The History of Ajmer And Main Tourist Places-: दोस्तों अजमेर का नाम सुनते ही आपके दिमाग में आता है. पुष्कर का ब्रह्मा जी का मंदिर जो संसार का एकमात्र मंदिर है.और पुष्कर का पशु मेला जिसको देखने के लिए लाखो लोग देश विदेश से हर साल आते है. इनके अलावा भी अजमेर की बहुत सी ऐतिहासिक समारक और चीज़े और व्यक्तियो के रोचक इतिहास से भरी पड़ी है. दोस्तों बने रहे हमारे साथ अंत तक, क्यों हम यहाँ अजमेर की वो रोचक जानकारी यहाँ शेयर कर रहे है. आज से पहले शायद ही आपको पता होगी.
History Of Ajmer (अजमेर का इतिहास)
दोस्तों अगर बात करे अजमेर के इतिहास की तो, अजमेर का इतिहास बहुत पुराना है. वर्तमान अजमेर शहर की शुरुआत होती है राजा अजयपाल से, अजमेर के राजा अजयपाल ने सन 1113 ईस्वी में अजमेर की स्थापना की थी. उस समय अजमेर को अजमेरु नाम से पुकारा जाता था. कालान्तर में राजा महाराजा बदलते गए और अजमेर के नाम भी बदलते गए वर्तमान में अजमेरु ही अजमेर है. अजमेर को राजपुताना कुंजी, भारत का मक्का, जिब्राल्टर, अण्डो की टोकरी के नामो से भी जाना जाता है.
अजमेर में अनेक राजाओ ने राज किया मुख्य रूप से सन् 1365 में मेवाड़ के शासको ने राज किया उसके बाद, सन 1556 में मुंगल राजा अकबर और 1770 से 1880 तक मेवाड़ तथा मारवाड़ के अनेक शासकों द्वारा अमजेर पर शासन किया. अंत में 1881 में अजमेर अंग्रेजों के अधीन में चला गया था.
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Summary
नाम | अजमेर |
उपनाम | अजमेरु, राजस्थान का हृदय, राजपुताना की कुंजी, भारत का मक्का, जिब्राल्टर, अण्डो की टोकरी के नामो से भी जाना जाता है. |
स्थापना | सन 1113 ईस्वी |
स्थापना किसने की | अजयपाल |
राज्य | राजस्थान |
जिला | अजमेर |
तहसील | अजमेर |
किस लिए प्रसिद्ध है | पुष्कर का पशु मेला, पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर, आना सागर झील और दौलत बाग, मेयो कॉलेज, डाई दिन का झोपड़ा, तारागढ़ का किला और नारेली का जैन मंदिर, कड़ी कचोरी, सोनी जी की नसिया, ख्वाजा की दरगाह |
भाषा | मारवाड़ी, सिंधी, राजस्थानी, हिंदी, इंग्लिश |
पर्यटक स्थल | पुष्कर का पशु मेला, पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर, आना सागर झील, तारागढ़ का किला और नारेली का जैन मंदिर |
सांसद का नाम | श्री भागीरथ चौधरी जी |
चुनावी क्षेत्र/तहसील | अजमेर, किशनगढ़, केकड़ी, ब्यावर, भिनाय, मसूदा, नसीराबाद, पीसांगन, सरवाड़ |
पोस्ट श्रेणी | अजमेर का इतिहास और प्रमुख पर्यटन स्थल (History of Ajmer And Main Tourist Places) |
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अजमेर किस लिए प्रसिद्ध है? (Ajmer Famous For?)
अजमेर बहुत चीजों के लिए दुनिया में जाना जाता है, इसको राजस्थान का ह्रदय भी कहा जाता है. अजमेर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के अलावा, विश्व प्रसिद्ध पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर, आना सागर झील और दौलत बाग, मेयो कॉलेज, डाई दिन का झोपड़ा, तारागढ़ का किला और नारेली का जैन मंदिर, कड़ी कचोरी, सोनी जी की नसिया, ख्वाजा की दरगाह प्रमुख है.
मेयो कॉलेज अजमेर की स्थापना किसने की?
सन 1875 में विश्व प्रसिद्ध मेयो कॉलेज अजमेर की स्थापना वायसराय गवनर जनरल लॉर्ड मेयो ने की थी. अलवर राजस्थान के राजा मंगल सिंह मेयो कॉलेज अजमेर के पहले छात्र थे. मेयो कॉलेज के जनक कर्नल वाल्टर थे तथा ओलिवर सेंट जॉन मेयो कॉलेज के पहले प्राचार्य थे.
क्या अढ़ाई दिन का झोपड़ा संस्कृत कॉलेज थी?
जी हां दोस्तों ढाई दिन का झोपड़ा संस्कृत कॉलेज थी. अढ़ाई दिन का झोपड़ा अजमेर मजीद का संबंध पुराणी संस्कृत कॉलेज से है. दोस्तों सन 1158 ई में अजमेर के तत्कालीन राजा विग्रहराज चतुर्थ ने संस्कृत कॉलेज का निर्माण करवाया था. कॉलेज के साथ उन्होंने यहाँ एक सरस्वती देवी का मंदिर भी बनवाया था. 1192 में मोहम्मद गोरी ने चौहान वंश के राजपूत राजा पृथ्वीराज तृतीय को धोखे से हरा दिया था. पृथ्वीराज की हार के साथ ही भारत में मुस्लिम शासक के आकर्मण होने लगे और एक समय आया पुरे भारत में मुंगलो की सतनत हो गयी थी. कहा जाता है तब मोहम्मद गोरी ने अजमेर के आसपास लगभग दस हजार मंदिरो और गुरुकुलों को तुड़ा दिया था. उनमे से एक थी संस्कृत कॉलेज अजमेर जिसको 1198 तुड़ा कर मजीद में बदलने के आदेश दिया था. जिसके अवशेष हमको आज भी दिखाई देते है.
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लूणी नदी राजस्थान के किस जिले में से निकलती है?
लूणी नदी राजस्थान के अजमेर जिले के नागपहाड़ से निकलती है. लूणी नदी को लवणती और मरुस्थल की गंगा और आधी मीठी और आधी खारी दे के नाम से भी जाना जाता है. लूणी नदी राजस्थान के अजमेर जिले के नागपहाड़ से निकलती है. लूणी नदी को लवणती और मरुस्थल की गंगा और आधी मीठी और आधी खारी दे के नाम से भी जाना जाता है. यह नदी अरावली पर्वत माला के पच्चिम में बहती है. यहाँ पश्चिमी राजस्थान की सबसे बड़ी नदी भी है.
सोमल नदी
सोमल नदी अजमेर की एक प्रसिद्ध नदी है. इस नदी को सिक्को की रानी भी कहा जाता है.
नारायण सागर बांध
नारायण सागर बांध अजमेर जिले का एक प्रमुख बांध है.
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पुष्कर झील अजमेर
पुष्कर झील अजमेर राजस्थान की सबसे प्राचीन और पवित्र झील है. यहाँ झील पूर्ण रूप से प्राकर्तिक और तीन तरफ से पहाड़ियों से घिरी हुई है. लेकिन वर्तमान में सरकार की अनदेखी के कारण राजस्थान की सबसे प्रदूषित झील बन गयी है. कहा जाता है कि पुष्कर झील अजमेर का निर्माण ज्वालामुखी के फटने के बाद हुए गड़े से हुआ था. संसार का एक मात्र ब्रह्मा जी का मंदिर अजमेर में इस झील के किनारे पर ही है. इस लिए इस झील ka और भी महत्व भड़ जाता है.
- जयपुर के राजा मानसिंह जी ने पुष्कर झील के किनारे पर मानमहल का निर्माण करवाया था.
- गोकुलचंद पारीक जी ने ब्रह्मा मंदिर अजमेर का वर्तमान सवरूप प्रदान किया था.
- सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने सन 1705 में पुष्कर झील पर गुरुग्रंथ साहब का पाठ किया था.
- मराठा सरदारों ने भी पुष्कर झील का पुनरुद्धार सन 1809 में करवाया था.
- इंग्लैंड की महारानी मैडम मेरी भी पुष्कर झील देखने यहाँ सन 1911 में आयी थी.
- पुष्कर झील के किनारे पर 52 घाट है, जिसमें सबसे बड़ा घाट गाँधी घाट है, जिसका निर्माण इंग्लैंड की महारानी मैरी ने कराया था.
- मुगल शासक औरंगजेब ने पुष्कर झील को बहुत बार नुकसान पहुंचाया था.
- पुष्कर झील का सार संभाल RTDC द्वारा किया जाता है.
- कार्तिक पूर्णिमा को पुष्कर झील में मेला लगता है.
आनासागर झील अजमेर
अजमेर शहर के बीचो बीच स्थित इस कृत्रिम झील का निर्माण सम्राट पृथ्वीराज चौहान के पिता जी राजा अरणोराज उर्फ अन्नाजी ने 1135- 1150 के मध्य करवाया था. मुगल बादशाह जहाँगीर ने इस झील के किनारे दौलतबाग का निर्माण करवाया था. वर्तमान में इसको सुभाष पार्क भी कहते है. मुगल राजा साहजहा ने आनासागर झील की पाल पर मकराने का कटहरा का निर्माण करवाया था. आनासागर झील के संगमरमर के बारह दरवाजे है जिनको बारह दरी भी कहते है.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह
मोइनुद्दीन चिश्ती पर समय समय पर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप भी लगते है आये है. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म मध्य एशिया के ईरान में सिस्तान नामक जगह पर हुआ था. इनका जन्म हिजरी संवत के अनुसार 9 रज्जब 530 हिजरी को हुआ बतलाया जाता है. मोइनुद्दीन चिश्ती ने 12 वी शताब्दी में चिश्ती सम्प्रदाय की नीव रखी थी.
मोइनुद्दीन चिश्ती ने गुंजल असरार और अनीसुल अरवाह नामक दो पुस्तक लिखी थी. चिश्ती ने ब्रजभाषा में में कव्वाली की प्रथा प्रारम्भ की थी. चिश्ती की दरगाह हिंदुस्तान और ईरानी वास्तुकला का अनूठा नमूना है. इस दरगाह पर लगने वाले उर्स (मेले) का उध्गाटन भीलवाड़ा के आदिवासी समुदाय से सम्बंद रखने वाले गौरी परिवार करता है और उसके बाद मेला शुरू होता है. इस दरगाह का निर्माण गुलाम शासक इल्तुतमिस ने कराया था. मोहमद खिलजी ने बुलंद दरवाजे का निर्माण कराया था.
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Overview
Name | Ajmer |
Old Name Of Ajmer | Ajmeru |
Nickname Of Ajmer | Also known as Rajputana Key, Mecca of India, Gibraltar, Egg Basket. |
Who founded | Ajaypal |
when was the establishment? | 1113 AD |
Geography and climate | Dry climate |
Language | Marwadi, Pahadi, Rajasthani, Urdu, Hindi & English |
What is the district famous for | Ajmer is known in the world for many things, it is also called the heart of Rajasthan. Ajmer Apart from its historical buildings, the world-famous Pushkar includes Brahma Temple, Ana Sagar Lake, Daulat Bagh, Mayo College |
Name Of Ajmer North MLA | Sri Vasudev Devnani |
Country | India |
Tourist Places | Brahma Temple, Ana Sagar Lake, Daulat Bagh, Mayo College, Dai Din Ka Jhopra, Taragarh Fort, and Jain Temple of Nareli |
Population | 25 Lakha Approximate |
State | Rajasthan |
Name Of Member Of Parliament | Bhagirath Choudhary |
Area | 55KM |
Assembly area | Ajmer North, Ajmer South, Beawar, Kekri, Kishangarh, Masuda, Nasirabad, Pushkar |
Youtube Videos Links
FAQs
Ans- पुष्कर अजमेर राजस्थान.
Ans-राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित नसीराबाद छावनी में सबसे पहले अंग्रेजो के खिलाफ विद्रो छेड़ा था.
Ans-ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर पुष्कर अजमेर राजस्थान में है.
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