Bundi District Rajasthan history and famous tourist places:- दोस्तों हम आज आपको राजस्थान के एक छोटे से जिले बूंदी की वो रोचक जानकारी शेयर करेंगे जिसके बारे में आपको आज से पहले शायद ही पता होगी. प्राचीन समय में बूंदी को बृन्दावती के नाम से जाना जाता था. बूंदी को जलाशयों, बावड़ियों का शहर, हाड़ौती प्रदेश का हृदय स्थल, और राजस्थान की छोटी काशी भी कहाँ जाता है. बूंदी अपनी अपनी लोक संस्कृति, विरासत, वीरो के बलिदान, चित्रकला शैली, मातृभूमि की रक्षा और राजपुताना और मीणा और राजपूत शासकों के द्वारा बनाये गए किलो,महलों, मंदिरों के कारण जाना जाता है. बूंदी को राजस्थान की छोटी कासी के नाम से पुकारा जाता है. क्यों की यहाँ अलग अलग समय पर अलग अलग राजाओ ने बहुत मंदिर और छतरियों और तालाबों का निर्माण कराया था. बूंदी अपनी रंग बिरंगी संस्कृति के लिए बहुत प्रसिद्ध है.
राजस्थान के जिलों का इतिहास और पर्यटक स्थल और रोचक जानकारी
History Of Bundi Rajasthan (बूंदी राजस्थान का इतिहास)
परिंदो का स्वर्ग बूंदी शहर की स्थापन 24 जून 1242 में राव देवजी हाड़ा एक राजपूत राजा ने की थी. इससे पहले इस छेत्र पर मीणाओ का शासक था. लेकिन 1242 में राव देवजी ने बूंदा मीणा को पराजित करके बूंदी को अपने अधिकार छेत्र में ले लिया और यहाँ के राजा बने. लेकिन बूंदी का निर्माण मीणा राजा बूंदा के शासनकाल में ही हो चुका था. इस लिए मीणा राजा बूंदा के नाम पर इस जिले का नाम बूंदी पड़ा था. राव देवजी हाड़ा ने बूंदी का विस्तार करके इसको अपनी नई राजधानी बनाया. इसलिये इतिहास में बूंदी की स्थापना का श्रेय राव देवजी हाड़ा को दिया जाता है. बूंदी को नदी नाला, बावड़ियों का शहर, हाड़ौती प्रदेश का हृदय स्थल, और राजस्थान की छोटी काशी भी कहाँ जाता है.
बीकानेर राजस्थान की रोचक जानकारी
Summary
नाम | बूंदी |
पुराना नाम | बृन्दावती |
उपनाम | राजस्थान की छोटी काशी, बावड़ियों का शहर, हाड़ौती प्रदेश का हृदय, परिंदो का स्वर्ग |
स्थापना | 24 जून 1242 |
स्थापना किसने की | राव देवजी हाड़ा |
राज्य | राजस्थान |
जिला | बूंदी |
तहसील | बूंदी |
किस लिए प्रसिद्ध है | बूंदी लोक संस्कृति, छतरियों, तालाबों, रंग बिरंगी संस्कृति, विरासत, वीरो के बलिदान, चित्रकला शैली, मातृभूमि की रक्षा, किलो,महलों, मंदिरों के लिए जाना जाता है |
भाषा | मारवाड़ी, ढूंढारी, राजस्थानी, हिंदी और इंग्लिश |
पर्यटक स्थल | जैत सागर झील, बूंदी किला, तारागढ़ किला, गढ़ पैलेस बूंदी, नवल सागर झील, सुख महल, बादल महल, क्षार बाग, छत्र महल, छत्र महल, शिकार बुर्ज, फूल सागर, 84 स्तंभित स्मारक, दभाई कुंड, रणजी की बावड़ी, झील कनक सागर, नगर सागर कुंड, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य, हाथी पोल |
सांसद का नाम | श्री ओम बिरला |
चुनावी क्षेत्र/तहसील | इंदरगढ़, केशवरायपाटन, तालेड़ा, नैनवा, बूंदी, हिण्डोली |
पोस्ट श्रेणी | Bundi District Rajasthan history and famous tourist places (बूंदी जिला राजस्थान का इतिहास और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल) |
Bundi Famous For? (बूंदी किस लिए प्रसिद्ध है?)
प्राचीन समय में बूंदी को बृन्दावती के नाम से जाना जाता था.अपनी कलर फूल लोक संस्कृति, विरासत, वीरो के बलिदान, मातृभूमि की रक्षा और राजपुताना और मीणा और राजपूत शासकों के द्वारा बनाये गए जलाशयों, किलो, महलों, मंदिरों के कारण जाना जाता है. इसके आलावा बूंदी में स्थित तारागढ़ का किला. और उसमे स्थित महलों में छत्रमहल, अनिरूद्ध महल, रतन महल, बादल महल और फूल महल आकर्षण के प्रमुख केंद्र है. राजस्थान की छोटी कासी के आलावा, तारागढ़ और इस किले के तीन प्रवेश द्वार, गर्भ गूंजन तोप और कभी नहीं शुकने वाले तालाब और 84 खंम्भों की छतरी के लिए भी प्रसिद्ध है.
Famous People of Bundi (बूंदी के प्रसिद्ध लोग)
वर्तमान बूंदी में बहुत से साहित्यकार, परोपकारी राजा और वीर योद्धा का जन्म हुआ है. हम यहाँ बूंदी के कुछ प्रसिद्ध लोगो का वर्णन कर रहे है.
राजा बूंदा (Raja Bundaa)
वर्तमान बूंदी का नाम राजा बूंदा के नाम से पड़ा था. कहाँ जाता है की राजपूत राजा राव देवा हाड़ा ने सन 1242 में मीणा राजा बूंदा को धोखे से हराया था. कुछ लोगो का मत है, बूंदा के राज से स्थानीय जनता दुःखी हो गयी थी. इसका फायदा राव देवजी हाड़ा ने उठाया और बूंदा को हराकर बूंदी को अपनी राजधानी बनाया.
राव देवा हाड़ा/राव देवसिंह (Rao Dev Singh)
राव देव सिंह को वर्तमान बूंदी का जनक और 1242 स्थापना का श्रेय दिया जाता है. क्यों की Rao Dev Singh ने बूंदी को अपनी राजधानी बनाया और यहाँ पर तारागढ़ के किले और बहुत से मंदिर और जलाशयो और बावड़ियों का निर्माण कराया था.
Rao Dev Singh ने 12 वी शताब्दी के अंत मे मेवाड़ रियासत के सामन्त बनने में सफलता प्राप्त की थी। कहा जाता है, की यही से हांडा के राजनीतिक जीवन की सुरुआत हुई थी. लेकिन 13 सदी की सुरुआत में हांडा सिंह ने वरन्दावती (वर्तमान बूंदी) पर विजय प्राप्त करने की योजना बनाई. इसके लिए उसने अपनी पुत्री का विवाह मेवाड़ के शासक कुँवर अली के साथ कर दिया. इससे कुँवर अली हाड़ा के पक्ष में आ गया और इन्होने मिल कर बूंदा को पराजित किया.
सुर्जन सिंह (Surjan Singh)
सुर्जन सिंह राजा थे, बूंदी शैली के सर्वाधिक चित्र अलवर के इस शासक के समय में चित्रित हुए. इन्होने चित्र कला के लिए प्रतियोगिता और चित्रकारों को समान दिया जिस से चित्र शैली का और विकास हुआ.
राजस्थान के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
महाराव उम्मेद सिंह (Maharao Umaid Singh)
महाराव उम्मेद सिंह के शासन कल में बूंदी चित्रशाला का निर्माण इन्होंने सन् 1749-79 ई. के अंतराल में करवाया था. बूंदी चित्रशाला को उम्मीद महल कहते हैं. भित्ति चित्रों का स्वर्ग बूंदी के राजमहल की चित्रशाला को कहा जाता है. चित्रशाला को रंगविलास या रंगीन चित्र भी कहते है.
रावरतन सिंह हाड़ा (Ravratan Singh Hada)
रावरतन सिंह हाड़ा बूंदी के राजा थे, मुगल शासक जहाँगीर द्वारा इन्हें चित्रकला प्रेम के कारण ‘‘सरबुंदराय (बरबुलंदराय)’’ की उपाधि दी थी. जहाँगीर के शासन के समय को भारत की चित्र कला का सर्वण युग कहाँ जाता है.
बिशन सिंह (Bishan Singh)
राजा बिशन सिंह के समय को बूंदी की चित्र शैली का स्वर्णकाल कहलाता है.
सूर्यमल्ल मिश्रण (Suryamal Mishran)
इनका जन्म हिरणा गाँव बूंदी जिले में में हुआ था. दस वर्ष की अल्पायु में ही उसने ‘‘रामरंजाट’’ नामक रचना लिखि। सूर्यमल्ल मिश्रण की गणना बूँदी के पांच रत्नों में की जाती है, ये राजस्थन में नव जागरण के प्रथम कवि थे. बूँदी के महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे. सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा लिखित ग्रंथ:- धातु रूपावली, बलवद विलास,सती रासौ, छदो भमूल/छंद्दों म्यूख आदी है. इला न देणी आपणी’’ – सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा लिखित प्रसिद्ध दोहा है. इनके द्वारा लिखित वंश भास्कर – सूर्यमल्ल मिश्रण की सर्वश्रेष्ठ रचना (डिंगल भाषा में ). मुरारीदान ने इस ग्रंथ को पूर्ण रूप दिया. वीर सतसई – सूर्यमल्ल मिश्रण ने इस ग्रंथ की रचना 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम के समय की, जिसमें 1857 की क्रांति का उल्लेख किया गया है.
सत्यभामा (Satyabhama)
सत्यभामा बूँदी के स्वतंत्रता सेनानी श्री नित्यानंद नागर की पुत्रवधू थी. इन्होंने गांधीजी की मानस पुत्री भी कहते है. 1930 में नित्यानंद ने प्रथम सत्याग्रह के रूप में अजमेर में नमक कानन तोड़ा.1932 में ब्यावर (अजमेर) आंदोलन की जिम्मेदारी सत्यभामा पर थी.
किशनलाल सोनी रेलबाबा (Kishanlal Soni (Railbaba)
किशनलाल सोनी जिनको स्थानीय लोग रेल बाबा के नाम से जानते है. बूँदी में रेल लाने का श्रेय इनको दिया जाता है.
Bundi Famous Tourist Places (बूंदी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल)
- चौरासी खंभों की छत्री
- मोती महल
- रामगढ़ विषधारी अभयारण्य
- तारागढ़ का किला
- क्षार बाग
- भूराजी-का-कुंड
- बादल महल
- गढ़ पैलेस
- नवल सागर झील
- हाथी पोल
- फूल महल
- झील कनक सागर
- छत्र महल
- रणजी की बावड़ी
- शिकार बुर्ज
- सुख महल
- दभाई कुंड
- रानीजी की बोरी
- जैत सागर झील
- बूंदी किला
- गढ़ पैलेस बूंदी
- नवल सागर झील
महान साधु संतो का जीवन परिचय और अद्भुत जानकारी
1857 ईस्वी भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम और उनके वीरों की रोचक जानकारी
भारत के प्रमुख युद्ध
भारत के राज्य और उनका इतिहास और पर्यटन स्थल
Youtube Videos Links
FAQs
Ans- बूंदी शैली.
Ans- बूंदी रियासत.
Ans- बूंदी राजस्थान.
Ans- बूंदी राजस्थान.
Bundi Tourist Places Official Website Of Rajasthan
Bundi District Rajasthan history and famous tourist places
Name | Bundi |
Old Name | बृन्दावती (Brindavati) |
Nickname | Choti Kashi/City of stepwells |
Who founded | Rao Devji Hada |
when was the establishment? | 24 जून 1242 |
Geography and climate | Semi-dioecious plant |
Language | Marwadi, Rajasthani Hindi & English |
What is Bundi district famous for | The city of step-wells, the heartland of the Hadoti region, Bundi is known for its folk culture, heritage, sacrifices of heroes, painting style, defense of the motherland, forts, palaces, and temples. |
Country | India |
Bundi Tourist Places | Jait Sagar Lake, Bundi Fort, Taragarh Fort, Garh Palace Bundi, Nawal Sagar Lake, Sukh Mahal, Badal Mahal, Kshar Bagh, Chhatra Mahal, Chhatra Palace, Shikar Burj, Phool Sagar, 84 Pillared Cenotaph, Dabhai Kund, Ranji Ki Baori, Lake Kanak Sagar, Nagar Sagar Kund, Ramgarh Vishdhari Sanctuary, Hathi Pole |
Population | Approx 12 Lakh |
State | Rajasthan |
Name Of Member Of Parliament | Om Birla |
Area | 5550 वर्ग किमी |
Assembly area | Bundi, Hindoli, Keshoraipatan |
Post-Category | Bundi District Rajasthan history and famous tourist places |