दोस्तों प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जहां भारत की आम जनता ने पग-पग पर क्रांतिकारियों का साथ दिया. वहीं कुछ अंग्रेजों ने भी इसमें भारत की स्वतंत्रता के लिए शस्त्र उठाकर स्वतंत्रता सेनानियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी. यह एक अंग्रेज सिपाही होते हुए भी भारत में अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति का घोर विरोधी था. रिचर्ड विलियम्स अंग्रेज नीति का विरोध करने का अवसर ढूंढ रहा था. आखिर वह अवसर उसे मिल ही गया, जब अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी का स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा तब उसने अंग्रेजों के विरुद्ध भारतीय क्रांतिकारियों का साथ देने का निश्चय किया. हम यहाँ अंग्रेज सेना के सिपाही रिचर्ड विलियम्स की जीवनी (Biography of Richard Williams). और उनसे जुड़ी वो आश्चर्यजनक और अद्भुत जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले है. जिसके बारे में आप अब तक अनजान थे. तो दोस्तों चलते है और जानते है, रिचर्ड विलियम्स की रोचक जानकारी.
रिचर्ड विलियम्स कौन थे?
रिचर्ड विलियम्स ब्रिटेन में पैदा हुए एक ब्रिटिश सिपाही थे. जो भारत में ब्रिटिश आर्मी में एक सैनिक के रूप में आये थे. सन 1857 ईस्वी क्रांति के समय इनकी नियुक्ति मेरठ के रिसाले (घुड़सवार टुकड़ी) में थी. मेरठ छावनी में क्रांति की ज्वाला धधक उठी. रिसाले के सैनिकों को क्रांतिकारियों पर गोली चलाने का हुक्म दिया गया, लेकिन रिचर्ड विलियम्स ने इस आदेश की अवहेलना करते हुए ब्रिटिश अधिकारी एडजुटेंट टकर को गोली मार दी और स्वतंत्रता सेनानियों से जा मिले.
Summary
नाम | रिचर्ड विलियम्स |
उपनाम | अंग्रेजी क्रांतिकारी |
जन्म स्थान | ब्रिटेन |
जन्म तारीख | — |
वंश | विलियम्स |
माता का नाम | — |
पिता का नाम | — |
पत्नी का नाम | — |
उत्तराधिकारी | — |
भाई/बहन | — |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी/क्रांतिकारी |
रचना | — |
पेशा | ब्रिटिश आर्मी में एक सैनिक |
पुत्र और पुत्री का नाम | — |
गुरु/शिक्षक | नाना साहब |
देश | भारत |
राज्य क्षेत्र | उत्तर प्रदेश |
धर्म | क्रिस्चन |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश बाद में भारतीय |
भाषा | अंग्रेजी, हिंदी |
मृत्यु | 1959 ईस्वी |
मृत्यु स्थान | अज्ञात |
जीवन काल | लगभग 55 वर्ष |
पोस्ट श्रेणी | Biography of Richard Williams |
ब्रिटिश सिपाही रिचर्ड विलियम्स 1857 ईस्वी की क्रांति में क्यों कूदे?
मित्रों 10 मई 1857 के दिन अंग्रेज सेना में काम करने वाले भारतीय सिपाहियों ने मेरठ कैंट में 50 अंग्रेज सिपाहियों को मार डाला था. इतिहासकारों के अनुसार, इस विद्रोह की भूमिका काफी दिन पहले से बन रही थी. भारतीय सैनिकों की नाराजगी का मुख्य कारण था, चर्बी से बने कारतूसों का इस्तेमाल था. जिसके चलते अंग्रेज सेना में काम करने वाले भारत के सभी सिपाही बेहद नाराज थे. सैनिकों को लग रहा था, कि ब्रिटिश सरकार जान-बूझकर उन्हें परेशान कर रही है.
यही असंतोष 1857 क्रांति का मुख्य कारण बना था. 10 मई 1957 से लेकर 15 अगस्त 1947 तक मेरठ के असंख्य क्रांतिकारियों ने देश का झंडा बुलंद किया. इनमें से कई गुमनाम रहे, लेकिन जो आज भी याद किए जाते हैं. इनमें एक नाम रिचर्ड विलियम्स भी था, वैसे था तो अंग्रेज, लेकिन मरते दम तक मेरठ में ही रहा. क्योंकि उसे भारत की धरती और इसकी संस्कृति से कुछ अधिक ही लगाव हो गया था. रिचर्ड विलियम्स एक अंग्रेज सिपाही होते हुए भी भारत में अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति का घोर विरोधी था.
1857 ईस्वी की क्रांति में रिचर्ड विलियम्स का क्या योगदान था?
जब मेरठ में क्रांति का विस्फोट हुआ तो कंपनी सरकार ने अंग्रेजी लिया रिसाले को क्रांतिकारियों को गोलियों से भूनने का आदेश दिया. उस समय रिचर्ड विलियम्स मेरठ के रिसाले में पदस्थ था, उसने इस आदेश का पालन नहीं किया. जब एडजूटेंट टकर ने रिचर्ड विलियम्स से इस संबंध में जवाब तलब किया. तो उसने एडजूटेंट टक्कर की गोली मारकर हत्या कर दी. और वहां जाकर भारतीय क्रांतिकारियों से मिल गया. उसने क्रांतिकारियों के साथ दिल्ली चला गया और वहां भारतीय तोप खाने का संचालन किया. रिचर्ड विलियम्स की इस बगावत से अंग्रेज बोखला गए. और उन्होंने विलियम्स को दंड देने की योजना बनाने का निश्चय किया.
जब बहादुरशाह जफर ने दिल्ली से पलायन किया. तब उफनती हुई यमुना नदी के पार उसके 30000 सैनिकों को नावो के पुल द्वारा पार कराने की योजना में रिजल्ट विलियम्स की सूझबूझ ने काम किया था. दिल्ली के पतन के पश्चात रिचर्ड विलियम्स अवध के क्रांतिकारियों का साथ देने के लिए पहुंचा. रुहिया के नरेश नरपति सिंह ने उसे अपने यहां आमंत्रित किया. अंग्रेज सेना ने जब रूहीया के किले का घेरा डाल दिया, तब उसकी रक्षा का भार रिचर्ड विलियम्स को सौंपा गया.
अंग्रेजी फौज का ब्रिगेडियर एड्रियन होप रुइया के किले को घेरी हुई. अंग्रेज टुकड़ी को निर्देश दे रहा था. उसी समय किले के अंदर से ऊंचे वृक्ष पर चढ़कर रिचर्ड विलियम्स ने ब्रिगेडियर एड्रियन हो को अपनी गोली का निशाना बनाया. निशाना अचूक था और ब्रिगेडियर एड्रियन ने वहीं पर दम तोड़ दिया. अंग्रेजी सेना ने रूइया के किले के फाटक को बारूद से उड़ाने का प्रयास किया. परंतु रिचर्ड विलियम्स के कारण उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई.
रिचर्ड विलियम्स 1857 ईस्वी के महान वीर का अंतिम समय
जब 1857 ईसवी के स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण में क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी फोजो के सामने आत्मसमर्पण करना प्रारंभ कर दिया. तो रिचर्ड विलियम भूमिगत हो गए, वह कहां गया और उसका अंत किस प्रकार हुआ. इसके बारे में कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है.
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FAQs
Ans- 1857 ईस्वी के महान वीर रिचर्ड विलियम्स का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, भारत में ब्रिटिश आर्मी में घुड़सवारी आर्मी रिसाले के मुख्या थे.