दोस्तों आप यहाँ जानेगे भागीरथ सिलावट अथार्थ भागीरथ वारगीर की जीवनी (Biography of Bhagirath Silavat). और उनसे जुड़े अद्भुत और रोचक जानकारी. तो दोस्तों बने रहे हमारे साथ आचर्यजनक और रोचक जानकारी के लिए. बहादुर शाह जफर दिल्ली का अंतिम मुगल सम्राट था. वह 1857 के महासंग्राम का नेतृत्व कर रहा था. जब उस के दरबार में इंदौर का क्रांतिकारी नेता भागीरथ वारगीर पहुंचा तो वहां उसका बहुत सम्मान किया गया. जब सम्राट ने उसके आगमन का कारण पूछा तो उसने कहा इंदौर और मऊ के क्रांतिकारियों के हौसले पूरी बुलंदी पर है. कुछ देसी नरेश ही जो क्रांति सेना का साथ नहीं दे रहे. आप हमारे मुल्क के सम्राट हैं, इस समय यदि आप देसी नरेशों को पत्र लिखते है. तो वे लोग क्रांतिकारियों के साथ हो जाएंगे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से अपने बोरिया बिस्तर उठाने पड़ेंगे.
भागीरथ वारगीर की बात सुनने के पश्चात सम्राट बहादुरशाह जफर ने उससे कहा. सच पूछा जाए तो मैं अपने आप को इस मुल्क का कठपुतली बादशाह समझता था. और यहां के असली मालिक अंग्रेजी की समझता था. लेकिन जब से आप लोगों ने आजादी की लड़ाई शुरू करी है. और मुझे उस की बागडोर संभाली है, मैं फिर से अपने आप को हिंदुस्तान का शहंशाह समझने लगा हूं. मैं राजस्थान के कुछ राजाओं को भी इसी मकसद से खत लिखे हैं. मैं आपके तुकोजीराव होलकर को भी इस मकसद से एक ख़त लिख देता हूं. वैसे तो हर राजा को अपना फर्ज पर खुद ही आजादी के जंग में कूद पड़ना चाहिए.
भागीरथ वारगीर कौन थे? (Biography of Bhagirath Wargir)
दोस्तों मध्यप्रदेश के देपालपुर के 1857 की क्रांति समरांगण के स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद भागीरथ वारगीर/भागीरथ सिलावट इस योध्दा की अंग्रेजों से कई बार मुठभेड़ हुई. जनजातीय परिवेश में पले बढ़े भगीरथ सिलावट उसी पिछड़ी जातियों में से एक जाति से आते थे. जिन पर आज उनके गौरवशाली इतिहास की रोशनी नहीं पड़ने से मिशनरियों भ्रंम और काली छाया में पड़ कर धर्मांतरण जैसे घृणित कार्य को भी सहजता से कर रहें है. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के आह्वान पर मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर के वीर भागीरथ वारगीर भी आगे बढे़. निडरता से क्रांति का शंखनाद कर दिया. लेकिन घबराये अंग्रेजों ने धोखे से इस वीर योद्धा को बंदी बना लिया और देपालपुर में ही एक पेड़ पर फांसी पर चढ़ा दिया. ये पेड़ आज भी युवाओं को देशभक्ति की दास्तां सुनाता इस गांव में मौजूद है.
Summary
नाम | भागीरथ सिलावट |
उपनाम | भागीरथ वारगीर |
जन्म स्थान | देपालपुर |
जन्म तारीख | — |
वंश | सिलावट |
माता का नाम | — |
पिता का नाम | – |
पत्नी का नाम | – |
उत्तराधिकारी | – |
भाई/बहन | – |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी/क्रन्तिकारी |
रचना | — |
पेशा | क्रन्तिकारी |
पुत्र और पुत्री का नाम | – |
गुरु/शिक्षक | सम्राट बहादुरशाह जफर |
देश | भारत |
राज्य क्षेत्र | मध्य प्रदेश |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
भाषा | हिन्दू |
मृत्यु | फांसी 23 अक्टूबर 1857 |
मृत्यु स्थान | देपालपुर |
जीवन काल | लगभग 50 वर्ष |
पोस्ट श्रेणी | Biography of Bhagirath Silavat (भागीरथ सिलावट की जीवनी) |
1857 ईस्वी की क्रांति में भागीरथ वारगीर का क्या योगदान था?
दोस्तों जब 1857 के महासंग्राम में दिल्ली दरबार में इंदौर का क्रांतिकारी नेता भागीरथ वारगीर पहुंचा तो. दिल्ली के राजा बहादुर साहा जफ़र ने उसके आगमन का कारण पूछा, तो उसने कहा इंदौर और मऊ के क्रांतिकारियों के हौसले पूरी बुलंदी पर है. और दिल्ली सम्राट का समर्थन प्राप्र्त करने हेतु रिक्वेस्ट की. कुछ देसी नरेश ही जो क्रांति सेना का साथ नहीं दे रहे. आप हमारे मुल्क के सम्राट हैं, इस समय यदि आप देसी नरेशों को पत्र लिखते है.
तो वे लोग क्रांतिकारियों के साथ हो जाएंगे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से बहार फेकेंगे. भागीरथ वारगीर की बात सुनने के पश्चात सम्राट बहादुरशाह जफर ने उससे कहा. सच पूछा जाए तो मैं अपने आप को इस मुल्क का कठपुतली बादशाह समझता था. लेकिन आज में फिर अपने आपको दिल्ली का सम्राट समझने लगा हु.
जब भागीरथ वारगीर मुगल सम्राट का पत्र लेकर जा रहा था. तब इंदौर राज्य के अंतर्गत हातोद के निकट शकल नामक स्थान पर देपालपुर के मामलेदार ने उसे गिरफ्तार कर लिया. और उसे अंग्रेजों के हवाले कर दिया. उसके साथ गिरफ्तार किए गए क्रांतिकारियों में अमीर खां पठान, दाजी बा भोंसला, बापू, रमजान खा पठान, मौर्य एवं कांस्य आदि के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है. इन वीरों को देपालपुर में ही फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.
भागीरथ वारगीर ने ही इंदौर मैं क्रांति का झंडा बुलंद किया था. उसके अन्य उपयोगी थे, रेजिडेंसी स्कूल का मौलवी अब्दुल समद, महिदपुर कंसिस्टेंट का कमांडर रहमतुल्ला, शेर खां और हवलदार दुर्गा प्रसाद एवं तोप खाने का जमादार मोहम्मद अली इन वीरों को 23 अक्टूबर 1857 देपालपुर में ही फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था.
1857 ईस्वी की क्रांति के महान योद्धाओ की जीवनी और रोचक जानकारी
भारत के महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी
भारत के प्रमुख युद्ध
भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल
FAQs
Ans- भागीरथ वारगीर 1857 के महासंग्राम में इंदौर का क्रांतिकारी नेता था.