दोस्तों हम यहाँ शेयर करने जा रहे हैं. भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक दूधू मियां की जीवनी (Biography of Dudu Mian) और. अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी की क्रांति में दूधू मियां का क्या योगदान था. दोस्तों चलते हैं और जानते हैं दूधू मियां का 1857 की क्रांति में क्या रोल और और भूमिका निभाई.
दूधू मियां कौन थे?(Biography of doodhu Mian)
दूधू मियां का बचपन का नांम मुसिनुद्दीन अहमद था. मुसिनुद्दीन अहमद का जन्म 1819 में वर्तमान बांगला देश के मदारीपुर, फरीदपुर में तालुकदारों के एक बंगाली मुस्लिम परिवार में हुआ था. आपके पिता जी का नाम शरीयतउल्लाह था. जिन्होंने फरियादी आंदोलन को प्रारंभ किया था. उन पर वहाबी विचारधारा का बहुत प्रभाव था. प्रारंभिक पैतृक शिक्षा के बाद,मुसिनुद्दीन अहमद को आगे की पढ़ाई के लिए बारह साल की उम्र में मक्का, अरब भेज दिया गया था.
Summary
नाम | मुसिनुद्दीन अहमद |
उपनाम | दूधू मियां |
जन्म स्थान | बांगला देश के मदारीपुर |
जन्म तारीख | 1819 ईस्वी |
वंश | अहमद |
माता का नाम | — |
पिता का नाम | शरीयतउल्लाह |
पत्नी का नाम | — |
भाई/बहन | — |
प्रसिद्धि | क्रांतिकारी, स्वतंत्रता सेनानी |
रचना | — |
पेशा | क्रांतिकारी |
पुत्र और पुत्री का नाम | — |
गुरु/शिक्षक | — |
देश | ब्रिटिश अविभाजित भारत, वर्तमान बांग्लादेश |
राज्य क्षेत्र | बांग्लादेश |
धर्म | इस्लाम |
राष्ट्रीयता | ब्रिटिश अविभाजित भारत |
भाषा | उर्दू, बांगला, हिंदी |
मृत्यु | 1862 ईस्वी |
जीवन काल | लगभग 43 वर्ष |
पोस्ट श्रेणी | Biography of Dudu Mian (दूदू मियां की जीवनी) |
1857 ईस्वी की क्रांति में दूधू मियां का क्या योगदान था?
दूधू मियां का जन्म फरीदपुर बांग्लादेश में हुआ था, और इनके पिता जी यही के निवासी थे. उनके पिता का नाम शरीयतउल्लाह था. जिन्होंने फरियादी आंदोलन को प्रारंभ किया था. उन पर वहाबी विचारधारा का बहुत प्रभाव था. अपने पिता की मृत्यु के पश्चात उन्होंने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था. उन्होंने धार्मिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में परिवर्तन पर बल दिया था. किंतु उनकी रूचि राजनीतिक क्षेत्र में अधिक थी.
उन्होंने जागीदारो द्वारा किसानों के प्रति किए जा रहे अन्याय के अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाई थी. तथा किसानों को संघर्ष करने की प्रेरणा प्रदान की थी. उन्होंने बंगाल से अंग्रेजों को निकालने की योजना बनाई थी. जिसे क्रियान्वित नहीं किया जा सका इनके नेतृत्व में किसानों ने 1838 ईस्वी से 1857 ईस्वी तक विद्रोह किये. परंतु बाद में ये ठंडें पड़ गए और 1860 से 1862 के मध्य वर्तमान ढाका में इनकी मृत्यु हो गई.
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FAQs
Ans- दूधू मियां का जन्म 1819 में फरीदपुर बांग्लादेश में हुआ था.