Veer Tejaji Maharaj || वीर तेजाजी के चमत्कार,भजन, जीवन परिचय

By | September 3, 2023
Veer Tejaji Maharaj
Veer Tejaji Maharaj

तेजाजी कौन थे?

दोस्तों हम यहां शेयर कर रहे है वीर तेजाजी महाराज की वो रोचक जानकारी जिसके बारे में आज से पहले शायद ही आपको पता होगी. Veer Tejaji Maharaj (वीर तेजाजी माहराज) राजस्थान के लोक देवता है. वीर तेजाजी माहराज राजस्थान के सब से ज्यादा लोकमान्य वाले देवता है. वीर तेजाजी माहराज को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार माना जाता है. और उनका जन्म एक नागवंशी जाट घराने में हुआ था. वीर तेजा या तेजाजी माहराज एक राजस्थानी लोक देवता हैं. उन्हें शिव के प्रमुख ग्यारह अवतारों में से एक माना जाता है. और राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पंजाब,जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में देवता के रूप में पूजा जाता है.

वीर तेजाजी माहराज का जन्म विक्रम संवत 1130 माघ सुदी चौदस (गुरुवार 29 जनवरी 1074, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) के दिन खरनाल नागौर राजस्थान में जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता राजस्थान में नागौर जिले के खरनाल गांव (कबीले) के मुखिया ताहड़ जी थे. उनकी माता का नाम राम कंवरी था.

राजस्थान के जिलों का इतिहास और पर्यटक स्थल और रोचक जानकारी

झुंझुनू जिले का इतिहास और झुंझुनू क्यों प्रसिद्ध हैझुंझुनू के प्रसिद्ध घूमने लायक जगह
चूरू जिले का इतिहास और चूरू क्यों प्रसिद्ध हैचूरू के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
नागौर जिले का इतिहास और नागौर क्यों प्रसिद्ध हैबीकानेर जिले का इतिहास और बीकानेर क्यों प्रसिद्ध है
सीकर जिले का इतिहास और सीकर क्यों प्रसिद्ध हैटोंक जिले का इतिहास और टोंक क्यों प्रसिद्ध है
जोधपुर जिले का इतिहास और जोधपुर क्यों प्रसिद्ध हैकोटा जिले का इतिहास और कोटा क्यों प्रसिद्ध है
अजमेर जिले का इतिहास और अजमेर क्यों प्रसिद्ध हैबूंदी जिले का इतिहास और बूंदी क्यों प्रसिद्ध है
भीलवाड़ा जिले का इतिहास और भीलवाड़ा क्यों प्रसिद्ध हैबारा जिले का इतिहास और बारा क्यों प्रसिद्ध है
झालावाड जिले का इतिहास और झालावाड क्यों प्रसिद्ध हैश्रीगंगानगर जिले का इतिहास और श्रीगंगानगर क्यों प्रसिद्ध है
हनुमानगढ़ जिले का इतिहास और हनुमानगढ़ क्यों प्रसिद्ध हैपाली जिले का इतिहास और पाली क्यों प्रसिद्ध है
सिरोही जिले का इतिहास और सिरोही क्यों प्रसिद्ध हैशेखावाटी का इतिहास
Veer Tejaji Maharaj
https://www.youtube.com/watch?v=DZtZ4-P4ZxE&t=53s

Summary

नामतेजाजी (Veer Tejaji Maharaj)
उपनामवीर तेजा,
जन्म स्थानखड़नाल/खरनाल (नागौर)
पिता जी का नामताहड़ देव जी
माता जी का नामश्रीमती राम कंवरी जी
पत्नी का नामश्रीमती पेमल जी
वीर तेजाजी की शादी के समय क्या उम्र थी?9 महीने
तेजाजी की पत्नी पेमल जी की शादी के समय क्या उम्र थी?6 महीने
बहन का नामराजल
भाइयों के नामरुपजी, रणजी, गुणजी, महेश जी, नगजी
भाभियों के नामरतनाई, शेरां, रीतां, राजा, माया
घोड़ी का नामलीलण
तेजाजी का भोगगाय का कच्चा दूध, नारियल और मिश्री
तेजाजी प्रमुख शस्त्रभाला
वंसनागवंश
गौत्र धौल्या गौत्र (धौल्या जाट)
धर्म हिन्दू
अवतारभगवान शिव का ग्यारहवां अवतार
देशभारत
राज्यराजस्थान
जिलानागौर
पोस्ट श्रेणीVeer Tejaji Maharaj (वीर तेजाजी महाराज)
Veer Tejaji Maharaj

सालासर बालाजी चुरू की रोचक जानकारी

What Is Teja dashmi? (तेजा दशमी क्या है?)

हिंदू सनातन धर्म के अलावा स्थानीय परिदृश्य में अनेक लोक देवताओं के पूजन की परंपरा चली आ रही है. इन्हीं में से एक है वीर तेजाजी महाराज. वीर तेजाजी माहराज का पूजन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन तेजा दशमी पर्व मनाया जाता है. मध्यप्रदेश और राजस्थान उत्तरप्रदेश मध्य्प्रदेश पंजाब हरियाणा में गांव-गांव में तेजा दशमी मनाई जाती है. और इस दिन अनेक जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में मेले का भी आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर तेजाजी का पूजन किया जाता है.

Amazing Facts About Veer Tejaji Maharaj? (वीर तेजाजी रोचक जानकारी)

  • वीर तेजाजी के वंशज मध्यभारत के खिलचीपुर से आकर मारवाड़ में बसे थे. नागवंश के धवलराव अर्थात धौलाराव के नाम पर धौल्या गौत्र शुरू हुआ. तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया, खड़नाल परगने में 24 गांव थे.
  • Veer तेजाजी माहराज का विवाह बचपन में ही पनेर गाँव में रायमलजी की पुत्री पेमल के साथ पुष्कर अजमेर में हो गया था. वीर तेजाजी माहराज की उम्र 9 महीने थी और पेमल जी की उम्र 6 महीने थी.
  • लाछा गूजरी (हरा गुज़री) तेजाजी की पत्नी पेमल की सहेली थी। जिसकी गायों को मेर(Ajmer) के मीणाओं से मुक्त कराने हेतु तेजाजी ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था.
  • गाँव का चबूतरा वीर तेजाजी का थान कहलाता है.
  • सांप के ज़हर के तोड़ के रूप में गौ मूत्र और गोबर की राख के प्रयोग की शुरूआत सबसे पहले वीर तेजाजी माहराज ने की थी.
  • वीर तेजाजी माहराज की घोडी का नाम लीलण (सिणगारी) था. तेजाजी नागवंशीय जाट(धोलिये) थे.
  • वीर तेजाजी महाराज की माता का नाम राजकुंवरी व पिता ताहड़जी था. इनका विवाह पनेर /पनेहर गाँव (अब के अजमेर जिले मे) रामचन्द्र जाट की पुत्री पेमल के साथ हुआ था.
  • पुरानी कहावतों के अनुसार जब किसी को सर्प दंश हो तो भोपे में तेजाजी की आत्मा आ जाती हैं. और वह जहर चूसकर सर्प दंश से पीडित व्यक्ति को ठीक कर सकता है। इसलिए भोपे को तेजाजी का घोड़ला भी कहा जाता है.
  • वीर तेजाजी महराज को ‘ काला और बाला ‘ का देवता / साँपों का देवता / धोलियावीर / गायों का मुक्तिदाता तथा कृषि कार्यों का उपकारक देवता कहा जाता है.
  • किसान हल चलाने से पूर्व तेजाजी का स्मरण करते है.
  • वीर तेजाजी माहराज को लेकर रचे गये लोक साहित्य को तेजा टेर/तेजा गीत’ कहा जाता है.
  • वीर तेजाजी माहराज पर 2011 में पांच रूपये की डाक-टिकट जारी की गई.

Veer Tejaji Maharaj का अपनी भाभी से संवाद

जब तेजाजी माहराज खेत में काम करते हुए खाने का समय पुरा होने के बाद खाना मिलने पर तेजाजी बोले-

बैल्या भूखा रात का बिना कलेवे तेज।भावज थासूं विनती कठै लगाई जेज।।

अपने देवर वीर तेजाजी के गुस्से को भाभी झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी, उसने चिढने के लहजे में कहा-

मण पिस्यो मण पोयो कँवर तेजा रॅ
मण को रान्यो खाटो खीचड़ो।
लीलण खातर दल्यो दाणों कँवर तेजा रॅ
साथै तो ल्याई भातो निरणी।
दौड़ी लारॅ की लारॅ आई कँवर तेजा रॅ
म्हारा गीगा न छोड़ आई झूलै रोवतो।
ऐहड़ा कांई भूख भूखा कँवर तेजा रॅ
थारी तो परण्योड़ी बैठी बाप कॅ

भाभी का ये जवाब सुनकर सब से पहले वीर तेजाजी अपनी माँ के पास गए और उनसे अपनी शादी की बात जानकारी ली और अपनी पत्नी को लेने घर से निकल पड़े।

ऐ सम्हाळो थारी रास पुराणी भाभी म्हारा ओ
अब म्हे तो प्रभात जास्यां सासरॅ
हरिया-हरिया थे घास चरल्यो बैलां म्हारा ओ
पाणिड़ो पीवो नॅ थे गैण तळाव रो।

Veer Tejaji Maharajगोगाजी माहराज

वीर तेजाजी महाराज का माँ से संवाद

वीर तेजाजी खेत से सीधे घर आते और कहा-माँ मेरी शादी कहाँ और किसके साथ तय हुई? तेजाजी की माँ को खरनाल और पनेर की दुश्मनी याद आ गई पर अब बताने को मजबूर होकर माँ बोली-

ब्याव होतां ही खाण्डा खड़कग्या बेटा बैर बढ़गो।
थारां बाप कै हाथा सूं छोरी को मामों मरगो।
थारो मामोसा परणाया पीळा-पोतड़ा।
गढ़ पनेर पड़ॅ ससुराल कँवर तेजा रॅ
रायमल जी री पेमल थारी गौरजां।

पुराने रिवाज के अनुसार वीर तेजाजी का विवाह उनके ताऊ बक्सा राम जी ने ही तय किया था। वीर तेजाजी माहराज के मामा ने शादी की मुहर लगाई। तेजाजी का विवाह रायमल की बेटी के साथ पीले पोतड़ों में होना बताया।

Veer Tejaji Maharajबाबा रामदेव जी

वीर तेजाजी महाराज की वीरगति

लाछा गूजरी (हरा गुज़री) वीर तेजाजी महराज की पत्नी की सहेली थी. जिसकी गायों को मेर (अजमेर) के मीणाओं से मुक्त कराने हेतु वीर तेजाजी ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था. सर्प व कुत्ते काटे प्राणी के स्वस्थ होने हेतु वीर तेजाजी महराज की पूजा की जाती है. तेजाजी की कर्मस्थली तथा प्रमुख तीर्थस्थल बूंदी का बासी दुगारी क्षेत्र है. इनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी पत्नी पैमलदे सती हुईं थी. तेजाजी की मृत्यु का समाचार उनकी घोडी लीलण द्वारा उनके घर पहुंचाया गया. तेजाजी की अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे से 10 किमी. दूर सैंदरिया गाव मे सर्प ने डसा तो सुरसूरा (किशनगढ-अजमेर) में उनकी मृत्यु हुई थी. भांवता (अजमेर) में स्थित तेजाजी के मंदिर में सर्पदंश से पीडित व्यक्ति की गोमूत्र से निःशुल्क चिकित्सा की जाती है.

गोगाजी महाराज की रोचक जानकारी

Agra Taj Mahal Was Veer Tejaji Mandir? (आगरा ताजमहल क्या वीर तेजाजी मंदिर था?)

दोस्तो जैसे आप को पता ही है वीर तेजाजी माहराज के भारत में अनेक मंदिर हैं. वीर तेजाजी माहराज का मुख्य मंदिर राजस्थान के नागौर के खरनाल में हैं. वीर तेजाजी माहराज के मंदिर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गजरात तथा हरयाणा पंजाब में हैं. विकिपीडिया से प्रपात जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध इतिहासकार श्री पी.एन. ओक का दावा है कि ताजमहल शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजो महालय है. आगरा मुख्यतः जाटों की नगरी रहा है.

जाट लोग भगवान शिव को तेजाजी के नाम से जानते हैं. The Illustrated Weekly of India के जाट विशेषांक (28 जून 1971) के अनुसार जाट लोगों के तेजा मंदिर हुआ करते थे. अनेक शिवलिंगों में एक तेजलिंग भी होता है जिसके जाट लोग उपासक थे. इस वर्णन से भी ऐसा प्रतीत होता है कि ताजमहल भगवान तेजाजी का निवासस्थल तेजोमहालय था. श्री पी.एन. ओक अपनी पुस्तक Tajmahal is a Hindu Temple Palace में 100 से भी अधिक प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है. इस लिए कुछ और इतिहासकार भी तेजाजी की वजह से ताजमहल और तेजोमहालय से जोड़ कर देखते है.

पाबूजी महाराज की रोचक जानकारी

भारत के महान साधु संतों की जीवनी और रोचक जानकारी

भगवान श्री राम की जीवनीभगवान श्री कृष्ण की जीवनी
भीष्म पितामह की जीवनीराधा स्वामी सत्संग इतिहास और गुरु जीवनी
आदिगुरु शंकराचार्य जी की जीवनीकृष्णसखा सुदामा जी की जीवनी
भगवान महादानी राजा बालिक की जीवनीमीराबाई की जीवनी
राजा हरिश्चंद्र जी की जीवनीगौतम बुद्ध की जीवनी
संत झूलेलाल जी की जीवनीगुरु नानक की जीवनी और चमत्कार
महर्षि वाल्मीकि जी की जीवनीश्री जलाराम बापा की जीवनी
संत ज्ञानेश्वर जी की जीवनीरानी पद्मिनी की जीवनी
गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनीपन्ना धाय की जीवनी
भक्त पीपा जी की जीवनीमहाराणा कुंभा की जीवनी
गुरुभक्त एकलव्य जी की जीवनीमहाराणा सांगा की जीवनी
वेद व्यास जी की जीवनीसमर्थ गुरु रामदास की जीवनी
स्वामी हरिदास जी की जीवनीवेदव्यास जी की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु अर्जुन देव की जीवनी
चैतन्य महाप्रभु की जीवनीदेवनारायण का जीवन परिचय
महर्षि दधीचि की जीवनीमहर्षि रमण का जीवन परिचय
स्वामी दादू दयाल की जीवनीरंतीदेव जी की जीवनी
संत नामदेव की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
सन्त एकनाथ की जीवनीसन्त तुकाराम की जीवनी
संत रैदास की जीवनीसंत गुरु घासीदास जी की जीवनी
संत तिरुवल्लुवर की जीवनीसेवा मूर्ति ठक्कर बापा की जीवनी
स्वामी रामतीर्थ जी की जीवनीसंत माधवाचार्य जी की जीवनी
संत वल्लभाचार्य जी की जीवनीमत्स्येंद्रनाथ जी की जीवनी
राजर्षि अंबरीश की जीवनीदिव्यदृष्टा संजय की जीवनी
ठाकुर बिल्वमंगल की जीवनीगुरु तेग बहादुर की जीवनी
सप्तऋषियों की जीवनीमलूकदास जी की जीवनी
निम्बार्काचार्य जी की जीवनीसंत शेख सादी की जीवनी
भक्त प्रह्लाद की जीवनीमहारथी कर्ण की जीवनी
भक्त बालक ध्रुव की जीवनीजिज्ञासु नचिकेता की जीवनी
महारथी कर्ण की जीवनीगुरु भक्त अरुणी की जीवनी
भक्त उपमन्यु की जीवनीकृष्ण सखा उद्धव की जीवनी
महावीर स्वामी की जीवनीओशो की जीवनी

1857 ईस्वी की क्रांति और उनके वीरों की रोचक जानकारी

1857 ईस्वी क्रांति के महान वीरों की गाथा1857 की क्रांति में महान रानियों का योगदान
अजीजन बेगम की जीवनीअकबर खान की जीवनी
अज़ीमुल्लाह खान की जीवनीपृथ्वीराज चौहान III की जीवनी
आनंद सिंह जी की जीवनीअवन्ति बाई लोधी की जीवनी
अमरचंद बांठिया जी की जीवनीस्वामी दयानंद सरस्वती जी की जीवनी
बंसुरिया बाबा की जीवनीतात्या टोपे की जीवनी
मंगल पांडे की जीवनीमहारानी तपस्विनी की जीवनी
बेगम हजरत महल की जीवनीगोविंद गिरि की जीवनी
भास्कर राव बाबासाहेब नरगुंडकर कौन थेकुमारी मैना की जीवनी
महारानी जिंदा कौर की जीवनीवीर सुरेंद्र साय की जीवनी
झलकारी बाई की जीवनीवृंदावन तिवारी की जीवनी
तिलका मांझी की जीवनीसूजा कंवर राजपुरोहित की जीवनी
पीर अली की जीवनीबाबू कुंवर सिंह की जीवनी
ईश्वर कुमारी की जीवनीठाकुर कुशल सिंह की जीवनी
उदमी राम की जीवनीचौहान रानी की जीवनी
जगत सेठ रामजीदास गुड़ वाला की जीवनीजगजोत सिंह की जीवनी
ज़ीनत महल की जीवनीजैतपुर रानी की जीवनी
जोधारा सिंह जी की जीवनीटंट्या भील की जीवनी
ठाकुर रणमत सिंह की जीवनीनरपति सिंह जी की जीवनी
दूदू मियां की जीवनीनाहर सिंह जी की जीवनी
मौलवी अहमदुल्लाह फैजाबादी की जीवनीखान बहादुर खान की जीवनी
गोंड राजा शंकर शाह की जीवनीरंगो बापूजी गुप्ते की जीवनी
बरजोर सिंह की जीवनीराजा बलभद्र सिंह की जीवनी
रानी तेजबाई की जीवनीवीर नारायण सिंह जी की जीवनी
वारिस अली की जीवनीवलीदाद खान की जीवनी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की जीवनीनाना साहब पेशवा की जीवनी
राव तुलाराम की जीवनीबाबू अमर सिंह जी की जीवनी
रिचर्ड विलियम्स की जीवनीबहादुर शाह ज़फ़री की जीवनी
राव रामबख्श सिंह की जीवनीभागीरथ सिलावट की जीवनी
महाराणा बख्तावर सिंह की जीवनीअहमदुल्लाह की जीवनी
Veer Tejaji Maharaj

भारत के प्रमुख युद्ध

हल्दीघाटी का युद्धहल्दीघाटी का युद्ध 1576 ईचित्तौड़गढ़ किला
विश्व की प्राचीन सभ्यताएंझेलम का युद्धकलिंग युद्ध का इतिहास
1845 ई. में सिखों और अंग्रेजों का युद्धभारत चीन युद्ध 1962कश्मीर का इतिहास और युद्ध 1947-1948
सोमनाथ का युद्धतराइन का प्रथम युद्धतराइन का दूसरा युद्ध
पानीपत का प्रथम युद्धपानीपत की दूसरी लड़ाईपानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई
खानवा की लड़ाई 1527नादिरशाह का युद्ध 1739 ईसवीप्लासी का युद्ध 1757 ई
Veer Tejaji Maharaj

भारत के राज्य उनका इतिहास और घूमने लायक जगह

जम्मू कश्मीर का इतिहास और पर्यटन स्थलहिमाचल प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थल
पंजाब का इतिहास और पर्यटन स्थलहरियाणा का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तराखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलपश्चिम बंगाल का इतिहास और पर्यटन स्थल
झारखंड का इतिहास और पर्यटन स्थलबिहार का इतिहास और पर्यटन स्थल
उत्तर प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलराजस्थान का इतिहास और पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश का इतिहास और पर्यटन स्थलछत्तीसगढ़ का इतिहास और पर्यटन स्थल
उड़ीसा का इतिहास और पर्यटन स्थलगुजरात का इतिहास और पर्यटन स्थल
Veer Tejaji Maharaj

FQAs

Q- वीर तेजाजी महाराज का जन्म स्थान का क्या नाम है?

Ans- वीर तेजाजी महाराज का जन्म राजस्थान राज्य के नागौर जिले में खरनाल गांव में हुआ था.

Q- सांपो के देवता के रूप में कौन पूजे जाते है?

Ans- वीर तेजाजी महराज को सांपो के देवता के रूप में पूजा की जाती है.

Q- लोक देवता वीर तेजाजी महाराज का पवित्र तीर्थ स्थल बासी दुगारी कहा स्थित है?

Ans- राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है.

Q- वीर तेजाजी धाम सुरसरा राजस्थान के किस जिले में स्थित है?

Ans-राजस्थान के अजमेर जिले में वीर तेजाजी धाम सुरसरा स्थित है.

Q- राजस्थान के किस लोक देवता ने गुर्जर की गायो को मेवों के मीणाओं से छुड़वाने हेतु अपने प्राणो की आहुति दी थी?

Ans- वीर तेजाजी माहराज ने अपने प्राणो की आहुति मीणाओं से गुर्ज्जरों की गायो को छुड़ाने के लिए दी थी. इस लिए इनको गायों की रसक्षा वाले देवता भी कहा जाता है.

Q- वीर तेजाजी को किस का अवतार माना जाता है?

Ans- वीर तेजाजी महाराज को शिव जी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है.

Rajasthan Tourism Official Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *