Dhai Din Ka Jhopra (अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर)- दोस्तों आज हम अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर की वो रोचक जानकारी शेयर करने जा रहे है. जिसके बारे में शायद ही आप को पता होगी. तो बने रहे हमारे साथ अंत तक और जाने पूरी जानकारी.
अजमेर के राजा विग्रहराज चतुर्थ ने संस्कृत कॉलेज का निर्माण
अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर मजीद का संबंध पुराणी संस्कृत कॉलेज से है. दोस्तों सन 1158 ई में अजमेर के तत्कालीन राजा विग्रहराज चतुर्थ ने संस्कृत कॉलेज का निर्माण करवाया था. कॉलेज के साथ उन्होंने यहाँ एक सरस्वती देवी का मंदिर भी बनवाया था.
संस्कृत कॉलेज अजमेर निर्माण सारांश (Summary)
निर्माण | 1158 ईस्वी |
निर्माण कर्ता (Builder) | राजा विग्रहराज चतुर्थ (Vigraharaj IV) |
संस्कृत कॉलेज तोड़ दी गई? (Sanskrit college was demolished?) | 1198 ईस्वी |
कैसे संस्कृत कॉलेज अढ़ाई दिन का झोपड़ा मजीद बनी?
1192 में मोहम्मद गोरी ने चौहान वंश के राजपूत राजा पृथ्वीराज त्रितय को धोखे से हरा दिया था. पृथ्वीराज की हार के साथ ही भारत में मुस्लिम शासक के आकर्मण होने लगे और एक समय आया पुरे भारत में मुंगलो की सतनत हो गयी थी. कहा जाता है तब मोहम्मद गोरी ने अजमेर के आसपास लगभग दस हजार मंदिरो और गुरुकुलों को तुड़ा दिया था. उनमे से एक थी संस्कृत कॉलेज अजमेर जिसको 1198 तुड़ा कर मजीद में बदलने के आदेश दिया था.
ढाई दिन का झोपड़ा क्या है?
मोहम्मद गोरी के गुलाम और सेनापति कुतुबुद्दीन ऐबक को संस्कृत कॉलेज को मजीद में बदलने में अढ़ाई दिन लगे थे. इस लिए इसको अढ़ाई दिन का झोपड़ा नाम पड़ा. यहाँ सूफी संत पंजाब शाह का ढ़ाई दिन का उर्स और मेला लगता है. इस मजीद में आगे जाकर इल्तुतमिश द्वारा विस्तार किया गया.
राजस्थान की पहली मस्जिद कौन सी है? (Which is the first mosque of Rajasthan)
राजस्थान की पहली मस्जिद अजमेर में स्थित ढ़ाई दिन का झोपड़ा है. जो एक संस्कृत कॉलेज को तोड के मोहम्मद गोरी ने 1199 में बनाई गयी थी. ढाई दिन का झोपड़ा मजीद का 16 खम्भों का महल भी कहते है.
नया नाम | ढ़ाई दिन का झोपड़ा |
दोबारा निर्माण | 1199 |
निर्माण कर्ता | मोहम्मद गोरी |
पुराना नाम | संस्कृत कॉलेज अजमेर |
डिजाइनर | अबु बकर |
Dhai Din Ka Jhopra Mosque Summery
अढ़ाई दिन का झोपड़ा मजीद के बारे कुछ विद्वानों के बोल
- कनिंघम– ने अढ़ाई दिन का झोपड़ा के भाहरी छेत्र के बारे में बहुत विशिस्ट तरीके से वर्णन किया है.
- फ्यूहरर –ने ढाई दिन के झोपड़े के बारे में लिखा है.
- पर्सी ब्राउन- के अनुसार इस मजीद के पास अढ़ाई दिन का मेला लगता था. इस लिए इसका नाम अढाई दिन का झोपड़ा पड़ा.
- सोमदेव कृत “ललित विग्रहराज” नामक नाटक की कुछ पंक्तिया इस झोपड़े की दीवारों पर आज भी मौजूद है.
- बीसलदेव द्वारा संस्कृत में लिखे गए हरिकेलि नाटक का आधा भाग अढाई दिन के झोपड़े की दीवारों पर (तत्कालीन सरस्वती मंदिर) आज भी मौजूद है और बाकी आधा भाग इंग्लैंड में स्थित राजाराम मोहनराय के स्मारक पर उतरीन है.
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FAQs
Ans- राजस्थान की पहली मस्जिद Adhai Din Ka Jhonpra (ढाई दिन का झोपड़ा) है?
Ans- सन 1198 संस्कृत कॉलेज अजमेर को मोहम्मद गोरी ने तोड़ दिया और 1199 में यहाँ मजीद का निर्माण करा दिया था. जिसको आप लोग अढ़ाई दिन का झोपड़ा के नाम से जानते है.