Biography of Master Shri Bholanath Ji || मास्टर भोलानाथ जी

By | August 13, 2023
Biography of Master Shri Bholanath Ji
Biography of Master Shri Bholanath Ji

Biography of Master Shri Bholanath Ji- दोस्तों 1938 में अलवर में राज्य प्रजा मण्डल की स्थापना हुई और स्वतंत्रता आन्दोलन का श्री गणेश हुआ। राज्य प्रशासन ने आन्दोलन को कुचलने के लिए श्री लक्ष्मण स्वरूप त्रिपाठी, श्री इन्द्रसिंह आजाद, श्री हरिनारायण शर्मा, श्री नत्थूराम मोदी आदि क्षेत्रीय नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और लम्बी सजाएँ देकर जेल में बन्द कर दिया। प्रमुख नेताओं के जेल चले जाने के साथ ही अलवर प्रजा मण्डल में मास्टरजी का समय आरम्भ हुआ।

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Biography of Master Shri Bholanath Ji

Biography of Master Shri Bholanath Ji

अलवर में जन्में श्री भोलानाथ जी बी.ए पास करके अध्यापन कार्य में लग गए। क्षेत्रीय नेताओं के सम्पर्क में आने से आप में राष्ट्र-भक्ति की भावनाओं का उदय हुआ । फलतः वे राजकीय सेवा से मुक्ति पाकर जन आन्दोलन में शामिल हो गए। उन्हीं दिनों कांग्रेस के कार्यालय पर राज्य की पुलिस ने कब्जा कर लिया था। श्री भोलानाथ ने अगले दिन ताला तोड़कर कार्यालय पर पुनः अपना अधिकार कर लिया। पुलिस ने मकान पर जबरन कब्जा करने के अपराध में मास्टर जी व अनेक साथियों को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया। इस मामले में मास्टर जी और श्री गुप्ता को अदालत ने कैद की सजाएँ सुनाई। दूसरे विश्व युद्ध के आरम्भ के साथ ही अंग्रेजी सरकार की इच्छानुसार राज्य सरकार ने जनता से “वार फण्ड” में धन वसूल करना प्रारम्भ किया।

मास्टर जी और हरिनारायण जी ने इस वसूली के विरोध में प्रचार करना आरम्भ कर दिया। अतः सरकार ने “भारत रक्षा कानून” (डी.आई.आर) के अन्तर्गत इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से छूटने पर मास्टर जी ने खादी के प्रचार-प्रसार का व्रत लिया और 1940 में पुरजन बिहार में एक विशाल खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रपिता बापू के सचिव श्री महादेव भाई ने किया था। सप्ताह भर चली प्रदर्शनी में विभिन्न नेताओं के भाषण हुए।

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मास्टर जी ने वैसी ही प्रदर्शनी का आयोजन अलवर में भी किया। इसके उद्घाटन के लिए भी बापू ने महादेव भाई को भेजा था। विभिन्न नेताओं के भाषण, महिला सम्मेलन तथा नवस्थली विद्यापीठ की बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत व्यायाम प्रदर्शन इस प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण थे। इस अवसर पर राजस्थान के क्रान्तिकारी कवि श्री सुमनेश जोशी को भी अलवर में आमन्त्रित किया गया था। उनकी अध्यक्षता में वहाँ एक विराट कवि सम्मेलन हुआ। जिसमें सागर निजामी जैसे राष्ट्रीय कवियों भाग लेकर आयोजन को चार चाँद लगा दिये।

श्री भोलानाथ मास्टर को बापू का समर्थन एवं आशीर्वाद प्राप्त होता रहता था । खेड़ा मंगलसिंह नामक गाँव में सम्मेलन आयोजन करने पर मास्टर जी व उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके विरोध में खेड़ा मंगलसिंह और अलवर में कई दिन हड़ताल रही। अन्तत: सरकार ने सभी नेताओं को छोड़ दिया।

स्वतंत्रता सेनानी मास्टर भोलानाथ के आंदोलन

मास्टर भोलानाथ ने राजस्थान की विभिन्न रियासतों का समय-समय पर दौरा किया और वहाँ के जन-आन्दोलनों को सहयोग एवं समर्थन दिया। आपने ‘देशी राज्य लोक परिषद’ के उदयपुर सम्मेलन में भी भाग लिया। मास्टर जी ने प्रजामण्डल का कार्य जिस निष्ठा और तत्परता से किया उसके परिणामस्वरूप वे राज्य प्रजा मण्डल के एक अनिवार्य व्यक्ति बन गए। मास्टर जी व्यास मंत्रिमण्डल में विद्युत, यातायात, पुनर्वास और शिक्षामंत्री रहे । वे 1952 से 62 तक (10 वर्ष) राज्य विधान सभा के तथा 5 वर्ष लोकसभा के सदस्य भी रहे। इन्हें राजस्थान की सर्व प्रथम कांग्रेस कमेटी का महामंत्री बनाया गया। आपने भारत सेवक समाज तथा कोपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया और 1952-57 के आम चुनाव में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी भी रहे। भोलानाथ जी की सेवाएँ राष्ट्रहित में अनुपम और अनुकरणीय रही हैं।

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मास्टर श्री भोलानाथ जी की जीवनी

FAQs

Q- मास्टर भोलानाथ जी कौन थे?

Ans- मास्टर भोलानाथ जी का जन्म अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ में मौजपुर कस्बे में 19 जून, 1911 में हुआ। इनके पिता का नाम मूलचंद था। मास्टर भोलनाथ ने आरम्भ से अलवर की राजशाही से धैर्य, साहस व विवके के साथ अपने साथियों से सहयोग से संघर्ष कर आजादी प्राप्त की थी। मास्टर भोलानाथ पर महात्मा गाँधी का बहुत प्रभाव पड़ा। महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन शांतिपूर्ण चलाया जा रहा था।

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