Biography Of Yudhishthira || युधिष्ठिर की जीवनी

By | December 26, 2023
Biography Of Yudhishthira
Biography Of Yudhishthira

Biography Of Yudhishthira- धर्मराज युधिष्ठिर धर्म के अश से उत्पन्न कुन्ती के धीर, वीर, गंभीर, यसशवी पुत्र थे. युधिष्ठिर पाण्डु के पुत्र और पांच पाण्डवों में से सबसे बड़े भाई थे. वे अज्ञात शत्रु, नीतिनिपुण एवं विनयशील थे. उनमें मानवीय करुणा थी. युधिष्ठिर धर्मराज के पुत्र थे, वे सत्यवादिता एवं धार्मिक आचरण के लिए विख्यात हैं. वे हस्तिनापुर के राजा बने, जहा 36 वर्षो तक धर्मपूर्वक शासन किया. वे आदर्श सम्राट थे, महाराज परीक्षित को राज्य सौंपकर स्वर्ग चले गये. स्वर्ग के अधिपति इन्द्र स्वयं उन्हें लेने पधारे थे. हम यहाँ धर्मराज युधिष्ठिर की जीवनी (Biography Of Yudhishthira). और उनसे जुड़ी वो रोचक और अद्भुत जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले है. जिसके बारे में आप अबसे पहले अनजान थे.

प्राचीन भारत के महाकाव्य महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर पाण्डवों में से एक थे. यमराज इनके पिता थे और माँ कुंती के पुत्र थे. वो भाला चलाने में निपुण थे और वे कभी झूठ नहीं बोलते थे. महाभारत के अंतिम दिन उन्होंने अपने मामा शल्य का वध किया जो कौरवों की तरफ था. उनके पिता ने यक्ष बन कर सरोवर पर उनकी परीक्षा भी ली थी. महाभारत युद्ध में धर्मराज युधिष्ठिर सात अक्षौहिणी सेना के स्वामी होकर कौरवों के साथ युद्ध करने को तैयार हुए थे, जबकि परम क्रोधी दुर्योधन ग्यारह अक्षौहिणी सेना का स्वामी था.

धर्मराज युधिष्ठिर कौन थे? युधिष्ठिर का जीवन परिचय?

इनका (धर्मराज युधिष्ठिर) जन्म हस्तिनापुर में धर्मराज के संयोग से कुंती के गर्भ द्वारा हुआ था. वयस्क होने पर इन्होंने कौरवों के साथ गुरु द्रोणाचार्य जी से धनुर्वेद सीखा. समय आने पर जब इनको युवराज-पद मिला तब इन्होंने अद्भुत धैर्य, दृढ़ता, सहनशीलता, नम्रता, दयालुता और प्राणिमात्र पर कृपा आदि गुणों का परिचय देते हुए प्रजा का पालन उत्तम रीति से किया. इनकी दो रानियाँ थी जिनके नाम इस प्रकार है द्रौपदी और देविका.

इसके पश्चात् दुर्योधन आदि के षड्यंत्र से ये अपने भाइयों और माता समेत बरनावा (वारणावत) भेज दिये गये. धर्मराज युधिष्ठिर धर्म के अश से उत्पन्न कुन्ती के धीर, वीर, गंभीर, यसशवी पुत्र थे. युधिष्ठिर पाण्डु के पुत्र और पांच पाण्डवों में से सबसे बड़े भाई थे. वे अज्ञात शत्रु, नीतिनिपुण एवं विनयशील थे. उनमें मानवीय करुणा थी. युधिष्ठिर धर्मराज के पुत्र थे, वे सत्यवादिता एवं धार्मिक आचरण के लिए विख्यात हैं. वे हस्तिनापुर के राजा बने, जहा 36 वर्षो तक धर्मपूर्वक शासन किया था.

Summary

नामयुधिष्ठिर | Biography Of Yudhishthira
अवतारयम का अंशावतार
उपनामधर्मराज युधिष्ठिर
जन्म स्थानहस्तिनापुर, मेरठ, उत्तरप्रदेश
जन्म तारीख
वंशचंद्रवंश
माता का नामकुंती
पिता का नामपाण्डु
पत्नी का नामद्रौपदी और देविका
उत्तराधिकारी
भाई/बहन सहदेव, भीम, अर्जुन, नकुल
प्रसिद्धिहस्तिनापुर का राजा, पांडव पुत्र, सहदेव, भीम, अर्जुन, नकुल को यमराज (यक्ष) से बचाया
रचना
पेशाराजा, सदा सच बोलने वाला
पुत्र और पुत्री का नामप्रतिविन्ध्य, धौधेय
गुरु/शिक्षकद्रोणाचार्य
देशभारत
राज्य क्षेत्रउत्तर प्रदेश
धर्महिन्दू
राष्ट्रीयताभारतीय
भाषाहिंदी, संस्कृत
मृत्युलगभग 3000 वर्ष पूर्व
मृत्यु स्थानहिमालय
जीवन काललगभग 100 वर्ष
पोस्ट श्रेणीBiography Of Yudhishthira (युधिष्ठिर की जीवनी)
Biography Of Yudhishthira

धर्मपालक धर्मराज युधिष्ठिर का आदर्श, व्यक्तित्व एवं उनकी दया भावना

वनवासकाल में जब धर्मराज दुर्योधन पाण्डवों की दुर्दशा देखने के दृष्टिकोण से द्वैत वन गया हुआ था. तब मार्ग में उनकी भेंट गन्धवों से हो गयी. किसी बात को लेकर उनसे उनकी मुठभेड हो गयी. दुर्योधन को बंदी बना लिया गया. धर्मराज युधिष्ठिर को जब यह ज्ञात हुआ, तो वह दुर्योधन को छुडाने के लिए अर्जुन और भीम से आग्रह करने लगे. उन्होंने कहा: भाइयों के बीच छोटे-मोटे मतभेद तो होते ही रहते हैं. इससे कुल के धर्म को नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो जाता है. कौरवों सहित हम 105 भाई हैं. शत्रु के आक्रमण के समय हमें एक होना चाहिए. धर्मराज युधिष्ठिर कोमल प्रवृत्ति एवं क्षमाशीलता के साक्षात् उदाहरण थे.

एक बार की बात है, जब जयद्रथ ने द्रौपदी के अप्रतिम सौन्दर्य से मोहित होकर उनके समक्ष विवाह का निर्लज्ज प्रस्ताव रखा, तो द्रौपदी ने इसे ठुकरा दिया था. तब जयद्रथ ने प्रलोभन तथा बल का प्रयोग कर द्रौपदी को वश में करना चाहा. जयद्रथ ने द्रौपदी को अपने रथ में बिठा लिया था. मार्ग में आश्रम की सेविका के माध्यम से यह समाचार जानकर भीम ने जयद्रथ के सिर के केश काट डाले. आहत, लज्जित, अपमानित जयद्रथ की दशा देखकर धर्मराज युधिष्ठिर को दया आ गयी और उन्होंने उससे आगे ऐसी गलती न करने का वचन लेकर बन्धन मुक्त कर दिया था.

धर्मराज युधिष्ठिर धर्म के सात्विक तेज के प्रभाव से युक्त ऐसे व्यक्ति थे. जिन्होंने धर्म को अपने जीवन में विशेष स्थान दे रखा था. धर्मराज युधिष्ठिर ने अजगर योनि में पड़े राजा नहुष को अपने धर्म तत्त्व के दर्शन कराकर मुक्ति दिलायी थी. जब धर्मराज युधिष्ठिर शासन की बागडोर संभाली, तो भीष्म से धर्म सम्बन्धी दीक्षा ली. धर्मराज युधिष्ठिर ने धर्म में हमेशा निष्ठा दिखलायी. नीति, धर्म व वंचन पाठन के लिए भाइयों, पत्नीसहित 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास का दण्ड चुपचाप सहा था.

युधिष्ठिर ने नकुल, भीम, अर्जुन, सहदेव को कैसे यमराज (यक्ष) से बचाया था?

दोस्तों कहाँ जाता है, एक बार पाण्डव जंगल में हिरण का पीछा करते-करते एक अज्ञात वन में पहुच गये थे. हिरण तो भाग गया, किन्तु प्यास और थकान के मारे पाण्डव एक बरगद की छाया में बैठ गये थे. प्यास से व्याकुल धर्मराज युधिष्ठिर ने नकुल से कहा: नकुल ! उस पेड़ पर चढ़कर देखो तो, कोई नदी या सरोवर है क्या। भीम, अर्जुन, सहदेव सभी प्यासे थे. नकुल ने एक सुन्दर जलाशय देखा। धर्मराज युधिष्ठिर की आज्ञानुसार वह जलाशय की ओर चल दिया। उसने सोचा-मैं तो चुल्लू से पानी पी लूंगा और तरकश में पानी भरकर ले जाऊंगा। नकुल ने पानी पीना ही चाहा था कि उसे एक स्वर सुनाई पड़ा: ठहरो ! पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो, फिर जल पीयो.

नकुल ने उसकी परवा न करते हुए पानी पी लिया था. बस, थोड़ी ही देर बाद वह मूर्छित होकर गिर पड़ा. धर्मराज युधिष्ठिर ने एक-एक कर भीम, अर्जुन, सहदेव को भेजा. सभी का यही हाल हुआ. धर्मराज युधिष्ठिर किसी आशंका से भयभीत होकर वहां पहुंचे. तो देखा कि चारों भाई मृतप्राय पड़े हुए हैं. प्यास के मारे उनका दम निकला जा रहा था. धर्मराज युधिष्ठिर ने जैसे ही सरोवर का पानी पीना चाहा कि उन्हें भी वही स्वर सुनाई पड़ा. सावधान ! तुम्हारे भाइयों ने मेरी अनुमति के बगैर पानी पी लिया था. उनकी तरह तुम्हारा भी यही हाल होगा. तुम पहले मेरे प्रश्नों का उत्तर दो, तत्पश्चात् पानी पीना. तब धर्मराज युधिष्ठिर यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देने को तैयार थे. उन्हें यक्ष जानकर धर्मराज युधिष्ठिर ने उनके प्रश्नों का उत्तर देना प्रारम्भ किया था.

धर्मराज युधिष्ठिर यक्ष के मध्य सवाल जवाब

यक्ष: बताओ, सूर्य किसकी प्रेरणा से प्रतिदिन उदित होता है?

धर्मराज युधिष्ठिर: परमात्मा की.

यक्ष: महानता की प्राप्ति कैसे होती है?

धर्मराज युधिष्ठिर – तपस्या से.

यक्ष – मनुष्य का साथ अन्त तक कौन देता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – धर्म।

यक्ष- भूमि से अधिक भारी क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – सन्तान गर्भ में धारण करने वाली माता.

यक्ष – आकाश से ऊंचा कौन है?

धर्मराज युधिष्ठिर – पिता.

यक्ष – वायु से तेज कौन है?

धर्मराज युधिष्ठिर – मन.

यक्ष – धर्म का सार तत्त्व क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – कर्म कौशल ही धर्म का सार तत्त्व है.

यक्ष – यश किससे प्राप्त होता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – दान से.

यक्ष – स्वर्ग किससे प्राप्त होता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – सत्य से.

यक्ष – सबसे उत्तम धन क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – विद्या।

यक्ष – पृथ्वी पर सबसे बड़ा लाभ क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – आरोग्य।

यक्ष – सबसे बड़ा धर्म क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – दया.

यक्ष – मनुष्य मरे हुए के, समान कब होता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – दरिद्र होने पर.

यक्ष – राष्ट्र कब मरता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – जब अराजकता छा जाती है.

यक्ष – किसे त्यागने पर मनुष्य सबका प्रिय हो जाता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – अभिमान.

यक्ष – किसे त्यागने पर मनुष्य सुखी होता है?

धर्मराज युधिष्ठिर – लाभ.

यक्ष – सब धनों का स्वामी कौन है?

धर्मराज युधिष्ठिर – जो सुख-दु:ख, प्रिय-अप्रिय, भूत-भविष्य में एक-सा रहता है.

यक्ष – प्राण, मन, बुद्धि और यश के होते हुए भी कौन मरे हुए के समान है?

धर्मराज युधिष्ठिर – जो देवता, अतिथि, माता-पिता, सेवक का और आत्मा का पालन नहीं करता.

यक्ष – विदेश जाने वाले का, घर पर रहने वाले का, रोगी का तथा मरने वाले का मित्र कौन है?

धर्मराज युधिष्ठिर – विदेश जाने वाले का सहयात्री, घर पर रहने वाले की स्त्री, रोगी का वैद्य, मरने वाले का मित्र दान होता है.

यक्ष – मनुष्यों का दुर्जय शत्रु कौन है?

धर्मराज युधिष्ठिर – क्रोध.

यक्ष – अनन्त व्याधि क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – लोभ.

यक्ष – असाधु किसे कहते है?

धर्मराज युधिष्ठिर – निर्दय पुरुष.

यक्ष – वास्तविक धैर्य क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – इन्द्रिय निग्रह.

यक्ष – वास्तविक स्नान क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – मानसिक विकारों का त्याग.

यक्ष – वास्तविक दान क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – प्राणियों की रक्षा.

यक्ष – किसे पण्डित और किसे मूर्ख कहा जाये?

धर्मराज युधिष्ठिर – धर्मज्ञ को पण्डित, नास्तिक को मूर्ख.

यक्ष – काम और मत्सर क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – वासना ही काम है, हृदय की ईर्ष्या है.

यक्ष – संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?

धर्मराज युधिष्ठिर – प्रतिदिन कितने ही प्राणियों को मरते देखकर भी लोग अमर रहने की इच्छा रखते हैं.

यक्ष – तुम्हारे सभी उत्तरों से गैं सन्तुष्ट हूं, अब तुम अपने किस भाई को जीवित करना चाहोगे?

युधिष्ठिर – नकुल को.

यक्ष – यह तुम क्या कर रहे हो? भीम और अर्जुन को क्यों नहीं?

धर्मराज युधिष्ठिर – महात्मन्! मेरे पिता की एक पत्नी कुन्ती का पुत्र मैं तो जीवित हूं. अब माद्री का एक पुत्र जीवित रहे.

यक्ष – तुम्हारे इस पक्षपातरहित आचरण से मैं प्रसन्न हूं. अत: मैं तुम्हारे चारों भाइयों को ही जीवित कर देता हूं.

इस तरह युधिष्ठिर ने यक्ष-प्रश्नों का उत्तर देकर अपने सदाचरण का उदाहरण दिया था.

युधिष्ठिर ने कुत्ते को स्वर्ग लोक कैसे पहुंचाया?

इस तरह धर्मराज युधिष्ठिर ने राजपाट, पत्नी आदि के छीने जाने पर भी अपने भाइयों को क्षमा कर दिया था. श्रीकृष्ण के स्वलोक प्रयाण के बाद हिमालय पर्वत पर मार्ग के थके हुए द्रौपदी, सहदेव, नकुल भीम, अर्जुन ने दम तोड़ दिया, तो उनके साथ चलने वाला कुत्ता ही बच गया था. इन्द्रदेव रथ स्वयं लेकर उन्हें स्वर्ग तक लेने पहुंचे, तो युधिष्ठिर ने कहा: यदि आप इस असहाय स्वामीभक्त कुत्ते को ठिठुरकर मरने के लिए यहीं छोड़ रहे हैं, तो मैं स्वर्ग नहीं जाऊंगा. वह कुत्ता धर्मराज (यम) का एक रूप था, जो प्रकाश पुंज के साथ स्वर्गलोक चला गया.

युधिष्ठिर ने पांडवों को स्वर्ग कैसे पहुंचाया?

स्वर्ग के रास्ते चलते हुए धर्मराज युधिष्ठिर ने नारकीय यातना भोग रहे द्रौपदी, सहदेव, भीम, अर्जुन, नकुल को देखा और दुर्योधन आदि को स्वर्ग में देखा, तो चीत्कार कर उठे, बोले: मेरे निर्दोष भाई और पत्नी ने धर्म का साथ न छोड्‌कर भी नरक पाया है और कौरवों ने स्वर्ग, तो मैं स्वर्ग नहीं जाना चाहता. धर्मराज युधिष्ठिर की यह अन्तिम परीक्षा थी. थोड़ी ही देर में उन्हें द्रौपदी, नकुल, भीम, अर्जुन, सहदेव स्वर्ग में नजर आये. महाभारत के सभी पात्रों में नि:सन्देह युधिष्ठिर का चरित्र एवं व्यक्तित्व अत्यन्त आदर्श एवं प्रेरक है, जो धीर, गम्भीर, वीर, बुद्धिमान और सात्विकता के आदर्शो से युक्त है.

महान साधु संतो की जीवनी और रोचक जानकारी

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जुन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Biography Of Yudhishthira

भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Biography Of Yudhishthira

1857 ईस्वी क्रांति और उसके महान वीरों की जीवनी और रोचक जानकारी

1857 ईस्वी क्रांति के महान वीरों की गाथा1857 की क्रांति में महान रानियों का योगदान
अजीजन बेगम की जीवनीअकबर खान की जीवनी
अज़ीमुल्लाह खान की जीवनीपृथ्वीराज चौहान III की जीवनी
आनंद सिंह जी की जीवनीअवन्ति बाई लोधी की जीवनी
अमरचंद बांठिया जी की जीवनीस्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी
बंसुरिया बाबा की जीवनीतात्या टोपे की जीवनी
मंगल पांडे की जीवनीमहारानी तपस्विनी की जीवनी
बेगम हजरत महल की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
भास्कर राव बाबासाहेब नरगुंडकर कौन थेकुमारी मैना की जीवनी
महारानी जिंदा कौर की जीवनीवीर सुरेंद्र साय की जीवनी
झलकारी बाई की जीवनीवृंदावन तिवारी की जीवनी
तिलका मांझी की जीवनीसूजा कंवर राजपुरोहित की जीवनी
पीर अली की जीवनीबाबू कुंवर सिंह की जीवनी
ईश्वर कुमारी की जीवनीठाकुर कुशल सिंह की जीवनी
उदमी राम की जीवनीचौहान रानी की जीवनी
जगत सेठ रामजीदास गुड़ वाला की जीवनीजगजोत सिंह की जीवनी
ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
Biography Of Yudhishthira

Youtube Videos Links

आदिगुरु शंकराचार्य की जीवनीhttps://youtu.be/ChQNNnW5BpI
महादानी राजा बलि की जीवनीhttps://youtu.be/Xar_Ij4n2Bs
राजा हरिश्चंद्र की जीवनीhttps://youtu.be/VUfkrLWVnRY
संत झूलेलाल की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=oFiudeSc7vw&t=4s
महर्षि वाल्मीकि की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=PRg2D0b7Ryg&t=206s
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=-zo8M3i3Yys&t=38s
गुरु गोबिंद सिंह की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=amNaYHZm_TU&t=11s
भक्त पीपा जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=5MEJPD1gIJw
गुरुभक्त एकलव्य की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=jP5bUP6c2kI&t=232s
कृष्णसखा सुदामा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=Y2hAmKzRKt4&t=217s
मीराबाई की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=d6Qe3dGN27M&t=3s
गौतम बुद्ध की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ookD7xnURfw&t=4s
गुरु नानक जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=mHui7KiZtRg&t=21s
श्री कृष्ण की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=9bSOn2TiAEg&t=1s
भगवान श्री राम की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=aEaSpTMazEU&t=52s
मलूकदास जी की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=ALYqc0ByQ8g
श्री जलाराम बापा की जीवनीhttps://www.youtube.com/watch?v=s2xbAViUlfI&t=6s
Biography Of Yudhishthira

FAQs

Q- युधिष्ठिर के भाई कौन थे?

Ans- धर्मराज युधिष्ठिर पांडव था, उसके भाई सहदेव, भीम, अर्जुन, नकुल थे.

Q- युधिष्ठिर किस जाति के थे?

Ans- युधिष्ठिर जो पांडव और कौरव दोनों पुरुवंशी थे, अर्थात् उनका वंश महाराजा ययाति के पुत्र पुरू से चला था, जो खुद चंद्रवंशी क्षत्रिय थेपांडव और कौरव दोनों पुरुवंशी थे, अर्थात् उनका वंश महाराजा ययाति के पुत्र पुरू से चला था, जो खुद चंद्रवंशी क्षत्रिय थे.

भारत की संस्कृति

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *