छत्तीसगढ़ अर्थात 36 किलो का प्रदेश, छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर सन 2000 ईस्वी को किया गया था. इसका विच्छेद मध्यप्रदेश राज्य से हुआ था. लगभग 135191 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले हुए इस नवगठित राज्य की कुल जनसंख्या 3 करोड़ के आस पास है. इसकी राजधानी रायपुर है. छत्तीसगढ़ उत्तर भारतीय हिंदी भाषी अंतः स्थल को प्रभावित करता है. 31 जुलाई सन 2000 को छत्तीसगढ़ की स्थापना के लिए लोकसभा ने मध्य प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित किया था. यह विधेयक राज्यसभा द्वारा 9 अगस्त को पारित किया गया. अन्य 2 राज्यों उत्तराखंड और झारखंड के विपरीत छत्तीसगढ़ को अपने गठन के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या आंदोलन का सामना नहीं करना पड़ा। हम यहाँ छत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटक स्थल (History and Tourist Places of Chhattisgarh).
और राज्य की भू दृश्य, जलवायु, जल प्रवाह और मिट्टी, जनजीवन, वनस्पति एवं प्राणी जीवन, छत्तीसगढ़ के जिलों के नाम और उनकी वो रोचक जानकारी शेयर करेंगे जिसके बारे में आप अब से पहले अनजान थे. तो दोस्तों चलते है और जानते है, छत्तीसगढ़ की रोचक और अद्भुत जानकारी। नवीन राज्य के अस्तित्व में आने से पूर्वी मध्य प्रदेश के छत्तीसगढ़ क्षेत्र के स्थानीय लोगों की वर्षा की मनोकामनाएं पूरी हो गई. हालांकि अलग राज्य बनाने के लिए सन 1970 के दशक में अभियान शुरू हुआ था. लेकिन इसकी जड़े लगभग 80 वर्ष पुरानी थी.
जब स्थानीय नेताओं ने क्षेत्र की एक अलग सांस्कृतिक पहचान का दावा करना शुरू कर दिया था. 90 के दशक के आरंभ में इस मांग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में किए गए वादों मैं एक बार अभिव्यक्ति पाई. विशेषकर सन 1996 के चुनाव के दौरान एक अलग राज्य के मुद्दे को स्थानीय लोगों ने वोट हासिल करने के लिए एक चुनावी मुद्दा बनाया गया.
छत्तीसगढ़ का इतिहास
प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ दक्षिण कौशल के नाम से प्रसिद्ध था. आर्य इसी रास्ते से दक्षिण की ओर आए थे. छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों की संख्या अधिक है. लेकिन भारत के इतिहास में छत्तीसगढ़ का जिक्र हमेशा मध्य प्रदेश के एक अंग के रूप में किया गया. क्षेत्र के रूप में यह मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों से अलग ही रहा. यह राज्य अपने जनक राज्य के इतिहास का साझीदार है. लगभग 750 ईसवी में स्थापित छत्तीसगढ़ अर्थात 36 किलो का प्रदेश नाम का प्रयोग पहले रतनपुर क्षेत्र के लिए किया जाता था. ब्रिटिश शासन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में ईस्टर्न स्टेटस एजेंसी के तहत 14 स्थानीय रियासतों के उपखंड शामिल थे. इस संस्था का प्रमुख मुख्यालय रायपुर था.
छत्तीसगढ़ में कितने जिले हैं? उनके नाम
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के समय 16 जिले थे, जो की 6 गोंडी भाषी और 10 छत्तीसगढ़ भाषी जिलों को मिलकर 01-Nov- 2000 को मध्य प्रदेश से निकालकर भारत का 29वा राज्य बनाया गया था. दोस्तों वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में 33 जिले है. और 20335 है, जो की 5 मंडलो के अंतर्गत आते है. मंडल है, बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर और सुरगुजा।
- बालोद जिला
- सारंगढ़ जिला
- बलरामपुर जिला
- बिलासपुर जिला
- बलौदा बाजार जिला
- बीजापुर जिला
- कोरबा जिला
- बस्तर जिला
- गरियाबंद जिला
- बेमेतरा जिला
- दुर्ग जिला
- जशपुर जिला
- दंतेवाड़ा जिला
- धमतरी जिला
- कोंडागांव जिला
- जांजगीर चांपा जिला
- सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला
- कांकेर जिला
- कबीरधाम जिला
- सक्ती जिला
- कोरिया जिला
- महासमुंद जिला
- मुंगेली जिला
- नारायणपुर
- रायगढ़ जिला
- रायपुर जिला
- सुकमा जिला
- सूरजपुर जिला
- सरगुजा जिला
- पेंड्रा गौरेला मारवाही जिला
- मोहला-मानपुर जिला
- मनेन्द्रगढ़ जिला
- राजनांदगाव जिला
भू-दृश्य
समुद्र तल से लगभग 250-300 मीटर की ऊंचाई पर यह प्रमुख राज्य स्थित है. यह लंबे अपक्षरण के परिणाम स्वरुप उत्पन्न भौगोलिक विविधताओं वाला संरचनात्मक मैदान है. इस क्षेत्र की प्रमुख विशेषताएं पर्वत शिखर लहरदार दो आप और दोआब मिट्टी की पटियो से युक्त किनारों वाली नदी घाटियां हैं. लगभग 160 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र छोटा नागपुर पठार में मैकाल पर्वत श्रेणी, रायगढ़ पहाड़ियों, रायपुर उच्च भूमि और बस्तर के पठार से घिरा हुआ है.
उच्च भूमि में ज्यादातर अपरदित पठार हैं. जो मैकाल पर्वत श्रेणी, और दंडकारण्य पर्वतमाला में 700 मीटर की ऊंचाई तक उठते हैं. भारत में ब्रिटिश मैदानों को जोड़ने वाले दो महत्वपूर्ण मार्गों के बीच स्थित क्षेत्र एक जंगली और आदिवासी प्रदेश था. जो कभी स्थानीय सामंती राजकुमारों के नियंत्रण में था. जिनका राजधानी के किलों (गढ़) के कारण इस क्षेत्र का यह नाम पड़ा।
यह राज्य नदी घाटी का राज्य कहलाता है. इसके उतरी जिले नर्मदा-सोना घाटी में स्थित है. जबकि बस्तर और दंतेवाड़ा के दक्षिणी जिले आर्थिक रूप से गोदावरी बेसिन में स्थित है. रायगढ़ जिला महानदी बेसिन में स्थित है. आंध्र प्रदेश की सीमाओं में लगे उत्तरी जिलों में बहुत कम तीव्रता वाले भूकंप दर्ज किए जाते हैं. रायगढ़ जिले के आसपास के क्षेत्रों में भी कुछ हल्के झटके महसूस किए जाते हैं.
छत्तीसगढ़ की जलवायु
यहां की जलवायु मानसूनी है, यहां के जलवायु को मुख्य रूप से ग्रीष्म शीत नवंबर से फरवरी और दक्षिण पश्चिम मानसून के वर्षा के महीनों में बांटा जा सकता है. इस राज्य में ग्रीष्म ऋतु गर्म और शुष्क रहती है, तेज हवाएं चलती है. तथा राज्य के लगभग सभी हिस्सों में औसत तापमान कम से कम 29 डिग्री से रहता है. कुछ स्थानों पर यह 48 डिग्री तक पहुंच जाता है. शीत ऋतु सामान्यतः सुहावनी व्यस्त रहती है. तथा दिसंबर और जनवरी में उल्लेखनीय वर्षा होती है. छत्तीसगढ़ का औसत वार्षिक वर्षा लगभग 1117 मिलीमीटर है, सामान्य वर्षा 1140 से 1525 मिलीमीटर तक भी होती है.
जल प्रवाह और मिट्टी
भारत की प्रमुख प्रायद्वीपीय नदी महानदी का उद्गम स्थल रायपुर के सिहावा में है. यह पश्चिम की ओर 200 किलोमीटर बहकर बिलासपुर में शिवरीनारायण से 13 किलोमीटर पहले शिवनाथ नदी से मिलती है. जबलपुर के निकट सीमा पर हीराकुंड बांध बनाया गया है. इसके बाद महानदी पूर्व दिशा में आगे बढ़ते हुए उड़ीसा में नदी से मिलती है. प्रदेश में इस से मिलने वाली अन्य प्रमुख नदियां में इंद्रावती, अरपा, केलो, खरून और मांड है. काली मिट्टी और दोमट मिट्टी इस राज्य की प्रमुख मिट्टी है. इसके अतिरिक्त कम उर्वरक रेत युक्त लाल पीली मिट्टी पाई जाती है.
वनस्पति एवं प्राणी जीवन
इस राज्य के पूर्वी और दक्षिणी पूर्वी भागों में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं. यहां का प्रमुख वनस्पति सागौन, साल, बांस, सलाई, और तेंदू है. तेंदू इस वन का सर्वाधिक मूल्यवान वृक्ष है. सागौन, साल, बांस, सलाई, और तेंदू राज्य के अत्यधिक मूलयवान पेड़ है. सलाई से निकलने वाला रेसा इत्र और ओषधी बनाने में प्रयोग किया जाता है.
इस राज्य के जंगलों में शेर, धारीदार भेड़िए, चीता गोर, चीतल, भालू , जंगली भैंस, शाम्भर, रीछ, जंगली सूअर, चोसिंगा हिरन और काली बतख के साथ-साथ कई प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं. राज्य में अनेक राष्ट्रीय वन उद्यान और वन्य प्राणी अभ्यारण्य हैं. जिनमें इंद्रावती, समरसोत, बादकोट, गोमदाह, उदन्ती अभ्यारण्य, सीतानदी, और बैरमगढ़ प्रमुख अभ्यारण्य हैं. इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में शेरों के लिए वन्य जीव अभ्यारण ने भी है.
जनजीवन
छत्तीसगढ़ आदिवासी प्रधान राज्य है. यहां के कुल आबादी में 1 तिहाई से अधिक भाग अनुसूचित जाति और जनजातियों की है. तीन चौथाई से अधिक जनसंख्या ग्रामीण है. लेकिन जनसंख्या का वितरण अत्यधिक समान है. शेष लोग मुख्यतः रायपुर, दुर्ग भिलाई, कोरबा, बिलासपुर और रायगढ़ के शहरी क्षेत्रों में रहते हैं. सर्वाधिक महत्वपूर्ण शहरी विकास दक्षिणी पूर्वी और पूर्व से संबंधित है.लेकिन जिलों में मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र में हुए भारी निवेश के कारण हुआ है. बड़े शहरी से केंद्रों में रायपुर, दुर्ग भिलाई नगर, आसपुर और रायगढ़ आते हैं.
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है. इसलिए जनवरी से जून महीनों के दौरान कृषि कार्य संबंधित गतिविधियां रुक जाने पर बड़ी संख्या में कृषि मजदूर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों की ओर प्रवास कर जाते हैं. यहां का प्रमुख भाषा हिंदी है साथ-साथ स्थानीय भाषा भी बोली जाती है. हिंदी की बोलियों में अवधि, बघेली, बुंदेली और माल भी शामिल है. भील लोग भीली और गोंड लोग गोंडी बोलते है. मराठी, उड़िया, गुजराती, और पंजाबी भी काफी लोगों द्वारा बोली जाती है. तेलुगु, बांग्ला, तमिल और मलयालम भाषा बोली जाती है. इस राज्य में हिन्दुओ की संख्या सर्वाधिक है. परंतु जैन,मुसलमान, ईसाई और बोद्धो की भी अच्छी खासी संख्या है. इस राज्य में सिख धर्मावलंबी भी है.
अर्थव्यवस्था
खनिजों के मामले में यह राज्य धनी राज्य है. यहां पर चुना पत्थर, लोहा अयस्क, तांबा, फास्फेट, मैगनीज, बॉक्साइट, कोयला एस बेस्ट अभ्रक के उल्लेखनीय भंडार हैं. भारत के कुल डोकोमाइट का 24% भंडार छत्तीसगढ़ में है. यहां बॉक्साइट का अनुमानित से 7.3 करोड़ समृद्ध भंडार है. और टिन का 2700 करोड़ से ज्यादा उल्लेखनीय भंडार है. छत्तीसगढ़ में ही कोयले का 2690 करोड़ टन का भंडार है. स्वर्ण भंडार लगभग 3900000 किलो का है. यहाँ उच्च किस्म का लोहा मिलता है. जिसका 19.7 करोड़ टन का भंडार है. बैलाडीला, बस्तर, दुर्ग और जगदलपुर में लोहा मिलता है.
भिलाई में भारत के बड़े इस्पात संयंत्रों में से एक स्थित है. राज्य में 75 से भी अधिक बड़े छोटे मध्य इस्पात उद्योग हैं. जो गर्म धातु, कच्चा लोहा भुरभुरा लोहा, रेल पटरियां, लोहे की सिलिया और पटियो का विनिर्माण करते हैं. छत्तीसगढ़ में सस्ते जल विद्युत के उर्जा के संसाधनों की संभावना काफी है. मुख्य जल विद्युत परियोजनाओं में बिहार व उत्तर प्रदेश के साथ बाणसागर और उड़ीसा के साथ महानदी पर हीराकुंड बांध शामिल है. सहदेव-बागों ताप विद्युत परियोजना भी इस राज्य में है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले के देवभोग में हीरे के भंडार हैं.
History and Tourist Places of Chhattisgarh
हीरे खोजने का कार्य प्रारंभ हो गया है. और लगभग 2 वर्षों में इसका खनन प्रारंभ हो गया है. जिस से राज्य को लगभग ₹2000 करोड़ सालाना अतिरिक्त राजस्व मिलता है. यहां ताप विद्युत केंद्ररो की बहुलता है. यहां कोयला समृद्धि कोरबा में तीन ताप विद्युत संयंत्र हैं. और अन्य संयंत्र लगाने की योजना है साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को लेकर विशाल भंडार वाले क्षेत्रों में खोज कर रहा है. भारत के कुल तेंदूपत्ता उत्पादन का लगभग 70% भाग छत्तीसगढ़ का है.
छत्तीसगढ़ का आर्थिक वातावरण नवीन है इस राज्य में कई औद्योगिक क्षेत्र भी हैं. भिलाई, बिलासपुर, रायपुर, रायगढ़ और दुर्ग राज्य के मुख्य शहर हैं. भिलाई की रेलवे लाइन के पूर्व और पश्चिम में शहरी केंद्र हैं. यहाँ नहरों से सिंचित क्षेत्र भी है, इस क्षेत्र का ग्रामीण आधार कमजोर है. और यहां के भीतरी इलाके अभी तक और ग्रामीण तथा अविकसित है. शहरीकरण का क्षेत्रीय जनजातीय अर्थव्यवस्था पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है.
छत्तीसगढ़ औद्योगीकरण और इकाइयां
वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ अपने खनिज संपदा का पूर्ण लाभ नहीं ले पा रहा है. औद्योगीकरण हो रहा है, लेकिन उसकी गति थोड़ी धीमी है. बड़े और मध्य पैमाने के औद्योगिक केंद्र सामने आ रहे हैं. प्रमुख बड़े उद्योग सरकारी हैं. जिसमें भिलाईनगर का लोहा एवं इस्पात उद्योग शामिल है. सुनियोजित विकास के रूप में रायपुर और भिलाईनगर को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया है. सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उच्च प्रौद्योगिकी ऑप्टिकल फाइबर के निर्माण जैसे अन्य आधुनिक उद्योगों को भी विकसित किया जा रहा है. और स्थापित किया गया है. निजी उद्योगों में सीमेंट कारखाने, कागज, चीनी और कपड़ा मिलों के साथ-साथ आटा, तेल और आरा मिले भी है.
यहां पर सामान्य इंजीनियरिंग वस्तुओं के साथ-साथ रासायनिक खाद कृत्रिम रेशे और रसायन उत्पादित किए जाते हैं. छत्तीसगढ़ के लघु उद्योग इकाइयों का राष्ट्रीय परिदृश्य पर कोई खास प्रभाव नहीं है. लेकिन हथकरघा उद्योग यहां फल-फूल रहा है. और साड़ी बुनने गलीचे व बर्तन बनाने तथा सोने व चांदी के तारों की प्रसिद्ध कशीदाकारी जैसे पारंपरिक काम यहां की जाते हैं. धान यहाँ की प्रमुख उत्पादित फसल है. इसकी खेती समतल भूमि में अधिक की जाती है. इसके अलावा इस राज्य की उच्च भूमि में मक्का मोटे अनाज की खेती भी की जाती है. क्षेत्र की महत्वपूर्ण फसलों में कपास और तिलन शामिल है. बेसिन में आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रचलन मंद चल से हो रहा है.
History and Tourist Places of Chhattisgarh
कृषि की दृष्टि से यह एक बेहद उपजाऊ क्षेत्र है. यह देश का धान का कटोरा कहलाता है. और 600 से ज्यादा चावलों मिलो को अनाज की आपूर्ति करता है. कुल क्षेत्र का आधे से कम क्षेत्र कृषि योग्य है. हालांकि स्थलाकृति वर्षा और मिट्टी में विविधता के कारण इसका वितरण आसान है. यहां के कृषि की विशेषता कम उत्पादन और खेती की पारंपरिक विधियां प्रचलन में है. छत्तीसगढ़ पशुधन से उन्नत राज्य है. पालतू पशुओं में गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सूअर शामिल है. यहां बिलासपुर स्थित बकरी, गाय के कृत्रिम प्रजनन और केंद्र जैसे कई केंद्र इन जानवरों की संख्या और गुणवत्ता बनने में लगे हैं.
छत्तीसगढ़ के पर्यटक स्थल और घूमने लायक जगह
पर्यटन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ महत्वपूर्ण राज्य है. यहां के विभिन्न दर्शनीय स्थल और पर्यटक स्थल निम्नलिखित है-
- भोरमसदेव- यह संकरी नदी के तट पर बने मंदिर के लिए विख्यात है.
- जगदलपुर- यह जगह महल, आदिवासी मंदिर के लिए विख्यात है.
- बस्तर- यह मिरयास एवं मुरियास आदिवासी, सांस्कृतिक केंद्र संगठन के लिए प्रसिद्ध है.
- भिलाई- यह औद्योगिक केंद्र के लिए प्रसिद्ध है.
- रायपुर- यह राज्य की राजधानी है, संग्रहालय, जलप्रपात आदि के लिए प्रसिद्ध है.
- सिरपुर- यह 6वी से 10 वीं सदी का मुख्य बौद्ध केंद्र के लिए विख्यात है.
- शिवरीनारायण नगर- यह का माध पूर्णिमा का वार्षिक मेला, मंदिर, प्राकृतिक सौंदर्य इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है.
- कोटमसर- यहाँ की गुफाएं चुनने के खंभों से भरी हुई है, के लिए प्रसिद्ध है.
- राजिम- यह महानदी के तट पर विष्णु मंदिर के लिए विख्यात है.
- कोरबा- यह छत्तीसगढ़ का मुख्य पर्यटक केंद्र है.
परिवहन
यातायात के साधनों के दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ विकसित राज्य है. छत्तीसगढ़ राज्य विभिन्न परिवहन संसाधनों से जुड़ा हुआ है. यह राज्य देश के अन्य भागों से सड़क, रेल और वायु मार्ग से भलीभांति जुड़ा हुआ है. यहां रायपुर, बिलासपुर में हवाई अड्डे हैं. कुछ प्रमुख रेल मार्ग राज्य से होकर गुजरते हैं. और बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर तथा चंपा यहां के प्रमुख रेलवे जंक्शन है.
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FAQs
Ans- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर है.
Ans- वर्तमान छत्तीसगढ़ में 33 जिले है.