जोधपुर क्षेत्र के छोटे से गाँव डाबड़ा में किसान सम्मेलन की तैयारियाँ चल रही थी। गाँव-गाँव से किसान डाबड़ा में एकत्रित हो रहे थे। लाडनूं तहसील, नागौर से किसानों के साथ श्री चुन्नीलाल शर्मा भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए वहाँ आये। कहते हैं लोक परिषद् द्वारा इस सम्मेलन के आयोजन की घोषणा करने के साथ ही क्षेत्र के जागीरदारों ने भी सैंकड़ों हथियार बन्द लोगों को गढ़ में इकठा कर लिया था। जोधपुर में जागीरदार द्वारा सैन्य बलएकत्र करने की सूचना पहुँच गई थी। सभी यह समझ रहे थे कि जागीरदार लोग आन्दोलन का सशक्त विरोध करेंगे, अतः डाबड़ा का किसान सम्मेलन स्थगित कर दिया जाये। किन्तु आजादी के दीवाने भला छोटे-मोटे तूफानों से कब डरते हैं। जोधपुर से ही श्री नरसिंह कछवाहा, मथुरादास माथुर, द्वारकादास पुरोहित, राधाकृष्ण लाल, बंशीधर ज्वाला, छगनराज और किशनलाल शाह सम्मेलन में भाग लेने हेतु डाबड़ा जा पहुँचे।
Biography of Chunilal Sharma
श्री चुन्नीलाल शर्मा का जन्म नागौर जिले के लाडनूं तहसील के गांव निम्बी जोधा में इनका जन्म हुआ था. आपके पिताजी का नाम पण्डित उमाराम था. ये बचपन से ही देश में हो रहे हत्याचारों से अपने दिल में बदले की भावना ले बैठे थे. मारवाड़ रियासत के डीडवाना परगने के गांव डाबड़ा में 13 मार्च 1947 को आजादी की लङाई में सामंतशाही जुल्म के खिलाफ लङते हुए शहीद हुए पंचवीर में श्री चुन्नीलाल शर्मा भी थे, पंचवीर में रामूराम चौधरी (लाडनूं), रूघाराम चौधरी (लाडनूं), पन्नाराम चौधरी (डाबड़ा), नंदाराम चौधरी (अड़कसर), चुन्नीलाल शर्मा (निंबी जौधा) थे.
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स्वतंत्रता सेनानी चुन्नीलाल शर्मा के सामन्तों से लड़ाई और जीवन बलिदान
सम्मेलन के आरम्भ होने पर वहाँ कुछ सशक्त लोग आ पहुँचे और उन्होंने लड़ना प्रारम्भ कर दिया। लकड़ी और अन्य शस्त्रों का खुलकर प्रयोग हुआ। कई लोग घायल हुए, जिनमें जोधपुर से आये नेतागण भी शामिल थे। इस घटना में श्री चुन्नीलाल शर्मा के 3 गोलियाँ लगीं। वे वहीं ढेर हो गए। क्षेत्र के जागीरदारों की आँखों में कांटों की तरह चुभने वाले शर्मा वहीं शहीद हो गये। चुन्नीलाल शर्मा के साथ डाबड़ा में पाँच और किसान शहीद हुए तथा अनेक घायल हुए। श्री शर्मा का जन्म नींबी जोधो गांव के एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पण्डित उमाराम के पुत्र श्री शर्मा बहुत समझदार व्यक्ति थे। उन्होंने स्वयं अपनी आँखों से किसानों की दुर्दशा और सामन्ती जुल्म को देखा और अनुभव किया था। अपनी और अपने किसान भाइयों की दुर्दशा सुधारने के लिए उन्होंने किसानों को संगठित कर सम्मिलित प्रयास करने का निश्चय किया।
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FAQs
Ans- चुन्नीलाल शर्मा राजस्थान के नागौर जिले के लाडनू तहसील के गांव निम्बी जोधा के रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्होने किसानों की आवाज सामन्तो के खिलाफ उठाई थी, श्री शर्मा जी का डाबड़ा गांव में जीवन बलिदान आज तक लोगो की जहन में है.