Jhunjhunu Tourist Places | झुंझुनूं के पर्यटन स्थल

By | September 10, 2023
Jhunjhunu Tourist Places
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पर्यटकों की सहायता के लिए हम यहां राजस्थान के एक जिले झुंझुनू के शीर्ष पर्यटन स्थल की जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं. तो दोस्तों झुंझुनूं के अद्भुत पर्यटन स्थलों की जानकारी के लिए इस पेज को ध्यान से देखें. झुंझुनू अद्भुत पर्यटन स्थल के साथ साथ फौज और दानवीर की भूमि और पुराने किलो और भित्तिचित्रकला और उद्योगपतियों और धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है. Jhunjhunu Tourist Places के साथ हम आप को उनकी विशेषता और हिस्ट्री का वर्णन किया गया है.

झुंझुनूं भारत के राज्य राजस्थान का एक प्रमुख जिला है. राजस्थान को महलों और भवनो की धरती भी कहा जाता है, साथ ही राजस्थान तपो भूमि के नाम से जाना जाता है. यहां की धरती पर किलो,महलों और सुंदर मंदिरों की संख्या बहुत अधिक है. अतीत के राजपुताना गौरवशाली और विविध राजतंत्रो ने राजस्थान को चमकाने मे बहुत बड़ा योगदान दिया था. झुंझुनूं के पर्यटन और तीर्थ स्थल भी इसी कडी का एक हिस्सा है. वैसे तो झुंझुनूं के दर्शनीय स्थलों में अनेक स्नान है, जैसे नवलगढ़ की हवेलिया, लोहागर्ल और किरोड़ी, शाकम्बरी माता मंदिर आदि. लेकिन हम यहां आपको झुंझुनूं के टॉप आकर्षक पर्यटक और तीर्थ स्थलों के बारे में विस्तार से बताएंगे.

https://youtu.be/ahk3aCPJCcg

Rani Sati Temple Jhunjhunu(रानी सती मंदिर झुंझुनूं)

झुंझुनूं का यह ऐतिहासिक मंदिर लगभग 400 साल से पुराना है. रानी सती मंदिर एक बहुत प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है. यहाँ हर रोज हजारो लोग माता मंदिर के दर्सन करने आते है. यहाँ पर बजने वाले भजनों की आवाज आप को 3 किलोमीटर से 5 किलोमीटर दूर से सुनी जा सकती है. रानी सती मंदिर झुंझुनू में शाम के समय सर्धालुओ की बहुत जायदा भीड़ होती है. यह मंदिर झुंझुनू की पहाड़ियों के निचे स्थित है. यहाँ से आप पूरे शहर को दिखाई देता है. राणी सती मंदिर झुंझुनू में शाम के समय लोग शाम की आरती में आशीर्वाद लेने के साथ साथ सुंदर सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए भी यहां आते हैं.

Rani Sati Temple LoacationJhunjhunu(Chobari Mandi Colony, Jhunjhunu)
Rani Sati Mandir Opning TimeMorning 5 AM To 1 PM Or 3 PM To 10 PM
Jhunjhunu Rani Sati Temple Closing Time10 PM
Rani Sati Temple Contact NumberUpdate Soon
रानी सती मंदिर झुंझुनू की विस्तृत जानकारीयहाँ देखे
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Rani Sati Temple Jhunjhunu(रानी सती मंदिर झुंझुनूं)
Rani Sati Temple Jhunjhunu(रानी सती मंदिर झुंझुनूं)

Khetri Fort Jhunjhunu (खेतड़ी महल झुंझुनू)

हवा महल के नाम से प्रसिद्ध, खेतड़ी महल झुंझुनू में घूमने के लिए बहुत प्रसिद्ध जगह में एक है. विंड पैलेस के नाम से प्रसिद्ध, इस किले की जड़ें 1700 के दशक से जुडी हुई है. क्यों की इसकी स्थापना 1770 में हुई थी. खेतड़ी पैलेस शेखावाटी कला और वास्तुकला का प्रतीक माना जाता है. महल खुला खुला है जो रॉयल फॅमिली की निशानी लिए हुई है. और वास्तु कला एक एक अलग नजारा आप को यहाँ देखने को मिलेगा.

खेतड़ी महल का निर्माण खेतड़ी के महाराजा भोपाल सिंह (1735 -1771 ) ने झुंझुनू में ग्रीष्मकालीन विश्राम के लिए करवाया था. इसे शेखावाटी का हवामहल भी कहा जाता है. इसमें लखनऊ के समान भूलभुलैया और हवामहल के सामान झरोखे है. अब ये महल बिना देखभाल के जर्जर हो चूका है. इस महल के चारो को अतिक्रमण हो चूका है. और सरकार की बेरुखी के कारण पूरी तरह से जर्जर स्थति में है.

मित्रों खेतड़ी महल झुंझुनूं की सबसे सुंदर और बेहतरीन वास्तुकला में से एक है. इसे झुंझुनूं के पवन पैलेस के रूप में भी जाना जाता है. खेतड़ी महल शेखावाटी (झुंझुनू, सीकर, चूरू) क्षेत्र की पारंपरिक स्थापत्य और भवन निर्माण कला का सबसे खूबसूरत उदाहरण है. इस महल को खेतड़ी का हवामहल भी कहा जाता है. इस महल का निर्माण 1770 में खेतड़ी के तत्कालीन ठाकुर राजा भोपाल सिंह ने कराया था. भोपाल सिंह सार्दुल सिंह के पोते थे.

हवामहल खेतड़ी महल को देखकर बनाया गया था?

यह जानना अजीब है कि पवन पैलेस के नाम से जाना जाने के बावजूद प्रसिद्ध खेतड़ी महल किसी भी दरवाजे या खिड़कियों से रहित नहीं है. जयपुर के महाराजा सवाई प्रताप सिंह इतने प्रभावित थे और इस अनूठी संरचना से प्रेरित थे. कि उन्होंने 1799 में इसको ध्यान में रखते हुए ही भव्य महल हवा महल का निर्माण करवाया. दोस्तों खेतड़ी रियासत जयपुर के तहत दूसरा सबसे अमिर ‘ठिकाना’ माना जाता था.

Aathu Haveli (आठु हवेली) नवलगढ़

नवलगढ़ आजाद भारत से पहले सोने की नगरी कहलाता था. क्यों की यहाँ पुरे देश के 32 करोड़पतियों में से 22 यहाँ निवास करते थे. नवलगढ़ में लगभग 210 हवेली हुआ करती थी. जो अब कम साल संभाल की वजह से धीरे धीरे कम होती जा रही है. नवलगढ़ के नांचा गेट के पास एक जगह पर 8 हवेली है जिनको आठु हवेली के नाम से जाना जाता है.

आठु हवेली में आकर्षण सुंदर वास्तुकला और आकर्षक आंतरिक भाग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. झुंझुनू के नवलगढ़ में आठ हवेली ऐसी ही एक जगह है जो आपको बेहतरीन पारंपरिक डिजाइनों से रूबरू कराती है. इसकी दीवारों पर हिंदू देवताओं के सुंदर चित्रों से लेकर दीवारों पर शानदार और बेहद सुंदर नक्काशी की हुई है, अगर आप जब भी झुंझुनू यात्रा की योजना बनाते हैं. तो आप को आठु हवेली अवश्य जाना चाहिए. दोस्तों शाम के बाद हवेली और रंगीन और जीवंत हो जाती है जब इसके अंदरूनी भाग रंगीन रोशनी से जगमगाते हैं.

आठु हवेली लोकेशन(Aatu Haveli Location)Nawalgarh Jhunjhunu Rajasthan India
Nawalgarh More InformationAath HaveliCheck Here
आठू हवेली की स्थापना वर्ष(Establishment year of Aatu Haveli)Update Soon

Dundlod Fort (डुण्डलोद किला)

आपको ऐतिहासिक वास्तुकला के ग्लैमर देखना चाहते है. तो आप डुण्डलोद के इस किले को देख कर आप इसकी की प्रशंसा करे बिना नहीं रहेंगे. क्यों की डुंडलोद का ये किला कई खूबसूरत नक्काशी और भित्तिचित्रों से भरा हुआ है. इस किले से कई राजाओ ने राज किया है पर इसकी भव्यता और खूबसूरती आज भी आप का मन मोह लेगी. यह किला एक बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है और देश भर से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. जो चीज इसे इतना सुंदर बनाती है वह है इसकी वास्तुकला और इंटीरियर कई कलात्मक वस्तुओं से युक्त है, जिसमें शाही परिवार के लोग अपने खाली समय में बनाते थे.

डुण्डलोद गाँव ठाकुर केशरी सिंह जी ने बसाया था. तथा डुण्डलोद किले का निर्माण 1750 में तत्कालीन शेखावत राजा केसरी सिंह ने बनवाया था. डुण्डलोद (Dundlod) भारत के राजस्थान राज्य के शेखावाटी क्षेत्र के झुंझुनू ज़िले की नवलगढ़ तहसील में स्थित एक गाँव है.

Dundlod Fort Location Dundlod Near Nawalgarh Dist Jhunjhunu Rajasthan
When was Dundlod Fort established? (डुंदलोद किले की स्थापना)1750( ठाकुर केशरी सिंह )
Who founded the Dundlod Fort(डुण्डलोद किले की स्थापना किसने की) ठाकुर केशरी सिंह (Thakur Kesari Singh)
Dundload Fort Opning Timening 9:00 AM to 7:00 PM
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Lohargal (Suryakund Lohargal) लोहारगल (सूर्यकुंड लोहारगल)

झुंझुनू से लगभग ७० किलोमीटर दूर अरावली पर्वत माला की गोद में स्थित तीर्थ राज लोहार्गल सूर्यकुण्ड पुरे देश में प्रसिद्ध है लोहार्गल सूर्य मंदिर पांडवो वनवास और पश्चाताप के लिए जानी जाती है. लोहार्गल को शेखावाटी का हरिद्वार भी कहा जाता है. क्यों की सावन के महीने में शेखावाटी (सीकर ,चूरू ,झुंझुनू ) और हरयाणा से शिव भगत सूर्य मंदिर लोहार्गल से कावड़ लाते है और भगवान शिव जी को अर्पित करते है. Lohargal Nawalgarh Jhunjhunu Rajasthan वर्षा ऋतु में एक रमणीय स्थल है. दोसत वर्षा ऋतू में चारो और हरयाली से लदे पेड़ पौधे और यहाँ बंदरो के समूह पेड़ों पर उछल कुछ करते नजर आएंगे. इस लिए किरोड़ी को शेखावाटी का माउंट आबू और लोहार्गल को शेखावाटी का हरिद्वारकहा जाता है.

Lohargal (Suryakund Lohargal) लोहारगल (सूर्यकुंड लोहारगल)
Lohargal (Suryakund Lohargal) लोहारगल (सूर्यकुंड लोहारगल)

Khemi Sati Temple Jhunjhunu (खेमी सती मंदिर झुंझुनू)

खेमी सती मंदिर झुंझुनू आंतरिक वास्तुकला का प्रदर्शन और सबसे पवित्र वाइब्स से भरा हुआ है. झुंझुनू में खेमी सती मंदिर में घूमने के लिए बहुत प्रसिद्ध स्थानों में से एक है. इस मंदिर में एक सुंदर गुलाबी रंग की वास्तुकला है जो मैनीक्योर लॉन से घिरी हुई है जहाँ कोई कुछ देर बैठ कर स्थान की सकारात्मक आभा का आनंद लेता है. खेमी सती मंदिर झुंझुनू भगवान राम और सीता को समर्पित है, यह मंदिर एक बहुत प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है और सुबह और शाम की प्रार्थना के दौरान भक्तों के झुंड का झुंड लगा रहता है. यहां बजाए जाने वाले भजनों की आवाज आप को सुकून और आध्यात्मिकता के भरे बेहतरीन माहौल की और ले जाती है.

Mertani Baori(मेड़तनी जी की बावड़ी झुंझुनू)

बादलगढ़ किला झुंझुनू के उत्तर में मेड़तनी जी की बावड़ी झुंझुनू में स्थित है. झुंझुनू और शेखावाटी की सबसे सुंदर और सुरुचिपूर्ण बावड़ी के रूप में मेड़तनी जी की बावड़ी झुंझुनू का नाम आता है. The Mertani Baori का निर्माण 1783 में झुंझुनू के तत्कालीन राजा शार्दुल सिंह ने अपनी विधवा मेर्तनी के नाम ये बावड़ी बनवायी थी. Mertani Baori मूल रूप से महिलाओ के नहाने और धोने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला आरक्षित स्थान था. Mertani Baori बावड़ी एक बहुत प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण का केन्डर केन्द्र है. शाम के समय युवा यहां कुछ देर आराम करने और शांत वातावरण का आनंद लेने के लिए आते हैं.

बिसाऊ में 132 फिट ऊचे शिव मूर्ति और मंदिर

दोस्तों झुंझुनू जिले के बिसाऊ में शिव मंदिर नीलकंठ महादेव मंदिर मे 132 फीट ऊंची शिव प्रतिमा की पूजा अर्चना व जलाभिषेक हर साल हर्षो उल्लास के साथ किया जाता है. बिसाऊ में राजस्थान की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा मानी जाती है. शिव प्रतिमा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. बिसाऊ में नीलकंठ महादेव मंदिर में स्थापित शिव प्रतिमा झुंझुनूं जिले की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यहां पर जिले के आसपास के लोग और प्रवासी भी आते हैं. इस मूर्ति का शिलान्यास तत्कालीन राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने किया था.

26 फरवरी 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था. तब इसके परिसर में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई थी. उस रात्रि को प्रसिद्ध गायकार अनुप जलोटा भजन प्रस्तुत किए थे. बिसाऊ आने वाला प्रत्येक व्यक्ति प्रतिमा को नजदीक से निहारने के लिए बेताब रहता है. महाशिवरात्रि को तो सुबह से रात तक श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है. सेठ महावीर प्रसाद जटिया का अपनी जन्म भूमि से सदैव लगाव रहा था. उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सुमित्रा देवी की याद में 132 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण करवाया था. और आमजन को समर्पित कर दिया। वर्तमान में सेठ महावीर प्रसाद जटिया के बेटे अरुण जटिया प्रतिमा स्थल के रखरखाव और लोकप्रिय बनाने में जुटे हुए हैं.

बिसाऊ में 132 फिट ऊचे शिव मूर्ति और मंदिर
बिसाऊ में 132 फिट ऊचे शिव मूर्ति और मंदिर

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Frequently Asked Questions

Q- Which Are Jhunjhunu Tourist Places?

Ans- Rani Sati Temple,Sone Chandi Ki Haveli,Khemi Sati Temple,The modi and tiberwala haveli. Or Aath havelis, Khetari mahal, Dundload fort, Badalgarh Fort Jhunjhunu, Hem raj kulwal haveli, Kirodi, लोहारगल (सूर्यकुंड लोहारगल).

Jhunjhunu Dist Official Website

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