Biography of Gorjadevi Joshi Ba- गोरजादेवी जोशी बा जोधपुर की पहली महिला थी जिसने 1942 के सरकार के खिलाफ आन्दोलन किया। अपनी परम्परागत पोशाक को छोड़कर खादी की साड़ी धारण कर हाथ पर में तिरंगा लेकर जोधपुर की सड़कों पर सत्याग्रह किया। गोरजादेवी जोशी बा के इस साहसपूर्ण कार्य से प्रेरित होकर कई अन्य महिलाएं भी सत्याग्रह करने को आग आ गई थी। गोरजादेवी जोशी बा आम लोगों में छोटी बाई के नाम से जानी जाती थी। श्रीमती गोरजादेवी जोशी बा के तीन पुत्र सुमनेश जोशी, लप्सा बेडवाल और चम्पालाल जोशी भी इसी राष्ट्रीय आन्दोलन में वर्षों और महीनों तक जोधपुर सेन्ट्रल जेल में और अन्य किलों में बन्द रहे थे।
गोरजादेवी जोशी बा को यह गौरव प्राप्त है कि उसने अपने पूरे परिवार के साथ स्वातन्त्र्य में अपनी आहूति चढ़ाई थी। श्रीमती गोरजादेवी जोशी बा को गिरफ्तार करने के बाद 9 महीने से कुछ अधिक समय तक जेल में रखा गया। जेल से मुक्त होने के बाद गोरजादेवी जोशी बा ने जीवन पर्यन्त महिला जागरण के लिए निरन्तर कार्य किया।
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श्रीमती गोरजादेवी जोधपुर की पहली महिला हैं, जिन्होंने 1942 में जिम्मेदार हुकूमत आन्दोलन के अवसर पर अपनी परम्परागत पौशाक को छोड़कर खादी की साड़ी धारण की और हाथ में तिरंगा झण्डा लेकर जोधपुर की सड़कों पर सत्याग्रह के लिए निकल पड़ीं। नारी कंठ के जोशीले नारों से दर्शक भी फड़क उठते थे श्रीमती गोरजादेवी के उस अभूतपूर्व कार्य से कई महिलाएँ आगे आई। श्रीमती गोरजादेवी “बा” आम लोगों में छोटी बाई के नाम से जानी जाती रही हैं। गोरजादेवी “बा” को 9 महीने से कुछ अधिक समय तक जेल में रखा था।
जेल से मुक्त होने के बाद उन्होंने जीवन पर्यन्त महिला जागरण लिए निरन्तर कार्य किया । श्रीमती गोरजादेवी के ज्येष्ठ पुत्र श्री सुमनेश जोशी राजस्थान के क्रान्तिकारी कवि, महान् लेखक एवं स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते हैं। माता का प्रभाव अपनी सन्तती पर होना स्वाभाविक ही है। श्री जोशी एवं उनके भाइयों ने भी विभिन्न आन्दोलनों में भाग लेकर देश सेवा में योगदान दिया और जेल यात्रा की।
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स्वतंत्रता सेनानी गोरजा देवी “बा”
FAQs
Ans-गोरजा देव जोशी राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानी थी, उन्होंने अपनी परम्परागत पोशाक को छोड़कर खादी की साड़ी धारण कर हाथ पर में तिरंगा लेकर जोधपुर की सड़कों पर सत्याग्रह किया। गोरजा देवाी के इस साहसपूर्ण कार्य से प्रेरित होकर कई अन्य महिलाएं भी सत्याग्रह करने को आग आ गई थी.