उत्तर प्रदेश के बहराइच के आसपास के जमीदारों तथा राजाओं ने 18 सो 57 के महासंग्राम में खुलकर भाग लिया था. उनमें से एक थे जगजोत सिंह जो चर्दा के राजा थे. जब मार्च 18 सो 58 में लखनऊ पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया. तब नाना साहब, बाला साहब, और तात्या टोपे चर्दा के नरेश जगजोत सिंह के पास पहुंचे. जब अंग्रेजों को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने चर्दा पर हमला कर दिया. हम यहाँ जगजोत सिंह की जीवनी (Biography Of Jagjot Singh) और उनके अनसुने किस्से आपके साथ शेयर करने जा रहे है. इस लिए दोस्तों इस पेज को ध्यान से और अंत तक पढ़े.
जगजोत सिंह कौन थे? (Biography Of Jagjot Singh)
जगजोत सिंह जो चर्दा के राजा थे, जो उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आता है. 1857 के स्वतंत्रता की प्रथम लड़ाई में खुलकर भाग लिया था. जगजोत सिंह ने गोंडा के राजा देवी बक्श सिंह के साथ मिलकर अंग्रेजों का डटकर सामना किया. परंतु जब केवल एक तोप और कुछ ही सीमित सैनिक रह गए तो चर्दा के नरेश ने नाना साहब. और अपने बहनोई गोंडा के शासक देवी बख्ससिंह को सुरंग के मार्ग से गुरखाली भेज दिया और स्वय ने मोर्चा संभाल लिया.
Summary
नाम | जगजोत सिंह |
उपनाम | चर्दा के राजा, जगजोत |
जन्म स्थान | चर्दा |
जन्म तारीख | — |
वंश | राजपूत |
माता का नाम | — |
पिता का नाम | — |
पत्नी का नाम | — |
भाई/बहन | — |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी |
रचना | — |
पेशा | शासक, स्वतंत्रता सेनानी |
पुत्र/पुत्री | महाराज जोतसिह |
गुरु/शिक्षक | नाना साहब |
देश | भारत |
राज्य क्षेत्र | उत्तर प्रदेश |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भाषा | हिंदी |
मृत्यु | — |
जीवन काल | — |
पोस्ट श्रेणी | Biography Of Jagjot Singh (जगजोत सिंह की जीवनी) |
1857 ईस्वी में चर्दा के राजा जगजोत सिंह और अंग्रजो की लड़ाई
दोस्तों जब देवी बख्ससिंह के पास थोड़े से ही सैनिक थे. फिर भी उसने हार ने मानते हुए अंग्रेजों सैनिकों से मुकाबला किया और 3 दिन तक किले पर अधिकार नहीं करने दिया. चौथे दिन अंग्रेज सेना ने किले के आसपास बारूद बिछाकर किले की दीवारे तोड़ दी थी. किले के अंदर प्रवेश किया अंग्रेजी सेना ने दुर्ग में प्रवेश करने के बाद चर्दा नरेश जगजोत सिंह अपने परिवार तथा. सैनिकों के साथ सुरंग के रास्ते मसजिदिया किले की और प्रस्थान कर गए.
1857 ईस्वी की क्रांति में जगजोत सिंह का योगदान
27 दिसंबर 18 सो 58 को अंग्रेज सेनापति क्लाइड ने मसजिदिया किले पर आक्रमण कर दिया था. राजा जगदेव सिंह के साथियों की छूट जाने के कारण उनको वहां से भागना पड़ा. जगजीत सिंह अकेले ही बरगदहा के किले में पहुंच गए. अंग्रेज उनका पीछा करते हुए यहां भी आ पहुंचे. उन्होंने कुछ दिनों तक तो अंग्रेजों से संघर्ष किया परंतु अंत में उन्हें यह किला भी छोड़ना पड़ा. वह शक्ति के अनुसार अंग्रेजों से संघर्ष करते रहे अंत में नेपाल चले गए. जहां के नरेश ने उन्हें अपने कुछ गांव की जागीदारी प्रदान की थी.
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FAQs
Ans- जगजोत सिंह जी उत्तर प्रदेश के बहराइच में चर्दा के राजा थे.