Biography of Amar Shaheed Ramesh Swami. राजस्थान के भुसावर कस्बे को राजस्थान में ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में पहचान दिलाने वाले अमर शहीद रमेश स्वामी का जन्म सन् 1904 में हुआ था. श्री रमेश स्वार्मी विद्यार्थी जीवन में ही आर्य समाज के कार्यक्रमों में जाया करते थे। वैदिक धर्म का विशेष ज्ञान प्राप्त करने के लिए वे भारत भ्रमण पर गये। इसी दौरान लाहौर के प्रसिद्ध विद्वान पण्डित श्री विश्वबन्धु शास्त्री से प्रभावित होकर वैदिक साहित्य का अध्ययन आरम्भ किया। श्री शास्त्री ने रमेश जी को वैदिक धर्म एवं हिन्दी का प्रचार करने के लिए जाबा, मलाया और श्याम की यात्रा पर भेजा।
अमर शहीद रमेश स्वामी का स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?
भुसावर कस्बे में सन 1904 में जन्मे अमर शहीद रमेश स्वामी ने राजकीय शिक्षा विभाग में अध्यापक पद से इस्तीफा देकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लोहा लेते हुए बेगार प्रथा का विरोध किया।
रमेश स्वामी ने विदेश से लौटने पर प्रजामण्डल की सदस्यता ग्रहण कर ली और अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रजामण्डल के प्रचार में लग गये। मई 1939 के सत्याग्रह में भाग लेने के कारण रमेश जी को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाई गई किन्तु छै: माह बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया। पुनः 1942 में रमेश स्वामी को ‘भारत रक्षा कानून’ के अन्तर्गत गिरफ्तार किया गया, किन्तु कुँवर हीरासिंह के प्रयास से उन्हें फिर जेल से मुक्ति मिल गई।
सन् 1947 में लाल झण्डा किसान सभा, मुस्लिम कान्फ्रेन्स तथा प्रजा परिषद् द्वारा ‘बेगार’ विरोधी आन्दोलन आरम्भ किया गया। 5 फरवरी को बेगार दिवस मनाया गया। भुसावर में पूर्ण हड़ताल रही। ग्रामीण जनता विरोध दिवस को सफलतापूर्वक मनाने के लिए भूसावर इकट्ठी होने लगी।
स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद रमेश स्वामी का अंतिम समय
रमेश स्वामी जी को ज्ञात हुआ कि कस्बा ‘बेर’ की पुलिस वहाँ की जनता को परेशान कर रही है तथा कार्यकर्त्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। रमेश स्वामी जी बस स्टेण्ड पर पहुँचे और बेर जाने वाली बस में बैठ गए। किन्तु श्री स्वामी को बस से नीचे उतार दिया। वहाँ किये गये सत्याग्रह में उनका देहान्त हो गया।
सम्वत् 1861 में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्में श्री स्वामी 42 वर्ष की अवस्था में ही यह संसार छोड़ चले। किन्तु अपने अल्प जीवन के कार्य-कलापों एवं बलिदान से सदा सर्वदा के लिये अपना नाम अमर कर गये।
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स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद रमेश स्वामी
FAQs
Ans- अमर शहीद रमेश स्वामी सत्याग्रह करते हुए बेर में शहीद हो गए थे.