दोस्तों हम यहाँ आप के साथ शेयर कर रहे झुंझुनू जिले की वो रोचक जानकारी जो आज से पहले आप को नहीं पता होगी (Jhunjhunu Dist Amazing Facts Details). झुंझुनू जिले की विचित्र जानकारी के लिए इस पेज को ध्यान से और अंत तक पढ़े. दोस्तों झुंझुनू के फौजी अपनी बहादुरी के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है. क्यों की ब्रटिश भारत काल में ब्रटिश आर्मी में झुंझुनू के हजारो सैनिको ने भाग लिया था. झुंझुनू के फौजी वर्तमान भारतीय सेना में पुरे भारत में, जिले के अनुसार सब से अधिक फौजियों वाला जिला है. यह झुंझुनू के लोगो के गर्व की बात है. झुंझुनू निवासी बच्चे को बचपन से ही फौज की तैयारी में लगा देते है.
दोस्तों आप ये जानकर आश्चर्यचकित होंगे राजस्थान में सब से शिक्षित जिला भी झुंझुनू जिला ही है. झुंझुनू भारत में एक मात्र ऐसा जिला है. जिसके सेकड़ो ऐसे गांव है जिनके हर घर से एक और एक से अधिक फौज में है. करगिल युद्ध में पुरे देश में सब से ज्यादा फौजी झुंझुनू से शहीद हुए थे.
Summary
नाम | झुंझुनू (Jhunjhunu) |
झुंझुनूं का उपनाम | भारत का ताम्र जिला, फौजियों का जिला, शिक्षा नगरी |
झुंझुनू की स्थापना कब हुई | 1450 |
झुंझुनू किस के लिए प्रसिद्ध है | वीर फौजी/शिक्षा/उद्योगपति और पुरानी हवेली, सरकारी नौकरी |
झुंझुनू की स्थापना किसने की | झुंझार सिंह नेहरा |
झुंझुनू का क्षेत्रफल कितना है? | 5928 KM |
झुंझुनू के उद्योगपति घराने | पीरामल ,बिरला, खेतान, डालमिया, सिंघानिया, जयपुरिया,मोर, मोदी, सेकसरिया, मुरारका,भगत आदि |
History Of Jhunjhunu (झुंझुनूं का इतिहास)
“झूझो बसायो झुंझुनू, नेहरा पहाड़ की गोद, स्वस्थ, सुखी, समृद्ध रहे, सभी मनाये मोद”. झुंझुनूं का इतिहास- झुंझनु के संस्थापक के लिए दो मत है. पहला झुंझार सिंह नेहरा इन्होने झुंझुनू बसाया था. एक मत तुगलक वंस के सुलतान फिरोज़ तुगलक की हार के बाद झुंझुनू में मुस्लिम कायमखानी वंशज आये. कहते हैं कायम खान के बेटे मुहम्मद खान ने झुंझुनू में अपना राज्य कायम किया. इसके बाद लगातार 250 वर्ष से अधिक समय तक यह क्षेत्र कयामखानियों के अधिपत्य में रहा. दूसरा मत ये है की उल्लेख यह भी मिलता है की सन 1451-1488 के बीच झुन्झा नामक जाट ने झुंझुनू को बसाया था.
झुंझुनू का अन्तिम कयामखानियों शासक नवाब रुहेल खान जो आस-पास के अपने ही वंश के नवाबों से प्रताड़ित हो चूका था. रुहेल खान ने राव ठाकुर शार्दूल सिंह शेखावत की सहायता ली. रुहेल खान की मृत्यु के बाद विक्रम सम्वत 1787 में झुंझुनू पर शेखावत राजपूतों का राज हो गया था. जो जागीर अधिग्रहण और भारत आजाद होने तक चलता रहा. शार्दूल सिंह के निधन के बाद उसके पाँच पुत्रों जोरावर सिंह, किशन सिंह, अक्षय सिंह, नवल सिंह और केशरी सिंह के बीच झुंझुनू ठिकाने का विभाजन हुआ. यही पंच्पना कहलाया. कालान्तर में राव शेखा के राज क्षेत्र से शेखावाटी पड़ा जिसमे सीकर चूरू और झुंझुनू जिले आते है.
झुंझुनू के व्यवसायी और उनके आश्चर्यजनक तथ्य
दोस्तों आप ये जानकर आश्चर्यचकित होंगे राजस्थान और भारत और दुनिया के बड़े व्यवसायी भी झुंझुनू से ही निकले है. जैसे बिरला घराना पिलानी और भारत के सब से बड़े उद्योगपति मुकेश अम्बानी की बेटी ईशा अम्बानी से शादी करने वाले आनंद पीरामल भी झुंझुनू के पास छोटा क़स्बा है बगड़ वहा के रहने वाले है. और भी बहुत से नाम है जैसे डालमिया ग्रुप, डाबर, तापड़िया ,मोदी ग्रुप, खेतान ग्रुप, सिंघानिया ग्रुप और जयपुरिया ग्रुप, मोर ग्रुप भी नवलगढ़ झुंझुनू से है. आजाद भारत से पहले भारत के 32 करोड़पति में 22 नवलगढ़ झुंझुनू से थे. इस लिए नवलगढ़ को शेखावाटी की सोने की नगरी भी कहते है.
दोस्तों क्या आपको पता है, भारत का पड़ोसी देश नेपाल में झुंझुनू चूरू और सीकर के व्यपारियो का वर्चवस है. एक अनुमान के अनुसार नेपाल का 90% और वेस्ट बंगाल का लगभग 70% और मुंबई का लगभग 40% और बेंगलोरे और भारत की बड़े शहरो का लगभग बिज़नेस झुंझुनू और शेखावाटी के व्यापारियों के अधीन है. इसलिए झुंझुनू जिले को व्यापारियों की जननी भी कहा जाता है.
झुंझुनू किस लिए प्रसिद्ध है? (Jhunjhunu famous for?)
वैसे तो झुंझुनू के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि रही है. हम यहाँ झुंझुनू के कुछ अद्भुत फैक्ट आप के साथ साझा कर रहे है.
- वीरता और फौज के सैनिकों की भूमि है झुंझुनू.
- भारत में सब से जायदा सैनिक है झुंझुनू जिले से.
- राजस्थान का सब से शिक्षित जिला है झुंझुनू.
- मारवाड़ी बड़े उद्योगपतियों की जन्म भूमि है झुंझुनू.
- शिक्षा का गढ़ है झुंझुनू.
- लोहार्गल धार्मिक स्थल के लिए फेमस है झुंझुनू.
- भारत के जिले के अनुसार सब से ज्यादा शहीदों वाला जिला है झुंझुनू.
- राजस्थान की ताम्रनगरी खेतड़ी झुंझुनू में है.
- राजस्थान के हर सरकारी विभाग में और ज्यादा सरकारी नौकरी वाला जिला है झुंझुनू.
- झुंझुनू.भारत में सब से बड़ा सती माता मंदिर भी झुंझुनू में है.
- राजस्थान के में से ज्यादा नगरपालिका वाला जिला है झुंझुनू.
- झुंझुनू चिड़ावा के पेड़ो के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है.
- नवलगढ़ और डूंडलोद की पुराणी हवेली पर पेंटिंग के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है झुंझुनू.
- शाकम्बरी माता ,मंशा माता और अरावली पर्वत माला के लिए जाना जाता है झुंझुनू.
- गोटे की कारीगरी के भी प्रसिद्ध है झुंझुनू.
What was the name of the largest Nizam of Jaipur state?>>>>> Shekhawati!!
राजस्थान के जिलों का इतिहास और पर्यटक स्थल और रोचक जानकारी
जयपुर राज्य की सबसे बड़ी निजामत का क्या नाम था?
कहा जाता है की जयपुर राज्य की सबसे बड़ी निजामत शेखावाटी झुंझुनू ,सीकर ,चूरू थी. शेखावाटी निजामत का कार्यालय झुंझुनू में था. शेखावाटी में एक अंग्रेज ऑफिसर मजोर हेनरी फोस्टर ने झुंझुनू में शेखावाटी ब्रिगेड नाम से सेना की टुकड़ी बनायीं थी जिसमे झुंझुनू सीकर के सैनिक काम करते थे. वर्तमान में ये जगह ताल झुंझुनू जाते समय रास्ते में आती है जिसे छावनी बाजार भी बोलते है.
स्वामी विवेकानंद जी जब विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो अमरीका गए थे तो खेतड़ी झुंझुनू के राजा ने उनके पुरे टूर का खर्ज वहन किया था. तथा उनसे प्रभावित हो कर उनको यही आश्रम और रहने को कहा गया था.स्वामी विवेकानंद जी का आश्रम आज भी खेतड़ी में मौजूद है.
नवलगढ़ का इतिहास
Famous people of Jhunjhunu? (झुंझुनूं के प्रसिद्ध लोग?)
वैसे तो झुंझुनू जिले से निकल कर बहुत लोगो ने पूरी दुनिया में नाम कमाया है. हम यहाँ कुछ लोगो के बारे में आप के साथ जानकारी शेयर कर रहे है. अच्छी लगे तो कृपा हमे कमेंट बॉक्स में बताये.
आचार्य महाप्रज्ञ– आचार्य महाप्रज्ञ जैन धर्म के संत थे. इनका जन्म झुंझुनू जिले के टमकोर गांव में हुआ था. टमकोर को संतो और साध्वियों की खान भी कहा जाता है. टमकोर गांव से अब तक 32 संत हो चुके है. आचार्य महाप्रज्ञ और भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री मान अब्दुल कलाम जी लिखित पुस्तक का नाम है- फैमिली एंड द नेशन बहुत फेमस है.आचार्य महाप्रज्ञ ने 300 से ज्यादा पुस्तके लिखी जो अलग अलग विषय पर है. आध्यात्मिक और योग और मन की शांति और साइंस पर लिखी इनकी पुस्तके पूरी दुनिया में पढ़ी जाती है.
- आचार्य महाप्रज्ञ-आचार्य महाप्रज्ञ को आधूनिक भारत का विवेकानंद भी कहा जाता है.
- राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर ने आचार्य महाप्रज्ञ को लेकर कहा था- महाप्रज्ञ आधुनिक विवेकानंद हैं. हमने विवेकानंद को नहीं देखा है, उनके बारे में सिर्फ पढ़ा और सुना है. लेकिन अब हम विवेकानंद को उनके विजन के जरिए देख सकते हैं.
- भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री श्री नरेंदर मोदी जी आचार्य महाप्रज्ञ के बहुत बड़े प्रशंक है. और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी आचार्य महाप्रज्ञ को लेकर अक्सर कहते थे- मैं महाप्रज्ञ के साहित्य का बहुत बड़ा प्रेमी हूं.
बिड़ला समूह(Birla Group)
बिड़ला परिवार की मुख्य नीव शुरू होती है सेठ शोभाराम जी बिड़ला जो राजस्थान के झुंझुनू जिले में पिलानी के रहने वाले थे. सेठ शोभाराम जी बिड़ला के पहले बेटे शिव नारायण बिड़ला ने बिजनेस की नींव रखी थी. शिव नारायण जी ने सबसे पहले कॉटन की व्यापार से शुरुआत की थी. सन 1863 में मुंबई शिफ्ट होने के साथ ही उन्हें एक ट्रेडिंग हाउस की स्थापना की. इसके बाद उनके बेटे बाल देवदास बिड़ला ने कोलकाता में अपना बिजनेस सेटअप लगाया. बाल देवदास के चार बेटे थे. जेडी बिड़ला, आरडी बिड़ला, जीडी बिड़ला और बीएम बिड़ला. जेडी बिड़ला को आधुनिक भारत का सच्चा देश भगत और प्रसिद्ध व्यापारी माना जाता है .
श्री घनश्यामदास बिरला
Shree घनश्यामदास बिड़ला ने अपने ससूर की मदत से 1912 में किशोरावस्था में ही अपने ससुर एम. सोमानी की मदद से दलाली का व्यवसाय शुरू कर दिया था. घनश्याम दास बिड़ला जी ने 1918 में ‘बिड़ला ब्रदर्स’ की स्थापना की इसके बाद बिड़ला ग्रुप ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा एक के बाद एक पुराणी कंपनी और नए उद्योग धंदे बढ़ते गए.
घनश्यामदास बिड़ला उद्योगपति और स्वतंत्रता सेनानी थे. इन्होने भारत की आजादी के लिए बहुत दान दिया एक अनुमान के अनुसार बिड़ला जी ने लगभग 20 करोड़ रूपये भारतीय की कांग्रेस पार्टी और अन्य सस्थानो को दिए. इनका जन्म राजस्थान के झुंझुनू जिले के पिलानी जगह पर हुआ था. इनकी लिखी हुई प्रमुख किताबे “गांधीजी के साथ पंद्रह दिन” “गांधीजी की छत्र छाया” और मार्सेलस से जनेवा” हम पराधीन क्यों” राड़ की जड़ हसीं” रूपये की कहानी, बिखरे विचारो की भरोटी, कृष्ण वंदे जगतगुरु तथा विधार्थी जीवन थी.
भारत के पहले नोबेल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिक श्री C.V रमण 1920 में जिन दिनों अपना शोध कार्य करने के लिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. तब घनश्यामदास बिड़ला जी ने उनको 20000 हजार रूपये दिए थे. जिनकी बदौलत C V रमण ने नोवेल पुरस्कार जीता था.
परमवीरचक्र श्री पीरू सिंह शेखावत
कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह (श्री पीरू सिंह शेखावत) भारतीय सेना का सब से बड़ा वीरता पुरस्कार परमवीरचक्र आजाद भारत के पहले पांच लोगो को मिला उनमें से पहले थे परम वीर मेजर पीरु सिंह. इनका जन्म झुंझुनू जिले के बेरी गांव में 20 मई 1918 को एक सामान्य राजपूत परिवार में हुआ था.
रामकृष्ण डालमिया का जन्म कहाँ हुआ था? (Where was Dalmia born?)
रामकृष्ण डालमिया का जन्म सन 7 अप्रैल 1893 में राजस्थान के झुंझुनू जिले के चिड़ावा कस्बे में एक गरीब परिवार में हुआ था. पांचवी कक्षा तक की पढाई के बाद अपने पिता और मामा के साथ कलकत्ता आ गए. रामकृष्ण डालमिया जी कलकत्ता में शुरू में दलाली का काम किया धीरे धीरे सटे में पैसे लगाने लगे. सटे से इनके पैसे गए और बदनामी मिली. एक बार एक पंडित ने हाथ देख कर रामकृष्ण डालमिया को सात दिन में लखपति बन जाओगे कहा. हुआ भी ऐसा ही ब्रिटिश सरकार ने चांदी की पॉलिसी में कुछ चेंज करे. इसका फायदा रामकृष्ण डालमिया को हुआ और इन्होने अपनी जान पहचान से लंदन स्टॉक एक्सचेंज में चांदी बुक करा दी और 7 दिन में इनको डेढ़ लाख का फायदा हुआ.
इसके बाद रामकृष्ण डालमिया जी कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. जिस व्यापार में हाथ आजमाते वो उनको करोड़ो कमा के देता. सन 1920 से 1945 रामकृष्ण डालमिया देश के बहुत बड़े व्यापारी बन चुके थे. रामकृष्ण डालमिया कटर हिन्दू थे उन्होने गायों के न काटने वाले बिल के लिए देश में बिगुल फुका वे हिन्दू कॉड बिल के खिलाफ थे. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंदर प्रसाद और रामकृष्ण डालमिया जी हिन्दू कॉड बिल के खिलाफ थे.
श्री रामकृष्ण डालमिया की पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जीना की बहन फातिमा से नजदीकियां!
रामकृष्ण डालमिया जी की बेटी नीलिमा की लिखी किताब के अनुसार रामकृष्ण डालमिया ने 6 शादी करी. और उनकी नजदीकी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जीना की बहन फातिमा से भी थी जो अकेली रहती थी. रामकृष्ण डालमिया की दोस्ती पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद जीना से भी थी. मोहम्मद अली जीना के 7 August 1947 भारत से जाने से पहले अपने दोस्त रामकृष्ण डालमिया को दिल्ली वाला घर 2.50 लाख में बेच कर गए थे. बाद में रामकृष्ण डालमिया ने इस घर को नीदरलैंड सरकार को बेच दिया था.
रामकृष्ण डालमिया की पंडित नेहरू से दुश्मनी और अर्स से फर्स तक की कहानी!
कहा जाता है कि तत्कालीन देश के प्रधान मंत्री पंडित जवार लाल नेहरू अपनी बेटी इंद्रा गाँधी को उसके पति फिरोज गाँधी से तलाक दिलाने के लिए हिन्दू कॉड बिल ले कर आये जिसका विरोध रामकृष्ण डालमिया और डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने इस बिल को रिजेक्ट कर दिया था. इसी क्रम में रामकृष्ण डालमिया जी ने गावउ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए बिल की मांग की गयी. प्रतिरोध की भावना से रामकृष्ण डालमिया पड़ी और उन पर टैक्स चोरी के आरोप लगे और उनको जेल में डाल दिया. जब रामकृष्ण डालमिया बहार आये उनका पूरा व्यपार का साम्राज्य खत्म हो चूका था. उनको अपनी बड़ी बड़ी कंपनी को कोड़ी के भाव बेचनी पड़ी थी. 26-9-1978 को रामकृष्ण डालमिया का निधन हो गया.
क्या झुंझुनू शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है?
हा झुंझुनू शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है क्यों की यहाँ बहुत पहले से शिक्षा का बीज यहाँ के बड़े बड़े उद्योगपतियों ने बो दिए थे. राजस्थान का पहला निजी महाविद्यालय 1921 में झुंझुनू के नवलगढ़ में पोद्दार ग्रुप ने बनाया था. इसके ट्रस्टी माहत्मा गाँधी भी थे. झुंझुनू के बिट्स पिलानी पूरी दुनिया में एजुकेशन क्वालिटी के लिए जानी जाती है. इसी कर्म में पीरामल परिवार ने भी आजाद भारत से पहले ही आवासीय स्कूल और कॉलेज बगड़ झुंझुनू में शुरू कर दी थी. झुंझुनू के चिड़ावा निवासी डालमिया जी ने भी स्कूल और कॉलेज का निर्माण कराया था. जयपुरिया और मोर ग्रुप और बहुत उद्योगपतियों में झुंझुनू में स्कूल और कॉलेज बहुत पहले बना दिए थे. जिस से ये चेन धीरे धीरे आगे बढ़ रही है. इस लिए झुंझुनू को शिक्षा नगरी भी कहते है.
झुंझुनू में घूमने लायक जगह कौन कौन सी है?
वैसे तो झुंझुनू राजस्थान में अपनी अलग पहचान रखता है. यहाँ घूमने लायक जगह में नवलगढ़, मंडावा, मुकनगढ़, डूंडलोद, झुंझुनू, चिड़ावा, सूरजगढ़ की पुरानी हवेलिया आपके मन को मोह लेंगी. साथ यहाँ महाभारत कालीन लोहागर्ल और किरोड़ी तीर्थ स्थल है. इसके आलावा यहाँ झुंझुनू शहर में स्थित दादी रानी सती का मंदिर है जो पूरी दुनिया में सती मंदिर में सबसे बड़ा और भव्य मंदिर है. जिसके दर्सन के लिए देस विदेश से लाखो लोग आते है. झुंझुनू के खेतड़ी में स्थित किला और स्वामी विवेकानंद जी का आश्रम देखने लायक है जगह है. और हाल ही में झुंझुनू बगड़ रोड पर स्थित जोहड़ में हिरण छोड़े गए है. जो आने वाले समय में पर्यटक यहाँ पर सफारी का आनंद भी ले पाएंगे.
झुंझुनू के प्रमुख पर्यटक स्थल
- राणी सती मंदिर झुंझुनू
- लोहार्गल जहाँ पांडवो ने मुक्ति पायी
- पंचदेव मंदिर
- खेतड़ी महल झुंझुनू
- बादलगढ़ किला
- नेहरू पार्क
- बिसाऊ का शिव मंदिर
- शहीद भगत सिंह पार्क
- मरतानी जी की बावरी
- बंधे का बालाजी मंदिर
- पोदार हवेली संग्रहालय नवलगढ़
- कमल मोरारका हवेली संग्रहालय नवलगढ़
- बिरला साइंस सेंटर पिलानी
- मंडावा की हवेलियां
- नवलगढ़ की हवेलियां
- स्नेही राम लाड़िया हवेली मंडावा
- नवलगढ़ की आठो हवेलियां
Jhunjhunu Top College Name?
Best College In Jhunjhunu Is Listed Here For Visitor Knowledge.
- Kanoria College, Jhunjhunu.
- BITS PILANI.
- Poddar College Nawalgarh Jhunjhunu.
- Singhania University, Jhunjhunu.
- Jagdishprasad Jhabarmal Tibrewala University Jhunjhunu.
- Keystone Group of Institutions, Jhunjhunu.
- Shekhawati Engineering College – [SEC], Jhunjhunu.
- Seth Motilal College, Jhunjhunu.
- Seth Gianiram Bansidhar Podar College, Jhunjhunu.
What Is Jhunjhunu Dist Tahsil Name Or Tahsil Wise MLA Name And Politics Party Name?
Tahsil Name | MLA Name | Politics Party Name? |
Jhunjhunu | Brijendra Singh Ola | INC |
Nawalgarh | Dr. Rajkumar Sharma | INC |
Pilani | जेपी चंदेलिया(JP Chandeliya) | INC |
Surajgarh | Subhash Poonia | BJP |
Udaipurwati | Rajendra Singh Gudha | INC |
Khetari Copper | Dr. Jitendra Singh | INC |
Mandawa/Malsisar | Rita Chaudhary | INC |
How Much Tahsil Or Village In Jhunjhunu
झुंझुनू में कुल आठ तहसीलें है, जिनके नाम नीचे सूचीबद्ध हैं.
तहसील | गांव |
बुहाना | 138 Village |
नवलगढ़ | 111 Village |
झुंझुनू | 279 Village |
उदयपुरवाटी | 95 Village |
खेतड़ी/ कॉपर | 106 |
चिरावा | 216 |
मालसीसर | Update Soon |
सूरजगढ़ | Update Soon |
फौज और फौजियों के लिए भारत में कौन सा जिला प्रसिद्ध है?
राजस्थान का पूर्व दिशा में स्थित एक जिला है जिसका नाम है झुंझुनू. झुंझुनू पुरे देश में आर्मी थल सेना, वायु सेना,भारतीय नौसेना और अर्धसैनिक में सैनिको की बाहदुरी के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है. दोस्तों आजाद भारत में सेना के वीरता का सब से बड़ा पुरुस्कार परमवीरचक्र भी झुंझुनू के मेजर पीरू सिंह शेखावत को मिला था. झुंझुनू जिले के सैनिक देश के विभिन छेत्र और परिस्थिति सेवा देने के लिए जाने जाते है.
महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी
1857 की क्रांति के महान वीरों की जीवनी
भारत के प्रमुख युद्ध
भारत के राज्य और उनका इतिहास एवं उनकी घूमने लायक जगह
FAQs
Ans- झुंझुनू जिले के खेतड़ी कॉपर जगह पर ताम्बे की खाने है इस लिए खेतड़ी को राजस्थान ताम्र नगरी भी कहते है.
Ans- झुंझुनू जिले के नवलगढ़ शहर को शेखावाटी की स्वर्ण नगरी कहते है. कहा जाता है की आजाद भारत से पहले भारत के 32 करोड़पति लोगो में 22 नवलगढ़ से थे.
Ans-झुंझुनू जिले में हर गांव और शहर में आजादी से पहले की स्कूल और कॉलेज थी और यहाँ की शिक्षा के लिए उत्तरप्रदेश,बिहार और मध्यप्रदेश हरयाणा और राजस्थान के अन्य जिलों से भी बच्चे पढ़ने आते है.
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Ans- पुरे भारत में जिले के अनुसार देखे तो झुंझुनू जिला सब से ऊपर आता है. झुंझुनू जिले में ६०००० हजार से जायदा Fooji रिटायर्ड हो कर आ चुके है और झुंझुनू में सेकड़ो ऐसे गांव है जिनके हर घर से भारतीय सेना में नौकरी है.
Ans- धनुरी झुंझुनू का वो गांव है जिस में लगभग हर घर से फौज में है और धनुरी को शहीदों का गांव भी कहते है. ये गांव झुंझुनू से लगभग 16 किलोमीटर दूर है.
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Ans- लोहार्गल सूर्य मंदिर के कुंड को शेखावाटी का हरिद्वार भी कहा जाता है.
Ans- झुंझुनू जिले का वर्तमान सांसद श्रीमान नरेंद्र जी खीचड़ है जो भारतीय जनता पार्टी से चुनाव जीते है.
Ans- Mandawa Tehsil MLA Name Rita Choudhary hai.
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