देवनारायण जी कौन थे?
दोस्तों हम यहां गुर्जरों के आराध्य और लोक देवता देवनारायण जी की वो रोचक जानकारी शेयर कर रहे है. जिसके बारे में आज से पहले शायद ही आपको पता होगी. लोक देवता देवनारायण जी (Devnarayan Ji) का जन्म एक गुर्जर परिवार में मालासेरी डूंगरी भीलवाड़ा राजस्थान में 911 ई. (माघ महीने की शुक्ला सप्तमी) इनका जन्म हुआ था. उनके पिता जी का नाम श्री महाराजा सवाई भोज तथा उनकी माता जी का नाम माता साडू था. देवनारायण जी पराक्रमी योद्धा थे जिन्होंने अत्याचारी शासकों के विरूद्ध कई संघर्ष एवं युद्ध किये. वे शासक भी रहे उन्होंने अनेक सिद्धियाँ प्राप्त की. चमत्कारों के आधार पर धीरे-धीरे वे देव स्वरूप बनते गये एवं अपने इष्टदेव के रूप में पूजे जाने लगे. देवनारायण को विष्णु के अवतार के रूप में क्षत्रिय समाज द्वारा राजस्थान व दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अपने लोकदेवता के रूप में पूजा की जाती है.
देवजी एक वीर गुर्जर यौद्धा थे, देवनारयण जी ने बैसला समाज की स्थापना की थी. देवजी के अनुयाई देवजी को विष्णु जी का अवतार मानते है व देवजी का फड़ का गान करते है. देवजी को लीला घोड़े का असवार और 11 वि कला का असवार और साडू माता का लाल और उधा जी के नाम से पुकारते है.
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देवनारायण जी का जीवन परिचय (Summary)
नाम | देवजी, देवनारायण जी (Devnarayan Ji) |
उपनाम | लीला घोडा का असवार और 11 वी कला का असवार, शादू माता का लाल, उधा जी |
जन्म स्थान | वर्ष 911 मालासेरी भीलवाडा राजस्थान |
पिता जी का नाम | महाराजा सवाई भोज गुर्जर |
माता जी का नाम | साडू माता |
पत्नियाँ | पीपल दे, दैत्य कन्या और नागकन्या |
भाई का नाम | लोक देवता देवनारायण के कोई भाई नहीं था |
बहन का नाम | — |
राज्य क्षेत्र | अजमेर |
देवनारायण जी के पुत्र पुत्री के नाम | एक बेटा बिला और एक बेटी बिली |
वंस | बगड़ावत गुर्जर |
मंदिर | जोधपुरिया, आसींद, देवमाली |
पोस्ट श्रेणी | Devnarayan Ji |
देवनारायण जी का अवतार (Devnarayan ji’s Avatar)
लोक देवता देवनारायण जी का जन्म एक लोकप्रिय अर्धगोचर मंडलजी के गुर्जर परिवार में हुआ था. जिन्होंने राजस्थान के मेवाड़ में भीलवाड़ा जिले के पास प्रसिद्ध मंडल झील की स्थापना की थी जो आज भी वहा मौजूद है. प्रसिद्ध मंडल झील उन्होंने मंडलजी, अजमेर के राजा बिसाल देव (विशाल देव चौहान) केे भाई थे के नाम पर बनवायी थी. देवनारायण जी जिन्होंने ने संभवत: 8 वीं शताब्दी में अजमेर पर शासन किया था. देवनारायण जी ने साथ ही अरब घुसपैठ का सफलतापूर्वक डट कर मुकाबला किया था.
देवनारायण जी तोमर वंश के शासकों को दिल्ली पर नियंत्रण पाने में मदद की थी. वे नागवंशीय क्षत्रिय थे जिनका मूल स्थान वर्तमान में अजमेर के निकट नाग पहाड़ था. राजस्थान में प्रचलित लोक कथाओं के माध्यम से शौर्य पुरूष देवनारायण के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारी मिलती है. देवनारायण जी महागाथा में इनको चौहान वंश से सम्बन्धित बताया है. इनका भव्य मंदिर भीलवाडा के आसीन्द में है.
देवनारायण जी के चमत्कार
वैसे तो देवनारायण जी के बहुत चमत्कार किये हुए है. कुछ मुख्य चमत्कार आप के साथ साझा कर रहे है.
- छोछू भाट को जीवित करना.
- सूखी नदी में पानी निकालना.
- सारंग सेठ को वापस जिन्दा करना.
- पीपलदे की कुरूपता को दूर करना और बाद में देवनारायण जी ने पीपलदे से शादी भी करि थी.
- देवनारायण जी को आयुर्वेद का ज्ञाता कहा जाता है. देवनारायण जी के देवरो में आज भी उनकी प्रतिमा के स्थान पर बड़ी ईट की नीम की पतियों से पूजा की जाती है. देवनारायण जी ने नीम को ओसधि के रूम में स्थापित पुनः स्थापित के किया था.
- मेवाड़ के शासक राणा सांगा के आराध्य देव देवनारायण जी थे.
- देवनारायण जी को राज्य क्रांति का जनक कहा जाता है.
वीर तेजाजी महाराज
देवनारायण जी की फड़
देवनारायण जी की फड़ में कुल 335 गीत है व 1200 पेज है. .दोस्तों देवनारयण जी की फड़ बाँचते समय ‘जंतर ‘ नामक वाद्य यंत्र कर प्रयोग किया जाता है. देवनारयण जी ही एक मार्त्र लोक देवता है. जिनकी फड़ पर भारतीए डाक ने 1992 में पांच रूपये का डाक टिकिट जारी किया गया था.
देवनारायण जी की मृत्यु कैसे हुई?
How Did Devnarayan Ji Die? देवनारायणजी का अन्तिम समय राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर तहसील के मसूदा से 6 कि. मी . दूरी पर स्थित देहमाली ( देमाली ) स्थान पर गुजरा. भाद्रपद शुक्ला सप्तमी को उनका वहीं देहावसान हुआ. The last time of Devnarayanji is 6 km from Masuda in Beawar tehsil of Ajmer district of Rajasthan. M Passed at the place Dehmali (Demali) at a distance. Bhadrapad Shukla Saptami died there.
देवनारायण जी के बारे में रोचक जानकारी
Devnarayan Ji Interesting Facts
- श्री कृष्ण भगवन की तरह देवनारायण भी गायों के रक्षक थे.
- श्री देवनारायण जी के पास लगभग 98000 पशु धन होना बतया गया है.
- जब देवनारायण जी की गायें राण भिणाय का राणा घेर कर ले जाता तो देवनारायण जी गायों की रक्षार्थ राणा से युद्ध करतेथे और गायों को छुड़ाकर लाते थे.
- कहा जाता है की देवनारायण जी गायों के लिए उनकी की सेना में लगभग 1444 ग्वाले थे. जिनका काम गायों को चराना और गायों की रक्षा करना था. देवनारायण ने अपने अनुयायियों को गायों की रक्षा का संदेश दिया था.
- देवनारयण जी ही एक मार्त्र लोक देवता है, जिनकी फड़ पर भारतीए डाक ने 1992 में पांच रूपये का डाक टिकिट जारी किया गया है.
- लोक देवता देवनारायण जी ने 3 शादियां की और उनकी की 3 रानियां थीं. पहली पत्नी का नाम पीपलदे परमार (धारा के राजा की बेटी) दूसरी पत्नी नागकन्या और तीसरी पत्नी का नाम दैत्यकन्या था.
सालासर बालाजी चुरू राजस्थान
What Was The Name Of Devnarayan Ji Horse? (देवनारायण जी के घोड़े का क्या नाम था?)
देवनारायण जी के घोड़े का नाम लीला घोडा था. देवनारायण जी को लीला लीला घोडा का असवार के नाम से भी जाना जाता है.
Jai Devnarayan ji belongs to which caste? (देवनारायण जी किस परिवार से आते है?)
लोक देवता देवनारायण जी राजस्थान के एक गुर्जर परिवार से सम्बन्ध रखते है. लोक देवता देवनारायण जी राजस्थान के एक गुर्जर परिवार से सम्बन्ध रखते थे. अपने युद्ध कौसल से बहुत कम समय में आप जन जन में जानने लगे थे. The deity Devnarayan Ji belonged to a Gurjar family of Rajasthan. In a very short time from your war career, you came to know in public.
लोक देवता देवनारायण भगवान के कितने भाई थे?(How Many Brothers Did Of Devnarayan The Folk God)
लोक देवता देवनारायण जी के कोई भाई नहीं था.
Devnarayan Ji Family Details
Devnarayan Ji Mother Name | Sadu Mata |
Devnarayan Ji Father Name | Maharaja Sawai Bhoj |
Lok Devta Devnaryan Ji Borhter Name | The folk deity Devnarayan had no brother. |
Devnaryan Ji Birth Place | Malaseri Bhilwara Rajasthan |
Devnaryan Ji Son And Daughter Name | One son Bila and daughter Bili |
करणी माता मंदिर देशनोक बीकानेर
राजस्थान में देवनारायण जी के मंदिर कहाँ कहाँ है? Where is the temple of Devnarayan ji in Rajasthan?
Devnarayan Ji Mandir Dist | Mandir Location |
देवनारायण जी मंदिर टोंक | जोधपुरिया |
Devnarayan ji मंदिर अजमेर | देवमाली |
देवनारायण जी मंदिर भीलवाड़ा | आसींद |
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Overview
Post Category | Temple (Mandir) |
Temple Name | Devnarayan Ji Mandir |
Temple Location | Jodhpuria, Devmali, Asind |
Religion | Hindu |
Temple Address | Jodhpuria (Tonk), Devmali (Ajmer) Asind (Bhilwara) Rajasthan |
God/Deity | Vishnu Ji |
Nickname | Shadu Mata Ka Lal, Udha Ji |
Mandir Open Status | Open |
Established | Ancient |
Official Website | www.devdham.org |
Contact Number | 9829511121/9929974616/9414347031 |
Email Id | admin@devdham.org |
State/UT | Rajasthan |
FAQs
Ans- श्रीमती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा भीलवाड़ा में ‘देवनारायण पैनोरमा ‘ योजना का शिलान्यास किया गया था.
Ans- भारतीय डाक विभाग ने राजस्थान हरियाणा गुजरात पंजाब दिल्ली और उत्तरप्रदेश मध्यपरदेश के लोक देवता देवनारयण जी के फड़ पर डाक टिकिट 1992 में जारी किया था.
Ans- लोक देवता देवनारायण जी के वंसज को बगड़ावत कहा जाता था. बगड़ावत 24 भाई थे जो वर्तमान अजमेर के चौहान वंश के राजकुमार थे. राजा सवाई भोज के 24 भाई अलग-अलग रियासतों पर शासन कर रहे थे. उनके राज में कभी लूट चोरी कभी नहीं हुई. बगड़ावतो ने कभी अरब के अकर्मणकारि को सिंध के इधर नहीं आने दिया. बगड़ावत के राज में प्रजा सुखी थी. राजा सवाई भोज के भाई पाटन में तेजावत का शासन कर रहे थे. बगदावत वीर नवाजी रावत नेगडिया पर शासन कर रहा था. राजा सवाई भोज (देवनारायण जी के पिता) के पास 320 गढ़ों की एक रियासत थी. आशा जी असंध पर बगदावत का शासन कर रही थीं और उनके पिता बाग रावत चौहान जी बदनोर पर शासन कर रहे थे.