड़ में भीलवाड़ा जिले के पास प्रसिद्ध मंडल झील की स्थापना की थी जो आज भी वहा मौजूद है. प्रसिद्ध मंडल झील उन्होंने मंडलजी, अजमेर के राजा बिसाल देव (विशाल देव चौहान) केे भाई थे के नाम पर बनवायी थी. देवनारायण जी जिन्होंने ने संभवत: 8 वीं शताब्दी में अजमेर पर शासन किया था. देवनारायण जी ने साथ ही अरब घुसपैठ का सफलतापूर्वक डट कर मुकाबला किया था.

देवनारायण जी तोमर वंश के शासकों को दिल्ली पर नियंत्रण पाने में मदद की थी. वे नागवंशीय क्षत्रिय थे जिनका मूल स्थान वर्तमान में अजमेर के निकट नाग पहाड़ था. राजस्थान में प्रचलित लोक कथाओं के माध्यम से शौर्य पुरूष देवनारायण के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारी मिलती है. देवनारायण जी महागाथा में इनको चौहान वंश से सम्बन्धित बताया है. इनका भव्य मंदिर भीलवाडा के आसीन्द में है.

देवनारायण जी के चमत्कार

वैसे तो देवनारायण जी के बहुत चमत्कार किये हुए है. कुछ मुख्य चमत्कार आप के साथ साझा कर रहे है.

  • छोछू भाट को जीवित करना.
  • सूखी नदी में पानी निकालना.
  • सारंग सेठ को वापस जिन्दा करना.
  • पीपलदे की कुरूपता को दूर करना और बाद में देवनारायण जी ने पीपलदे से शादी भी करि थी.
  • देवनारायण जी को आयुर्वेद का ज्ञाता कहा जाता है. देवनारायण जी के देवरो में आज भी उनकी प्रतिमा के स्थान पर बड़ी ईट की नीम की पतियों से पूजा की जाती है. देवनारायण जी ने नीम को ओसधि के रूम में स्थापित पुनः स्थापित के किया था.
  • मेवाड़ के शासक राणा सांगा के आराध्य देव देवनारायण जी थे.
  • देवनारायण जी को राज्य क्रांति का जनक कहा जाता है.
https://www.youtube.com/watch?v=DZtZ4-P4ZxE&t=53s

Devnarayan Jiवीर तेजाजी महाराज

देवनारायण जी की फड़

देवनारायण जी की फड़ में कुल 335 गीत है व 1200 पेज है. .दोस्तों देवनारयण जी की फड़ बाँचते समय ‘जंतर ‘ नामक वाद्य यंत्र कर प्रयोग किया जाता है. देवनारयण जी ही एक मार्त्र लोक देवता है. जिनकी फड़ पर भारतीए डाक ने 1992 में पांच रूपये का डाक टिकिट जारी किया गया था.

देवनारायण जी की मृत्यु कैसे हुई?

How Did Devnarayan Ji Die? देवनारायणजी का अन्तिम समय राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर तहसील के मसूदा से 6 कि. मी . दूरी पर स्थित देहमाली ( देमाली ) स्थान पर गुजरा. भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को उनका वहीं देहावसान हुआ. The last time of Devnarayanji is 6 km from Masuda in Beawar tehsil of Ajmer district of Rajasthan. M Passed at the place Dehmali (Demali) at a distance. Bhadrapad Shukla Saptami died there.

देवनारायण जी के बारे में रोचक जानकारी

Devnarayan Ji Interesting Facts

  • श्री कृष्ण भगवन की तरह देवनारायण भी गायों के रक्षक थे.
  • श्री देवनारायण जी के पास लगभग 98000 पशु धन होना बतया गया है.
  • जब देवनारायण जी की गायें राण भिणाय का राणा घेर कर ले जाता तो देवनारायण जी गायों की रक्षार्थ राणा से युद्ध करतेथे और गायों को छुड़ाकर लाते थे.
  • कहा जाता है की देवनारायण जी गायों के लिए उनकी की सेना में लगभग 1444 ग्वाले थे. जिनका काम गायों को चराना और गायों की रक्षा करना था. देवनारायण ने अपने अनुयायियों को गायों की रक्षा का संदेश दिया था.
  • देवनारयण जी ही एक मार्त्र लोक देवता है, जिनकी फड़ पर भारतीए डाक ने 1992 में पांच रूपये का डाक टिकिट जारी किया गया है.
  • लोक देवता देवनारायण जी ने 3 शादियां की और उनकी की 3 रानियां थीं. पहली पत्नी का नाम पीपलदे परमार (धारा के राजा की बेटी) दूसरी पत्नी नागकन्या और तीसरी पत्नी का नाम दैत्यकन्या था.

Devnarayan Jiसालासर बालाजी चुरू राजस्थान

What Was The Name Of Devnarayan Ji Horse? (देवनारायण जी के घोड़े का क्या नाम था?)

देवनारायण जी के घोड़े का नाम लीला घोडा था. देवनारायण जी को लीला लीला घोडा का असवार के नाम से भी जाना जाता है.

Jai Devnarayan ji belongs to which caste? (देवनारायण जी किस परिवार से आते है?)

लोक देवता देवनारायण जी राजस्थान के एक गुर्जर परिवार से सम्बन्ध रखते है. लोक देवता देवनारायण जी राजस्थान के एक गुर्जर परिवार से सम्बन्ध रखते थे. अपने युद्ध कौसल से बहुत कम समय में आप जन जन में जानने लगे थे. The deity Devnarayan Ji belonged to a Gurjar family of Rajasthan. In a very short time from your war career, you came to know in public.

लोक देवता देवनारायण भगवान के कितने भाई थे?(How Many Brothers Did Of Devnarayan The Folk God)

लोक देवता देवनारायण जी के कोई भाई नहीं था.

Devnarayan Ji Family Details

Devnarayan Ji Mother NameSadu Mata
Devnarayan Ji Father NameMaharaja Sawai Bhoj
Lok Devta Devnaryan Ji Borhter NameThe folk deity Devnarayan had no brother.
Devnaryan Ji Birth PlaceMalaseri Bhilwara Rajasthan
Devnaryan Ji Son And Daughter NameOne son Bila and daughter Bili

Devnarayan Jiकरणी माता मंदिर देशनोक बीकानेर

राजस्थान में देवनारायण जी के मंदिर कहाँ कहाँ है? Where is the temple of Devnarayan ji in Rajasthan?

Devnarayan Ji Mandir DistMandir Location
देवनारायण जी मंदिर टोंकजोधपुरिया
Devnarayan ji मंदिर अजमेरदेवमाली
देवनारायण जी मंदिर भीलवाड़ाआसींद
Devnarayan Ji

भारत के महान संतो की जीवनी और रोचक जानकारी यहाँ पढ़े

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जुन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

1857 की क्रांति के महान वीरो की जीवनी

1857 ईस्वी क्रांति के महान वीरों की गाथा1857 की क्रांति में महान रानियों का योगदान
अजीजन बेगम की जीवनीअकबर खान की जीवनी
अज़ीमुल्लाह खान की जीवनीपृथ्वीराज चौहान III की जीवनी
आनंद सिंह जी की जीवनीअवन्ति बाई लोधी की जीवनी
अमरचंद बांठिया जी की जीवनीस्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी
बंसुरिया बाबा की जीवनीतात्या टोपे की जीवनी
मंगल पांडे की जीवनीमहारानी तपस्विनी की जीवनी
बेगम हजरत महल की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
भास्कर राव बाबासाहेब नरगुंडकर कौन थेकुमारी मैना की जीवनी
महारानी जिंदा कौर की जीवनीवीर सुरेंद्र साय की जीवनी
झलकारी बाई की जीवनीवृंदावन तिवारी की जीवनी
तिलका मांझी की जीवनीसूजा कंवर राजपुरोहित की जीवनी
पीर अली की जीवनीबाबू कुंवर सिंह की जीवनी
ईश्वर कुमारी की जीवनीठाकुर कुशल सिंह की जीवनी
उदमी राम की जीवनीचौहान रानी की जीवनी
जगत सेठ रामजीदास गुड़ वाला की जीवनीजगजोत सिंह की जीवनी
ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
Devnarayan Ji

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Devnarayan Ji

भारत के राज्य उनका इतिहास और घूमने लायक जगह

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Devnarayan Ji

Overview

Post CategoryTemple (Mandir)
Temple NameDevnarayan Ji Mandir
Temple LocationJodhpuria, Devmali, Asind
ReligionHindu
Temple AddressJodhpuria (Tonk), Devmali (Ajmer) Asind (Bhilwara) Rajasthan
God/DeityVishnu Ji
NicknameShadu Mata Ka Lal, Udha Ji
Mandir Open StatusOpen
EstablishedAncient
Official Websitewww.devdham.org
Contact Number9829511121/9929974616/9414347031 
Email Idadmin@devdham.org
State/UTRajasthan
Devnarayan Ji

FAQs

Q- राजस्थान के किस जिले में मुख्यमंत्री द्वारा ‘देवनारायण पैनोरमा ‘ का शिलान्यास किया गया है?

Ans- श्रीमती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा भीलवाड़ा में ‘देवनारायण पैनोरमा ‘ योजना का शिलान्यास किया गया था.

Q- भारतीय डाक विभाग द्वारा किस लोकदेवता की फड़ पर डाक टिकिट जारी किया है?

Ans- भारतीय डाक विभाग ने राजस्थान हरियाणा गुजरात पंजाब दिल्ली और उत्तरप्रदेश मध्यपरदेश के लोक देवता देवनारयण जी के फड़ पर डाक टिकिट 1992 में जारी किया था.

Q-देवनारायण जी के पिता जी के कितने भाई थे ?और वे कहा के राजा थे?

Ans- लोक देवता देवनारायण जी के वंसज को बगड़ावत कहा जाता था. बगड़ावत 24 भाई थे जो वर्तमान अजमेर के चौहान वंश के राजकुमार थे. राजा सवाई भोज के 24 भाई अलग-अलग रियासतों पर शासन कर रहे थे. उनके राज में कभी लूट चोरी कभी नहीं हुई. बगड़ावतो ने कभी अरब के अकर्मणकारि को सिंध के इधर नहीं आने दिया. बगड़ावत के राज में प्रजा सुखी थी. राजा सवाई भोज के भाई पाटन में तेजावत का शासन कर रहे थे. बगदावत वीर नवाजी रावत नेगडिया पर शासन कर रहा था. राजा सवाई भोज (देवनारायण जी के पिता) के पास 320 गढ़ों की एक रियासत थी. आशा जी असंध पर बगदावत का शासन कर रही थीं और उनके पिता बाग रावत चौहान जी बदनोर पर शासन कर रहे थे.

Shree Devnarayan Ji Mandir Official Website – devdham.org

भारत की संस्कृति

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *