Kalinga War 261 BC || कलिंग युद्ध 261 ई.पू

By | September 11, 2023
Kalinga War 261 BC
Kalinga War 261 BC

Kalinga War 261 BC– सम्राट अशोक ने अपने पराक्रम से कलिंग का युद्ध किया ओर विजय प्राप्त की अशोक बहुत ही कुशल व पराक्रमी राजा था. उसने युद्ध के दौरान विजय प्राप्त कर कलिंग प्राप्त कर लिया था. वैसे तो सम्राट अशोक को अपने पूर्वजों से बहुत कुछ प्राप्त किया था, परन्तु उसने कलिंग को स्वयं के पराक्रम से प्राप्त किया था. यह प्रदेश बंगाल के तट पर महानदी और गोदावरी नदियों के मध्य स्थित था. अशोक ने गद्दी प्राप्त करने के पश्चात् इसे जीतने का निश्चय किया था. अशोक के तेरहवें शिलालेख से ज्ञात होता है कि उसने अपने राज्याभिषेक के आठ वर्ष के पश्चात् अर्थात् 261 ई. पू. में कलिंग पर हमला किया. और उसकी यही एकमात्र विजय थी. कलिंग पर हमला पर इसे विजय करने के कई कारण थे.

नन्द वंश के शासकों के समय कलिंग मगध राज्य के अधीन थे, परन्तु बाद में यह स्वतंत्र हो गया था. चन्द्रगुप्त और बिन्दुसार ने इसे अपने शासन काल में अपने राज्य में नहीं मिलाया. सम्भवतः अशोक हम पर अपना अधिकार समझकर हमें अपने साम्राज्य में मिलाना चाहता था. इसके अलावा अशोक चन्द्रगुप्त के समान वीर, योद्धा और महत्त्वाकांक्षी शासक था. उसमें राज्य प्रसार की तीव्र लालसा थी. अतः वह कलिंग को विजय करना चाहता था. मैगस्थनीज के लेखों से पता चलता है कि कलिंग के नरेश की सेवा में 60,000 पैदल, 1000 घुड़सवार और 700 हाथी से. अशोक अपने राज्य की सीमा पर इतनी शक्तिशाली शासक की सत्ता को स्वीकार करने के लिए राजी नहीं था.

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उसने अपने साम्राज्य की दृढ़ता और एकता के लिए कलिंग को जीतना अवश्य समझा. यह भी माना जाता है कि अशोक दक्षिण भारत को जाने वाले जल और स्थल भागों पर कब्जा करना चाहता था. तिब्बत के प्रसिद्ध इतिहासकार तारानाथ का कहना था कि कलिंग मेंरहने वाले ‘नाम’ नामक डाकू उसके राज्य पर हमला कर लूटमार करते रहते थे. उनका दमन करने के लिए अशोक ने कलिंग पर हमला किया था.

इस तरह अनेक कारणों से अशोक ने कलिंग पर 261 ई. पू. में हमला किया. यह युद्ध किस प्रकार हुआ और कलिंग का शासक कौन था, इस विषय में जानकारी नहीं प्राप्त होती. अशोक के शिलालेखों से ज्ञात होता है कि इस युद्ध में 1,50,000 व्यक्ति बन्छी बनाये, 1,00,000 व्यक्ति मारे गये और इससे कई गुना घायल हुए. अन्त में कलिंग को अशोक ने अपने राज्य में मिला लिया.

चक्रवर्ती सम्राट अशोक कौन था?

चक्रवर्ती सम्राट अशोक का जन्म ईसा पूर्व 304 में वर्तमान बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था. मौर्य साम्राज्य के प्रथम शासक चन्द्रगुप्त मौर्य के पोते और मौर्य सम्राट बिन्दुसार के पुत्र थे. आपकी माता का नाम शुभाद्रंगी था. सम्राट अशोक का पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक अथार्थ राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय था. सम्राट अशोक विश्वप्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के तीसरे राजा थे. चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने ईसा पूर्व 269 से, 232 प्राचीन भारत में शासक किया था, मौर्य वंश का यह राजा ही एक ऐसा राजा था जिसने अखंड भारत पर राज किया था.

सम्राट अशोक के समय भारत उत्तर में हिन्दुकुश से लेकर गोदावरी नदी तक राज्य का विस्तार किया था. इसके साथ ही बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान तक राज्य विस्तार था. जिसके प्रमाण आज भी ईरान और अफगानिस्तान में मिलते है. कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था.

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कलिंग युद्ध के प्रमुख कारण क्या थे?

  • कलिंग युद्ध के प्रमुख एक कारण में से सम्राट अशोक के पिता और दादा ने कलिंग को कब्जाने की कोशिश की थी. लेकिन वे असफल रहे, अशोक उनके सपने पूरा करने के लिए ये युद्ध लड़ा था.
  • कलिंग राज्य समृद्ध था, वहां की जनता राष्ट्रवादी थी, कलिंग राज्य के वैभव की चर्चा आसपास के राज्यों में हो रही थी. अशोक को ये बात रह-रह कर चुभ रही थी.
  • अशोक की विस्तारवादी नीति और सिंहासन पर बैठते ही तक्षशिला पर आक्रमण करके जितना उसको और बल दिया.
  • कलिंग नरेश ने अशोक की किए दासता के प्रस्ताव को ठुकरा देना.
  • मौर्य सम्राट अशोक कलिंग राज्य को अपने राज्य के लिए एक खतरे के रूप में देखता था.
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कलिंग के युद्ध का प्रभाव

कलिंग का युद्ध कोई साधारण युद्ध नहीं था इस युद्ध में लाखा करोड़ो मर्द, स्त्रिया बच्चे आदि मारे गए कलिंग की गलिया ऐसी लग रही थी मानो जैसे यहाँ पर खून की होली खेली गई हो. अशोक का जीवन ही बदल गया उसके जीवन में ऐसी क्रान्ति आयी कि वह एक कठोर राजा से एक दयालु सम्राट् बन गया. इस युद्ध के कारण अशोक के जीवन में निम्नलिखित प्रमुख बदलाव हुए.

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  • बौद्ध धर्म का पालन-बौद्ध लोग, शन्ति व भीहरना को अधिक महत्व देते है और अशोक ने भी इसी नियम भी अपनाया और एक शान्तिप्रिय शासक बन गया.
  • बौद्ध धर्म का प्रचार- अशोक ने अब बौद्ध धर्म प्रचार करना आरम्भ कर दिया. उसने इसे राजधर्म बनाया. बौद्ध भिक्षुओं के लिए मठ एवं बिहार बनवाये और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को स्तम्भों पर खुदवाया. अशोक ने बौद्ध धर्म एक विश्व धर्म बन गया था.
  • हिंसा का परित्याग – अशोक के हृदय में युद्ध का स्थान अहिंसा ने ले लिया, उसने मांस खाना और शिकार करना बन्द कर दिया.
  • तीर्थ यात्रायें – कलिंग युद्ध के पश्चात् अशोक ने अनेक तीर्थ यात्रायें की. वह जहां भी जाता था जनता को अहिंसा और नैतिकता का उपदेश देता था.
  • प्रजा की भलाई – कलिंग युद्ध ने अशोक को प्रजापालक बना दिया. अब वह किसी प्रदेश को जीतने के बदले लोगों के हृदय को जीतना चाहता था. इसलिए उसने लोगों की भलाई के लिए अनेक कार्य किये. उसने सड़कें बनवाई एवं उनके दोनों ओर वृक्ष लगवाये. उसने बहुत से कुएं खुदवाये और अस्पताल एवं विश्राम गृह बनवाये थे.
  • महान धार्मिकों की नियुक्ति- अशोक द्वारा कुछ मध्य लोगों की नियुक्ति इस उद्देश्य से की गई ताकि वह अशोक के राष्य की जनता को धर्म-कर्म सम्बन्धी कार्यों में सलाने कर सके व उनके चरित्र व व्यवहार को सुशील द स्वाभाविक बनाए.

इस तरह कलिंग युद्ध के कारण अशोक में काफी परिवलन आ गया. उसमें दया, धर्म और सच्चाई आ गयी. उसने जनता का कल्याण करना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया. इस तरह देश में एक नवीन युग का आरम्भ हुआ. डा. राय चौधरी के अनुसार – “ऐसे युग का आरम्भ हुआ जो शान्ति और उत्थान का युग था.

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FAQs

Q- कलिंग युद्ध कब हुआ था?

Ans- मौर्य सम्राट अशोक ने कलिंग पर 261 ई. पू. में हमला किया था.

भारत की संस्कृति

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