दोस्तों 1857 की क्रांति में शेखावाटी (झुंझुनू , सीकर, चूरू और नागौर का कुछ भाग) राजस्थान क्षेत्र के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी सत्ता को चुनौती देने का उल्लेखनीय कार्य किया था. उनमें डूंगजी और जवाहर जी एवं मंडावा झुंझुनू के रहने वाले ठाकुर आनंदसिंह का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है. हम यहाँ आनंद सिंह जी मंडावा की जीवनी. (Biography of Anand Singh Mandawa) और उनके 1857 की क्रांति में योगदान का वर्णन कर रहे है.
आनंद सिंह की जीवनी (Biography of Anand Singh)
आनंदसिंह जी का जन्म झुंझुनू जिले के मंडावा तहसील के अलनियावास गांव में हुआ था. आप बचपन से अंग्रेजो के शोषण देखते आये. आप बाल्य अवस्था में आप क्रांति करि गतिविधियों में भाग लेने लगे. आगे जाकर आप शेखावाटी क्षेत्र के बड़े क्रांतिकारी हुए. आपको तात्या टोपे की सहायता के लिए भी याद किया जाता है.
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Summary
नाम | आनंद सिंह शेखावत |
उपनाम | आनंद |
जन्म स्थान | अलनियावास, मंडावा |
जन्म तारीख | — |
वंश | शेखावत |
माता का नाम | — |
पिता का नाम | — |
पत्नी का नाम | — |
प्रसिद्धि | तात्या टोपे की सहायता, अंग्रेजो के मध्य बहल का युद्ध |
रचना | — |
पेशा | महान योद्धा |
बेटा और बेटी का नाम | — |
गुरु/शिक्षक | तात्या टोपे |
देश | भारत |
राज्य छेत्र | राजस्थान |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु | — |
पोस्ट श्रेणी | Biography of Anand Singh Mandawa (आनंद सिंह जी की जीवनी) |
आनंद सिंह शेखावत और अंग्रेजो के मध्य बहल का युद्ध
जब अंग्रेज सेना ने बीकानेर के राजा सरदार सिंह के सहयोग से बहल पर आक्रमण कर दिया. तो आनंद सिंह के साथ 300 शेखावत सरदार अपने दल बल के साथ बहल पहुंच गए थे. परिणाम स्वरूप अंग्रेजों को पीछे हटने के लिए विवश होना पड़ा हुआ कि युद्ध में ठाकुर अजित सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. अंग्रेजों ने उनके ठिकाने अलनियावास को घेर लिया जब आनंद सिंह को इस बात का पता चला तो वह अपनी सेना के साथ अलनियावास जा पहुंचा. ठाकुर अजीत सिंह अंग्रेज सेना से लड़ाई में व्यस्त थे. तभी अचानक आनंद सिंह ने पीछे से अंग्रेज सेना पर आक्रमण कर दिया. परिणामस्वरूप अंग्रेज सेना भाग खड़ी हुई ठाकुर आनंद सिंह ने अंग्रेजों की भारतीय सेना को शेखावाटी क्षेत्र से बाहर कर दिया.
क्रांति करि तात्या टोपे और आनंद सिंह शेखावत का मिलन
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रसिद्ध क्रांतिकारी तात्या टोपे जब दूसरी बार राजस्थान में आए तो मंडावा के आनंद सिंह ने उनकी बहुत सहायता की. और कुछ दिनों तक उन्हें मंडावा में आराम करने के लिए रोक लिया. शेखावाटी के मंडावा के इस वीर आनंद सिंह ने तात्या को धन तथा रसद सामग्री देकर सहायता की. और उन्हें गुप्त रूप से पेडोन के जंगलों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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FAQs
Ans- आनंद सिंह जी शेखावत का जन्म मंडावा झुंझुनू राजस्थान में हुआ था.