Nagaur district history & amazing facts | नागौर का इतिहास

By | November 1, 2023
Nagaur district history & amazing facts
Nagaur district history & amazing facts

राजस्थान के अजमेर संभाग का एक जिला है नागौर. दोस्तों नागौर का पुराना नाम अहिछत्रपुर था. तथा नागौर को राजस्थान धातू नगर और राजस्थान का औजर नगरी भी कहते है. नागौर अपने ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. हम आप के साथ यहाँ शेयर करे रहे है नागौर की वो रोचक जानकारी जो आज से पहले आप शायद ही पता थी. तो दोस्तों इस पेज अंत तक पढ़े. For updates on Nagaur district history & amazing facts you should scroll down.

नाम नागौर
उपनामअहिछत्रपुर, राजस्थान का धातु नगर
राजस्थान की औजार नगरी
स्थापना प्राचीन
नागौर की स्थापना कब और किसने कीमध्यकालीन
पहले शासकमहाराणा कुम्भा या महाराणा कुम्भकर्ण
वीर तेजाजी जन्म स्थानखरनाल नागौर
Nagaur district history & amazing facts

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Nagaur History (नागौर का इतिहास)

संत श्री कान्हाराम जी लिखते है. नागौर नागों की मूल राजधानी रही है. प्राचीन काल में यहाँ बहुत बड़ी पानी की झील थी. जिसमें नागवंशियों का जलमहल था. पहले शिशुनाग (शेषनाग) और बाद में वासुकि नाग यहाँ राजा हुआ करते थे. शिशुनाग जलमहल में निवास करता था. ईसा की चौथी शताब्दी में यहाँ नागों द्वारा दुर्ग का निर्माण किया गया था. इस दुर्ग का नाम रखा नागदुर्ग. कालांतर में नागदुर्ग शब्द से नागौर और नागौर जिले का नाम पड़ा.

नागौर जिले के आस पास सैकड़ों किलोमीटर में जाटों के भिन भिन गोत्र मिल जायेगे. क्यों की नागौर में राजस्थान के लोक देवता वीर तेजाजी और धोल्या जाटो का राज रहा है. मध्य कालीन भारत में नाग+गण = नागाणा इस क्षेत्र को नागाणा बोला गया क्यों की इन गण राज्यों में 99 प्रतिशत नागवंश से निकली जाट शाखा के थे जो आज नागौर के चारों और 300 -400 किमी तक फैली जाट जाति बेल्ट इसका ठोस प्रूफ है.

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नागौर जिले का एक नाम अहिछत्रपुर भी है जिसका उल्लेख महाभारत में है. महाभारत युद्ध में अहिछत्रपुर के राजाओं ने भी भाग लिया था. अहिछत्रपुर का अर्थ है वो नगर जो नागो की देख रेख में बसा हुआ हो अथार्थ ‘नागों की छत्रछाया में बसा हुआ नगर. यहाँ नागौर की धरती पर नाग वंश की जाट शाखा के राव पदवी धारी जाटों ने 200 वर्ष तक राज किया था. वीर तेजाजी महाराज के पिता जी भी नागौर के पास खरनाल जगह के राजा या मुखिया थे. नागौर जिले का इतिहास देखे तो कई बार बसा और उजड़ा, उजड़ने के कारण इसका नाम नापट्टन भी पड़ा था.

What is Nagaur famous for?

नागौर किस लिए प्रसिद्ध है?- नागौर मुख्य रूप से वीर तेजाजी महाराज की वीरता और मार्बल के पत्थर और पुराने धार्मिक स्थलों और पुराणी हवेली और वीर पुरषो के जन्म स्थान और जाम्भोजी के जन्म स्थान, खनिज की खानो और राजपुताना और औजारों, किलो, नागोरी बेलो, नागोरी बकरी और मसालों, और नमक उत्पाद के लिए फेमस है.

Famous Tourist Places of Nagaur District ( नागौर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल)

वैसे तो राजस्थान का ये जिला पूरा ही घूमने लायक है. पर हम यहाँ कुछ खास खास जगह के बारे में बता रहे है. जिंसको पढ़ने के बाद आप का मन भी नागौर जाने के लिए विचलित हो जायेगा.

नावा(Nawa)

नावा सिटी नागौर में प्राचीन नागौर का किला स्थित है. जिसको देखने देश विदेश से सैलानी आते है. नागौर किला उत्तर भारत में पहला मुस्लिम किला बना था. उस से पहले इस पर राजपूतो का राज था. आजाद भारत से पहले नागौर जोधपुर रियासत का जिला था जो 1959 में राजस्थान के जिले के रूप जाना जाने लगा.

Makrana City (मकराना सिटी)

मकराना नागौर का वो नगर है जो पूरी दुनिया में सफ़ेद संगमरमर के लिए जाना जाता है. भारत आजाद होने से पहले मध्य कालीन भारत और जितने भी अरबी लुटेरे और अकर्मणकारी आये सभी की नजर मकराना के मार्बल पर रही. भारत की जीतनी भी ऐतिहासिक इमारते हुई है. उनमे नागौर के मकराना का संगमरमर लगा है. जैसे आगरा का लाल किला , आगरा का ताज महल, दिल्ली का लाल किला और भारत का राष्ट्रपति भवन हो या फिर हैदराबाद और और भारत के बड़े किलो और इमारतों में मकराना नागौर का पत्थर जड़ा हुआ है.

कुचामन सिटी(Kuchaman City)

नागौर कुचामन सिटी कभी मेड़तिया राठौड़ो का प्रमुख ठिकाना था.

कुचामन दुर्ग (Kuchaman Fort)

नागौर कुचामन दुर्ग के बारे में एक कहावत चली आ रही है वो इस प्रकार है- ” ऐसा किला राणी जाये के पास भले ही हो, ठुकराणी जाये के पास नहीं “

कुचामन की बहुत चीजों के लिए प्रसिद्ध है: हवामहल- जयपुर के अलावा कुचामन दुर्ग में एक और हवा महल है.
रंगाई छपाई,खरबूजे और प्याज़,चमड़े की जूती ,पांच टांके, हाथी टीबा,कुचामणी ख्याल,चकियो की एमरी स्टोन आदि.

डीडवाना(didwana)

डीडवाना- आभानगरी,उपकाशी,सिंहद्वारा डीडवाना के उप नाम है.

गढ़ा का बास- यहां श्री हरिदास जी ने समाधि ग्रहण की थी.

सिंहद्वारा- शेखावाटी की सीमा पर बसा होने के कारण डीडवाना को सिंहद्वारा कहते है.

डीडवाना में स्थित हिंदी पुस्तकालय जो 1916 में स्थापित हुआ. प्राचीन ग्रंथो का अनूठा संदर्भ सेण्टर यहाँ सहित्ये का अनुपम भंडार है.

डीडवाना नमक की झील- डीडवाना- यहाँ राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स के नाम से दो उद्योग स्थापित किये गए है. जो सोडियम सल्फायड और सोडयम सल्फेट का निर्माण करते है. इससे सोडयम तैयार कर कागज बनाने में उपयोग किया जाता है. इस झील को “देवल ” के नाम से जाना जाता है.

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डेगाना भाकरी(Degana Bhakri)

डेगाना (Degana) भारत के राजस्थान राज्य के नागौर ज़िले में स्थित एक गाँव है. यहाँ सामरिक महत्व के खनिज टंगस्टन की विश्व प्रसिद्ध खान है. इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है.

कासनावु मातासुख

कासनावु मातासुख नागौर में लिग्नाइट के बहुत बड़े भंडार मिले है. कासनावु मातासुख खदान से आने वाले बरसो में भारत की लिग्नाइट की पूर्ति आराम से हो सकेगी.

ताऊसर

ताऊसर नागौर की खुशबू वाली मेथी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.

गोटन

नागौर जिले की गोटन जगह पर राजस्थान पहला सफेद सीमेंट का कारखाना खुला था.

लाडनूं

लाडनूं के कई उपनाम है जैसे : “चंदेरी नगरी” “थली प्रदेश” “नौरकुंटी” मारवाड़ और शेखावाटी की संगम स्थली भी कहते है. लाडनू नागौर पूरी दुनिया में लाल पत्थर के लिए प्रसिद्ध है. लाडनू के समृद्ध उद्यगो में पशु गाड़ियों के टायर और ऊट छकड़ा का निर्माण के लिए जाना जाता है.

परबतसर(Parbatsar)

परबतसर- नागौर जिले में स्थित इस में प्रतिवर्ष सावन महीने की पूर्णिमा से भाद्रपद की अमावस्या तक वीर तेजाजी महाराज का विशाल पशु मेला लगता है. आमदनी के अनुसार परबतसर पशु मेला राजस्थान का सब से बड़ा पशु मेला है. ये मेला नागोरी बेलो के लिए प्रसिद्ध है.

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सुहालक

सुहालक नागौर की वह जगह है जहा नागोरी बेलो की उत्पति का स्थान माना जाता है. बाजावास गांव भी नागोरी बेलो के लिए विख्यात है.

मारोठ

मारोठ के प्राचीन नाम महाराष्ट्र नगर, गढ़ का भैरव और गौडाटी थे. रेवासा प्राचीनकाल में मरोठा की राजधानी थी. नवलखा बाग, गजानंद जी हाली बावड़ी मरोठा मी ही है. इस ऐतिहासिक बावड़ी का निर्माण यहाँ के गौड़ सासको ने कराया था. मारोठ जेन धर्म और संस्कर्ति का प्रमुख केंद्र है.

मेड़ता

मेड़ता का पुराना नाम मेदनीपुर था. मेड़ता पचिम भारत और उत्तरभारत को जोड़ने वाला एक मात्र मार्ग था. प्राचीन काल में सभी युद उतरी, पूर्व था पश्चिम भारत के युद इसी छेत्र में हुए. मीराबाई का मंदिर और चारभुजा मंदिर मेड़ता में ही है.

मालकोट दुर्ग भी मेड़ता में स्थित है. इसका निर्माण राठौर वंस के राव मालदेव द्वारा करवाया गया था. वीर कल्लाजी– भगतिमती मीराबाई इनकी बुआ थी. मीरा व् महाकवि वृन्द का सम्बंद भी मेड़ता से.

मोई तिल्ली मेड़ता की प्रसिद्ध मिठाई है.

बरुण गांव-

बरुण गांव बरुण गांव की बकरियां पूरे देश में प्रसिद्ध है.

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Famous people of nagaur(नागौरी के प्रसिद्ध लोग)

रानाबाई(ranabai)

रानाबाई श्री कृष्ण भगवान की भक्ति में लीन रहती थी, इन्हे “राजस्थान की दूसरी मीरा ” भी कहते है.

जाम्भोजी

जाम्भोजी- बिश्नोई समाज के प्रवर्तक और वन और जीव जंतुओं के रक्षक श्री जाम्भोजी का जन्म नागौर के पीपासर में हुआ था. जाम्भोजी को विष्णु जी का अवतार माना जाता है.

अमर सिंह राठौड़

नागौर के वीर सपूत अमर सिंह राठौड़ के शौर्ये की वजह से नागौर को एक अलग पहचान मिली. एक बार मुग़ल दरबार में (आगरा) साहजहा के फोजबक्सी सलावत खां ने गवार कहने पर अमर सिंह राठौड़ ने भरे मुग़ल दरबार में सलावत खां की हत्या कर दी थी. अमर सिंह राठौड़ के शौर्ये गाथा के किसे आज भी लोगो की जबान पर सुनने को मिलते है.

Amazing Facts Of Jhunjhunu

जवाहरलाल नेहरू-

अक्टूबर 02 सन 1959 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पंचायत राज का उद्घाटन नागौर में किया था. पंचायत राज वयवस्था नागौर राजस्थान भारत से शुरू हुई थी.

अब्दुल फजल तथा फैजी – अकबर के दरबारी रत्नों के पिता नागौर के मूल निवासी थे.

ताराचंद बड़जात्या

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बहुत बड़े नाम है ताराचंद बड़जात्या. इनका जन्म कुचामन सिटी नागौर में मई 1914 में हुआ था. ये बड़जात्या फिल्म निर्माता, फिल्म वितरक और फिल्म पर्दशक थे. ताराचंद बड़जात्या ने 1947 में राज श्री पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड फिल्म ऑफिस प्राम्भ की थी.

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FAQs

Q- तेजाजी मेले का आयोजन कहाँ किया जाता है?

Ans- वीर तेजाजी मेले का आयोजन नागौर के परबतसर में किया जाता है.

Q- राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स कहाँ स्थित है?

Ans- राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स डीडवाना नागौर राजस्थान स्थित है.

Q- खरनाल किस लिए प्रसिद्ध है?

Ans- खरनाल वीर तेजाजी का जन्म स्थान के लिए प्रसिद्ध है, यह राजस्थान के नागौर जिले का भाग है.

Q- विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के लिए सफेद संगमरमर का खनन कहाँ किया गया था?

Ans- मकराना नागौर राजस्थान.

3 thoughts on “Nagaur district history & amazing facts | नागौर का इतिहास

  1. Suresh kumar Jangir

    Very nice and very interested page for Shekhawati history

    Reply
  2. Harish

    This blog was… how do you say it? Relevant!! Finally I have found something that helped me. Thanks!

    Reply
  3. Kham

    Kudos to the writer for providing such a comprehensive piece. Thank you for sharing your expertise!

    Reply

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