तेजाजी कौन थे?
दोस्तों हम यहां शेयर कर रहे है वीर तेजाजी महाराज की वो रोचक जानकारी जिसके बारे में आज से पहले शायद ही आपको पता होगी. Veer Tejaji Maharaj (वीर तेजाजी माहराज) राजस्थान के लोक देवता है. वीर तेजाजी माहराज राजस्थान के सब से ज्यादा लोकमान्य वाले देवता है. वीर तेजाजी माहराज को भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार माना जाता है. और उनका जन्म एक नागवंशी जाट घराने में हुआ था. वीर तेजा या तेजाजी माहराज एक राजस्थानी लोक देवता हैं. उन्हें शिव के प्रमुख ग्यारह अवतारों में से एक माना जाता है. और राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पंजाब,जम्मू कश्मीर आदि राज्यों में देवता के रूप में पूजा जाता है.
वीर तेजाजी माहराज का जन्म विक्रम संवत 1130 माघ सुदी चौदस (गुरुवार 29 जनवरी 1074, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) के दिन खरनाल नागौर राजस्थान में जाट परिवार में हुआ था. उनके पिता राजस्थान में नागौर जिले के खरनाल गांव (कबीले) के मुखिया ताहड़ जी थे. उनकी माता का नाम राम कंवरी था.
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Summary
नाम | तेजाजी (Veer Tejaji Maharaj) |
उपनाम | वीर तेजा, |
जन्म स्थान | खड़नाल/खरनाल (नागौर) |
पिता जी का नाम | ताहड़ देव जी |
माता जी का नाम | श्रीमती राम कंवरी जी |
पत्नी का नाम | श्रीमती पेमल जी |
वीर तेजाजी की शादी के समय क्या उम्र थी? | 9 महीने |
तेजाजी की पत्नी पेमल जी की शादी के समय क्या उम्र थी? | 6 महीने |
बहन का नाम | राजल |
भाइयों के नाम | रुपजी, रणजी, गुणजी, महेश जी, नगजी |
भाभियों के नाम | रतनाई, शेरां, रीतां, राजा, माया |
घोड़ी का नाम | लीलण |
तेजाजी का भोग | गाय का कच्चा दूध, नारियल और मिश्री |
तेजाजी प्रमुख शस्त्र | भाला |
वंस | नागवंश |
गौत्र | धौल्या गौत्र (धौल्या जाट) |
धर्म | हिन्दू |
अवतार | भगवान शिव का ग्यारहवां अवतार |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
जिला | नागौर |
पोस्ट श्रेणी | Veer Tejaji Maharaj (वीर तेजाजी महाराज) |
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What Is Teja dashmi? (तेजा दशमी क्या है?)
हिंदू सनातन धर्म के अलावा स्थानीय परिदृश्य में अनेक लोक देवताओं के पूजन की परंपरा चली आ रही है. इन्हीं में से एक है वीर तेजाजी महाराज. वीर तेजाजी माहराज का पूजन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन तेजा दशमी पर्व मनाया जाता है. मध्यप्रदेश और राजस्थान उत्तरप्रदेश मध्य्प्रदेश पंजाब हरियाणा में गांव-गांव में तेजा दशमी मनाई जाती है. और इस दिन अनेक जगहों पर तेजाजी के मंदिरों में मेले का भी आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि सर्पदंश से बचने के लिए वीर तेजाजी का पूजन किया जाता है.
Amazing Facts About Veer Tejaji Maharaj? (वीर तेजाजी रोचक जानकारी)
- वीर तेजाजी के वंशज मध्यभारत के खिलचीपुर से आकर मारवाड़ में बसे थे. नागवंश के धवलराव अर्थात धौलाराव के नाम पर धौल्या गौत्र शुरू हुआ. तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया, खड़नाल परगने में 24 गांव थे.
- Veer तेजाजी माहराज का विवाह बचपन में ही पनेर गाँव में रायमलजी की पुत्री पेमल के साथ पुष्कर अजमेर में हो गया था. वीर तेजाजी माहराज की उम्र 9 महीने थी और पेमल जी की उम्र 6 महीने थी.
- लाछा गूजरी (हरा गुज़री) तेजाजी की पत्नी पेमल की सहेली थी। जिसकी गायों को मेर(Ajmer) के मीणाओं से मुक्त कराने हेतु तेजाजी ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था.
- गाँव का चबूतरा वीर तेजाजी का थान कहलाता है.
- सांप के ज़हर के तोड़ के रूप में गौ मूत्र और गोबर की राख के प्रयोग की शुरूआत सबसे पहले वीर तेजाजी माहराज ने की थी.
- वीर तेजाजी माहराज की घोडी का नाम लीलण (सिणगारी) था. तेजाजी नागवंशीय जाट(धोलिये) थे.
- वीर तेजाजी महाराज की माता का नाम राजकुंवरी व पिता ताहड़जी था. इनका विवाह पनेर /पनेहर गाँव (अब के अजमेर जिले मे) रामचन्द्र जाट की पुत्री पेमल के साथ हुआ था.
- पुरानी कहावतों के अनुसार जब किसी को सर्प दंश हो तो भोपे में तेजाजी की आत्मा आ जाती हैं. और वह जहर चूसकर सर्प दंश से पीडित व्यक्ति को ठीक कर सकता है। इसलिए भोपे को तेजाजी का घोड़ला भी कहा जाता है.
- वीर तेजाजी महराज को ‘ काला और बाला ‘ का देवता / साँपों का देवता / धोलियावीर / गायों का मुक्तिदाता तथा कृषि कार्यों का उपकारक देवता कहा जाता है.
- किसान हल चलाने से पूर्व तेजाजी का स्मरण करते है.
- वीर तेजाजी माहराज को लेकर रचे गये लोक साहित्य को तेजा टेर/तेजा गीत’ कहा जाता है.
- वीर तेजाजी माहराज पर 2011 में पांच रूपये की डाक-टिकट जारी की गई.
Veer Tejaji Maharaj का अपनी भाभी से संवाद
जब तेजाजी माहराज खेत में काम करते हुए खाने का समय पुरा होने के बाद खाना मिलने पर तेजाजी बोले-
अपने देवर वीर तेजाजी के गुस्से को भाभी झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी, उसने चिढने के लहजे में कहा-
भाभी का ये जवाब सुनकर सब से पहले वीर तेजाजी अपनी माँ के पास गए और उनसे अपनी शादी की बात जानकारी ली और अपनी पत्नी को लेने घर से निकल पड़े।
गोगाजी माहराज
वीर तेजाजी महाराज का माँ से संवाद
वीर तेजाजी खेत से सीधे घर आते और कहा-माँ मेरी शादी कहाँ और किसके साथ तय हुई? तेजाजी की माँ को खरनाल और पनेर की दुश्मनी याद आ गई पर अब बताने को मजबूर होकर माँ बोली-
बाबा रामदेव जी
वीर तेजाजी महाराज की वीरगति
लाछा गूजरी (हरा गुज़री) वीर तेजाजी महराज की पत्नी की सहेली थी. जिसकी गायों को मेर (अजमेर) के मीणाओं से मुक्त कराने हेतु वीर तेजाजी ने अपने जीवन को दांव पर लगा दिया था. सर्प व कुत्ते काटे प्राणी के स्वस्थ होने हेतु वीर तेजाजी महराज की पूजा की जाती है. तेजाजी की कर्मस्थली तथा प्रमुख तीर्थस्थल बूंदी का बासी दुगारी क्षेत्र है. इनकी मृत्यु के पश्चात् उनकी पत्नी पैमलदे सती हुईं थी. तेजाजी की मृत्यु का समाचार उनकी घोडी लीलण द्वारा उनके घर पहुंचाया गया. तेजाजी की अजमेर जिले के ब्यावर कस्बे से 10 किमी. दूर सैंदरिया गाव मे सर्प ने डसा तो सुरसूरा (किशनगढ-अजमेर) में उनकी मृत्यु हुई थी. भांवता (अजमेर) में स्थित तेजाजी के मंदिर में सर्पदंश से पीडित व्यक्ति की गोमूत्र से निःशुल्क चिकित्सा की जाती है.
Agra Taj Mahal Was Veer Tejaji Mandir? (आगरा ताजमहल क्या वीर तेजाजी मंदिर था?)
दोस्तो जैसे आप को पता ही है वीर तेजाजी माहराज के भारत में अनेक मंदिर हैं. वीर तेजाजी माहराज का मुख्य मंदिर राजस्थान के नागौर के खरनाल में हैं. वीर तेजाजी माहराज के मंदिर राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गजरात तथा हरयाणा पंजाब में हैं. विकिपीडिया से प्रपात जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध इतिहासकार श्री पी.एन. ओक का दावा है कि ताजमहल शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजो महालय है. आगरा मुख्यतः जाटों की नगरी रहा है.
जाट लोग भगवान शिव को तेजाजी के नाम से जानते हैं. The Illustrated Weekly of India के जाट विशेषांक (28 जून 1971) के अनुसार जाट लोगों के तेजा मंदिर हुआ करते थे. अनेक शिवलिंगों में एक तेजलिंग भी होता है जिसके जाट लोग उपासक थे. इस वर्णन से भी ऐसा प्रतीत होता है कि ताजमहल भगवान तेजाजी का निवासस्थल तेजोमहालय था. श्री पी.एन. ओक अपनी पुस्तक Tajmahal is a Hindu Temple Palace में 100 से भी अधिक प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है. इस लिए कुछ और इतिहासकार भी तेजाजी की वजह से ताजमहल और तेजोमहालय से जोड़ कर देखते है.
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Ans- वीर तेजाजी महाराज का जन्म राजस्थान राज्य के नागौर जिले में खरनाल गांव में हुआ था.
Ans- वीर तेजाजी महराज को सांपो के देवता के रूप में पूजा की जाती है.
Ans- राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है.
Ans-राजस्थान के अजमेर जिले में वीर तेजाजी धाम सुरसरा स्थित है.
Ans- वीर तेजाजी माहराज ने अपने प्राणो की आहुति मीणाओं से गुर्ज्जरों की गायो को छुड़ाने के लिए दी थी. इस लिए इनको गायों की रसक्षा वाले देवता भी कहा जाता है.
Ans- वीर तेजाजी महाराज को शिव जी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है.