स्कूली जीवन का पहला और आखिरी दिन यादगार क्यों होता है?
School memories and life: दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि एक मनुष्य को स्कूल का अपना पहला दिन और स्कूल में अपना आखिरी दिन हमेशा याद रहता है. क्यों की बच्चा पहला दिन याद करता है क्योंकि वह रोता हुआ आया था. और आखिरी दिन एक छात्र याद करता है, क्योंकि वे फिर से रोते हुए स्कूल छोड़ते हैं. दोस्तों मेरे मामले में, मुझे स्कूल में अपना पहला दिन और स्कूल में अपना आखिरी दिन स्पष्ट रूप से याद है. स्कूली जीवन की खुशियाँ और सरारते निश्चित रूप से अनगिनत हैं. दरअसल, स्कूल के दिन हमारे जीवन के सबसे अच्छे दिन होते हैं. ये बात हमे स्कूल छोड़ने के बाद पता चलती है.
School Life Memories
School memories and life: दोस्तो, आप सब जानते ही होंगे. स्कूल की यादें और स्कूल वाला जीवन हर व्यक्ति अपने जीवन में बार बार याद करता रहता है. और ये अक्सर तब होता है जब व उस जगह से सालो बाद गुजरता है या फिर अपने क्लास और स्कूल के दोस्त मिलते है. तो दोस्तों हम यहाँ शेयर करेंगे स्कूल की वो यादगार खट्टी मीठी यादें और बाते जिसको पढ़ कर आप अपने स्कूल जीवन में वापस चले जाओगे.
दोस्तों हमारे शास्त्रों में बच्चों को भगवन का रूप बुलाते है. क्यों की बच्चे मन के सच्चे और ईमानदार होते है. जो ईमानदार और सच्चा होता है वो भगवन का ही रूप होता है. दोस्तों आप और हमे अच्छे से याद है स्कूल जाने से पहले माँ हमे ढूंढ कर पकड़ कर नहलाती थी. उस के बाद खाने के के रूप में कभी कभी थपड़ पड़ती थी जब स्कूल जाने में आनाकानी करते थे तब. और पच्चास पैसे रोने के बाद मिलते थे. पैसे ले कर घर से अपने आस पडोसी और बड़े भाई बहनो के साथ चुप चाप स्कूल के लिए निकलना और रास्ते में माँ के दिए हुए 50 पैसो को बार बार देखना की पड़ तो नहीं गए है.
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घर से स्कूल के बीच बातें (talk from home to school)
Talk from home to school #School memories and life : रास्ते में अपने साथियों को अपने घर में जो नया आया है उसके बारे में बताना. जैसे मेरे घर नया स्कूटर आया है, मेरे घर नया टीवी आया है, या मेरे मामा ने मुझे नयी ड्रेस ला कर दी और हमारे घर आज चूरमा और कोई अच्छा पकवान बनेगा में कल तुम्हारे लिए भी लावुगा या लावुगी. और इस बार मेले में हम सब अपने पापा या चाचा के साथ जायेगे और कुल्फी और क्रीम वाली आइस्क्रीम का मजा लेंगे. मेले में जाने के आने के बाद सप्ताह भर मेले की बात होती थी. रास्ते में Poo Poo की आवाज के साथ निकलते थे. और एक दूसरे को झूले और गुब्बारे और अपने खिलोने की बात और अपना खिलौना सब से अच्छा है बताने की होड़ होती थी.
स्कूल जल्दी जाने की होड़ और लेट होने की सजा
Competition for going to school early and punishment for being late: बच्चो के स्कूल जल्दी जाने की एक होड़ सी होती थी कुछ को छोड़ कर. सब से पहले स्कूल पहुंच कर अपने लिए सुन्दर सी निचे बिछाने के लिए दरि ढूंढ़ना और उसको छुपाना और स्कूल घंटी बजाना. स्कूल में मास्टर जी आते ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना. और प्रार्थना बोलने में आगे जाने का डर से बचने के लिए सब से पीछे लाइन में लगना. प्रार्थना के समय एक दूसरे को कंकर पत्थर मारना और इंजाम दूसरे पर जड़ना.
विधालय में प्रार्थना में देरी तभी होती थी जब सब के सामने न्यूज़ पेपर पढ़ना हो या फिर प्रतिज्ञा बुलवानी होती थी या फिर रास्ते में कोई जादूगर या खेल दिखाने वाले को देखने लग जाते थे. स्कूल टाइम में हमारा सब से बड़ा एक बहाना होता था पेट में दर्द हो रहा था इस लिए लेट हो गया या गयी.
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क्लास की मस्ती और पिटाई (Classroom fun and spanking)
बच्चों की सघर्ष की कहानी शुरू होती है क्लास टीचर के गृह-कार्य से. अगर आप का गृह-कार्य पूरा है आप सब से पहले मास्टर जी के पास जाते हो. और जिनका गृह-कार्य पूरा नहीं वो बच्चे मास्टर को याद न दिलाने की कसमे खिलाते थे. पर हर क्लास में एक और दो बच्चे ऐसे जरूर होते है जो मास्टर को याद दिलाते है. सर आज कॉपी चेक(गृह-कार्य) करनी है या फिर सर आज सब से ये पाठ पूछना है. और बच्चो को सब से जायदा मजा तब आता था. जब जिस ने मास्टर जी को याद दिलाया और उसकी भी पिटाई हुई. फिर होता था चिढ़ाने का दौर शुरू जो पुरे सप्ताह चलता था.
क्लास में एक दो बच्चे ऐसे होते थे जो मास्टर जी के लिए डंडे की वयवस्था करते थे. और किसी दिन वही पिट जाता तो फिर जो फिर चिढ़ाने का मजा अब कही नहीं मिलता. दोस्तों आप को याद होगा स्कूल जीवन में एक बार तो किसी से लड़ाई छेड़ कानि पर आप ने मास्टर जी से मार खायी होगी. जैसे किसी की दरी या टेबल पर कब्ज़ा करने को लेकर, ख़िताब फाड़ने के आरोप में या फिर जूठी शिकायत करने पर.
बहाने और छुट्टी
excuses and vacation: दोस्तों बहाने और छुट्टी हर स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा अलग अलग करता है जैसे ?. हर क्लास के बाद बाथरूम जाने का बहाना. किसी साथी को देख कर बाथरूम के लिए छुट्टी मांगना. और क्लास का मॉनिटर होने पर क्लास चुप कराने की कोसीस करना पर बच्चो के चुप न होने पर बच्चो के ब्लैक बोर्ड पर नाम लिखना. मास्टर के आने से पहले क्लास चुपचाप हो जाना.
साथ मिल कर खाना
Eat together: स्कूल का टाइम जल्दी होने की वजह से घर वाले बच्चो के लिए जल्दी जल्दी में चटनी और चीनी और रोटी को टिफिन में पैक करके भेज देते थे. अब को तो पता ही होगा बचपन में चीनी और रोटी का स्वाद का अलग मजा होता था. अब एक दूसरे की रोटी चुरा कर खाना और चुपके से आचार गायब करना.
स्कूल की छुट्टी और रास्ते की बाते और मस्ती
दोस्तों आप को याद होगा स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर तक पहुंचने में कितना टाइम लगता होगा. वैसे तो पुरे दिन से थक जाते थे पर स्कूल से घर जाने के बीच जो मस्ती होती थी. वो आज भी आँखों के सामने याद आती है. जैसे किसी फल दार पौधे के फल तोड़ना वो भी उसके मालिक के बिना. पता चलने पर वहा से भाग जाना. रास्ते में पानी पीने के लिए जल्दी जल्दी जाना और नल पर अपना अपना नंबर लगाना और हेडपम्प दबाने का नंबर लगाना. रास्ते में कोई भी अनजान मिले उसे राम राम कहना और घर पहुंचने से पहले कल स्कूल आ आना पड़े के लिए प्लान बनाना जैसे: में बोल दुगा भुखार, तुम पेट दर्द और फिर पतंग उड़ायेंगे आदि.
School memories and life
दोस्तों जिन किसी ने स्कूल टाइम एन्जॉय किया उसने जिंदगी जी ली. स्कूल टाइम में कोई टेंसन नहीं होती है. जैसे जैसे हम बड़े होते जाते है जीवन उतना ही मुश्किल और समस्याओं में घिरता जाता है. इस लिए फिर हमे अपने स्कूल के दिन और दोस्त याद आते है. दोस्तों स्कूल के दोस्त जिंदगी भर याद भी रहते है और सुख दुःख में काम भी आते है. सही मायनो में स्कूल वाले दोस्त ही सच्चे दोस्त होते है. क्यों की आप ने उनको बचपन से देखा है और परखा है. अपनी लाइफ को वापस रिफ्रेश करने के लिए कभी कभी अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बैठना चाहिए. क्यों की वो मास्टर और मेडम की बाते होगी जो पहले गुजर चुकी है और वो खट्टी मिट्टी यादे बहार आती है जिनको आप भूल चुके हो.
Remember Points Of School Life?
- अपने मास्टर और मेडम के उपनाम निकालना जैसे मधुमक्खी,चसमिस , ऑन्टी, अंकल, लोट्यो, टकलू,tub light, हाथी आदी.
- स्कूल जाते और आते समय मेले की बातें.
- चुपके से किसी का खाना.
- स्कूल की घंटी बजाने की होड़.
- कॉपी किताब के नाम पर अपने खर्च के पैसे घरवालों से लेना.
- नयी ड्रेस के लिए रो रो कर घरवालों को मनाना.
- रोटी और चीनी के साथ खाना खाना.
- आइस्क्रीम वाले कोआइस्क्रीम के लिए अपनी बुक बेच देना.
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FAQs
Ans- Yes because the first and last day of school life is memorable. On the first day also we come crying and the last day of school makes us cry. Because at that time there is an emotion of school memories with us.