सिरोही का इतिहास और घूमने लायक जगह | History of Sirohi

By | September 10, 2023
Sirohi ka itihaas aur ghoomane layak jagah
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दोस्तों हम यहाँ आपके साथ साझा करने जा रहे है, राजस्थान सिरोही का इतिहास, भूगोल, जनसंख्या, क्षेत्रफल, साक्षरता और उनके पर्यटक स्थल, तीर्थ स्थल (Sirohi ka itihaas aur ghoomane layak jagah) की वो रोचक जानकारी. जिसके बारे में शायद आज से पहले आप अनजान थे. तो दोस्तों चलते है और जानते है, सिरोही जिले के घूमने लायक जगह की जानकारी और सिरोही जिले के इतिहास की रोचक जानकारी. दोस्तों बने रहे हमारे साथ अंत तक सिरोही की अद्भुत जानकारी के लिए.

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सिरोही का इतिहास (History of Sirohi)

दोस्तों सिरोही के इतिहास की शुरुआत होती है, आबुर्द प्रदेश से जो सिरोही का सबसे पुराना नाम था. इसे देवनगरी भी कहा जाता है. कर्नल टॉड ने माउंट आबू को “हिंदुओं के ओलंपस” के रूप में बुलाया था. सन1405 में, राव सोभा ने सिरनवा पहाड़ी के पूर्वी ढलान पर एक शहर शिवपुरी की स्थापना की, जिसे खुबा के नाम से जाना जाता है.

राजपूत राजा राव सोभा जी के पुत्र, श्री शेशथमल ने सिरनवा हिल्स के पश्चिमी ढलान पर वर्तमान शहर सिरोही की स्थापना 1425 ईस्वी में किले की नीव रखकर की थी. जिस दिन सिरोही जिले की नीव रखी गयी वो दिन था वैशाख का दूसरा दिन (द्वितीया)था. जिसको नाम दिया देवरा, इसको शेशथमल जी ने राजधानी बनाया वर्तमान को हम सिरोही के रूप में जानते है.

दोस्तों भारत आजाद होते ही भारत सरकार और सिरोही राज्य के माइनर शासक के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के अनुसार, सिरोही राज्य के राज्य प्रशासन को 5 जनवरी 1949 से 25 जनवरी 1950 तक बॉम्बे सरकार ने ले लिया था.

मित्रों प्रेमा भाई पटेल बॉम्बे राज्य के पहले प्रशासक थे जिसके अंदर सिरोही जिला भी आता था. 1950 में, सिरोही अंततः राजस्थान के साथ विलय हो गया था. सिरोही जिले के अबू रोड और डेलवाड़ा तहसीलों का नाम बदलकर 1 नवंबर, 1956 को राज्य संगठन आयोग की सिफारिश के बाद बॉम्बे राज्य के साथ बदल दिया गया था.

Summary

नामसिरोही
पुराना नामआबुर्द प्रदेश
उपनामदेवरा, देवनगरी
स्थापना1425 ईस्वी
स्थापना किसने कीश्री शेशथमल
राज्यराजस्थान
जिलासिरोही
तहसीलसिरोही
सिरोही किस लिए प्रसिद्ध हैप्रसिद्ध जैन मंदिरो, इतिहासिक इमारतों, गुरुशिखर, माउंट आबू और जैन मुनियों
भाषाराजस्थानी, ढूंढारी, हिंदी और अंग्रेजी
पर्यटक स्थलगुरू शिखर (माउंट आबू), अचलगढ़ दुर्ग सिरोही, देलवाड़ा जैन मंदिर (सिरोही), विमलशाह का मंदिर, लूण्वसही का मंदिर, महावीर स्वामी का मंदिर, कुंवारी कन्या का मंदिर, देवरानी जेठानी मंदिर, वशिष्ठ जी का मंदिर, 14 जैन मंदिरों का समूह (देरीसेरी), बाजना गणेश
सांसद का नामश्री देवजी पटेल
चुनावी क्षेत्र/तहसीलपिंडवाड़ा, सिरोही, आबू रोड, शिवगंज, रेवदर
पोस्ट श्रेणीSirohi ka itihaas aur ghoomane layak jagah (सिरोही का इतिहास और घूमने लायक जगह)
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सिरोही जिले की भौगोलिक स्थिति

इस जिले की अवस्थिति 24015 से 27017 उत्तरी अक्षांश से 72016 तथा 73010 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है. सिरोही में औसत वार्षिक वर्षा 59.12 सेमी है. यह राजस्थान का सबसे ठंडा जिला भी है. साथ ही राजस्थान का तीसरा सबसे छोटा जिला है सिरोही. दोस्तों सिरोही की सीमाएँ जिले के दक्षिण में गुजरात (बनासकांठा जिला), पश्चिम में जालोर, उत्तर में पाली एवं पूर्व में उदयपुर जिला स्थित है. यहाँ साल भर बहने वाली नदियाँ भी है, सिरोही की प्रमुख नदियों में से पश्चिमी बनास, सूकड़ी, खारी, जवाई, कपालगंगा और कृष्णावती नदिया है.

बात अगर बांध और झीलों करे तो सिरोही में नक्की झील यह राज्य में (मीठे पानी की) सबसे ऊँची झील है, अंगार, आटा टैंक प्रमुख है. यहाँ के प्रमुख बांध में कोडरा बाँध जो सिरोही की माउंट आबू तहसील में पेयजल आपूर्ति से संबंधित. और सिरोही के पहाड़ तो बहुत प्रसिद्ध है, भाकर, पूर्वी सिरोही जिले में अरावली की टेढ़ी-मेढ़ी कटक पहाडियाँ, भाकर नाम से जानी जाती हैं.

सिरोही किस प्रसिद्ध है?

दोस्तों सिरोही जिला मुख्य रूप से अपने प्रसिद्ध जैन मंदिरो, इतिहासिक इमारतों, गुरुशिखर, माउंट आबू और जैन मुनियों की स्थली और पर्यटकों की मेहमान नवाजी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है.

सिरोही की घूमने लायक जगह और पर्यटक और तीर्थ स्थल

गुरू शिखर (माउंट आबू)

दोस्तों गुरूशिखर की ऊँचाई 1722 मीटर है. परन्तु इस चोटी के ऊपर ‘‘दत्तात्रेय ऋषि’’ का 5 मीटर ऊँचा मंदिर बना हुआ है. जिसे जोड़ने के बाद गुरूशिखर की ऊंचाई 1727 मीटर मानी जाती है. अरावली पर्वत की सर्वोच्च ऊँचाई सिरोही जिले में दिखाई देती है. माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है.

माउंट आबू को राजस्थान का शिमला कहा जाता है. जेम्स टॉड ने इसे संतों का शिखर कहा है. राजस्थान का एकमात्र सनसेट प्वाइंट माउंट आबू है. राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा माउंट आबू में होती है. माउण्ट आबू में सेव की खेती राज्य में सर्वप्रथम प्रारम्भ हुई. राजस्थान में प्रथम नगरपालिका 1864 ई. में माउंट आबू में स्थापित की गई.

अचलगढ़ दुर्ग सिरोही

अचलगढ़ दुर्ग परमार शासको द्वारा निर्मित किला है, यहां गौमुख जी के मंदिर में सर्वधातु की 14 मूर्तियां अवस्थित है.

देलवाड़ा जैन मंदिर (सिरोही)

दोस्तों यह राजस्थान का ही नहीं पूरी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ जैन मंदिर है. दिलवाड़ा जैन मंदिर देश के सात अजूबों में शुमार होता है. और इसकी तुलना ताजमहल से भी की जाती है. कर्नल टॉड ने लिखा है – ‘‘ताजमहल को छोड़कर कोई भी ईमारत इस मंदिर की समता नहीं कर सकती. देलवाड़ा के जैन मंदिर निम्न पांच मंदिरों का समूह है.

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विमलशाह का मंदिर

विमलशाह का मंदिर जिसको श्री आदिनाथ मंदिर भी कहते है. क्यों की य मंदिर श्री आदिनाथ जी को समर्पित है. यह दिलवाड़ा मंदिर के परिसर में स्थापित सबसे पुराना व भव्यतम मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण गुजरात के चालुक्य महाराजा भीमदेव के मंत्री और सेनापति विमल शाह ने शिल्पकार कीर्तिधर के निर्देशन में करवाया. इस मंदिर में कुल 57 देवरियाँ है.

लूण्वसही का मंदिर

लूण्वसही का मंदिर जिनको श्री नेमिनाथ मंदिर के उपनाम से जाना जाता है. क्यों की 22वें जैन संत श्री नेमिनाथ जी को समर्पित है. यह मंदिर राजा भीमदेव के आमात्य तेजपाल और वस्तुपाल द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर का मुख्य हॉल जिसे रंग मंडप कहा जाता है, इसमें 360 छोटे-छोटे तीर्थंकरों की मूर्तिया है। देवालय में देवरानी जेठानी के गोखड़े निर्मित है.

पीतलहर आदिश्वर मंदिर

पीतलहर आदिश्वर मंदिर जिसको ऋषभदेव जी का मंदिर के नाम से भी पुकारते है. यह मंदिर श्री ऋषभदेव जी को समर्पित है.

खरतरवसही मंदिर

खरतरवसही मंदिर जिसको पार्श्वनाथ जी का मंदिर/चौमुखा पार्श्वनाथ मंदिर, सिलावटों का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर श्री पार्श्वनाथ जी को समर्पित है. इस मंदिर खास विशेषता यह है. की यह मंदिर दिलवाड़ा के अन्य मंदिरों में सबसे लंबा मंदिर है.

महावीर स्वामी का मंदिर

इस मंदिर को श्री महावीर जी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर दिलवाड़ा मंदिर के अन्य मंदिरों की तुलना में सबसे छोटा मंदिर है. यह मंदिर 1582 ई. में बनाया गया.

कुंवारी कन्या का मंदिर

कुंवारी कन्या का मंदिर दिलवाड़ा के दक्षिण (माउंट आबू) में स्थित. इस मंदिर के साथ भगवान श्री विष्णु के अवतार बालम रसिया की कहानी जुड़ी हुई है. यह मंदिर बालम रसिया के आजीवन प्रेम करने के बावजूद कुंवारे रह जाने का गवाह है. इसी जगह भगवान विष्णु ने अपनी होने वाली दादीसास का वध करके दफनाया था.

देवरानी जेठानी मंदिर

देवरानी जेठानी मंदिर जिसको नेमीनाथ जैन मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर माउण्ट आबू (सिरोही) में स्थित है. इस मंदिर को ‘‘वास्तुपाल व तेजपाल मंदिर’’ देवरानी जेठानी मंदिर तथा पूणवसही का मंदिर भी कहते है. इस मंदिर के शिल्पकार शोभनदेव थे.

वशिष्ठ जी का मंदिर

दोस्तों वशिष्ठ जी का यह मंदिर सिरोही जिले में स्थित. यहां ऐतिहासिक अग्निकुण्ड स्थित है जिस पर वशिष्ठ मुनि द्वारा चार राजपूत जातियों की उत्पति का उल्लेख किया गया है.

अचलेश्वर महादेव मंदिर

दोस्तों अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग के स्थान पर एक खड्डा बना हुआ है जिसे ब्रह्मखड्ड कहते है.

14 जैन मंदिरों का समूह (देरीसेरी)

14 जैन मंदिरों का समूह देरीसेरी सिरोही में राजमहल के निकट स्थित है.

बाजना गणेश

बाजना गणेश की मूर्ति और मंदिर सिरोही में स्थित है.

सिरोही जिले के प्रसिद्ध लोग?

हमारी टीम सिरोही के फेमस लोगो की जानकारी जुटा रही है. बहुत जल्दी आपके साथ यहाँ जानकारी साझा की जाएगी.

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FAQs

Q- अरावली पर्वतमाला को सबसे ऊँची चोटी का क्या नाम है और कहां स्थित है?

Ans- अरावली पर्वतमाला को सबसे ऊँची चोटी का क्या नाम है ‘‘गुरू शिखर’’ जो राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है.

Q- 14 जैन मंदिरों का समूह कहाँ स्थित है?

Ans-14 जैन मंदिरों का समूह राजस्थान के सिरोही में स्थित है.

Q- कुंवारी कन्या का मंदिर कहा है?

Ans- कुंवारी कन्या का मंदिर दिलवाड़ा के दक्षिण (माउंट आबू) में स्थित है.

Q- देवरानी जेठानी का मंदिर कहाँ है?

Ans- देवरानी जेठानी का मंदिर मंदिर माउण्ट आबू (सिरोही) में स्थित है.

भारत की संस्कृति

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